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राजधानी का शहीद पथ बना 'हादसों का पथ'

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित शहीद पथ इन दिनों हादसों का पथ बन गया है. यही वजह है कि अब लोग इस हाईवे पर सफर करने से बचते नजर आ रहे हैं. शहीद पथ पर लगातार हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है.

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Published : Nov 24, 2020, 8:08 AM IST

शहीद पथ पर बढ़ रहे हादसे.
शहीद पथ पर बढ़ रहे हादसे.

लखनऊ: राजधानी में इन दिनों सड़कों पर हादसों की रफ्तार बढ़ गई है. कुछ सड़कें पर हुए हादसे तो इस तरह से चर्चित हो गए हैं कि इन पर अब लोग चलने से डरते हैं. इनमें से शहीद पथ भी ऐसी ही एक सड़क बन चुकी है. यह सड़क 22 किलोमीटर लंबी है, लेकिन निर्माण की तिथि से लेकर आज तक इस सड़क पर सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं.

शहीद पथ पर बढ़ रहे हादसे.

पिछले 1 सप्ताह के भीतर ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा है, जब शहीद पथ पर कोई हादसा न हुआ हो. फिलहाल यातायात विभाग की तरफ से शहीद पथ पर हो रहे हादसों को रोकने के लिए काम तो हो रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है. इस साल 8 महीने के भीतर ही शहीद पथ पर 22 दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं. इन हादसों में 12 लोगों की मौत हुई है और 13 लोग घायल हुए हैं. यह वह आंकड़े हैं जो दर्ज किए गए हैं, लेकिन न दर्ज होने वाले आंकड़ों की संख्या कहीं ज्यादा है.

शहीद पथ बन चुका है हादसों का पथ

शहीद पथ का जब निर्माण किया गया तो इसे शहर के लिए वरदान के रूप में देखा जा रहा था. क्योंकि इससे जाम से मुक्ति मिलने वाली थी. लेकिन आज यह सड़क लगातार हो रहे हादसों के कारण चर्चा में है. वैसे तो इस सड़क पर रोज हादसे होते हैं, लेकिन इनमें से दर्ज होने वाले हादसों की संख्या चौथाई से भी कम है. इस कारण यातायात विभाग ने इस पूरे सड़क को ही दुर्घटना बाहुल्य सड़क घोषित कर रखा है.

शहीद पथ पर चलने से लगता है डर

शहीद पथ कई राष्ट्रीय राजमार्गों को राजधानी लखनऊ से जोड़ने का काम करती है. इनमें से कानपुर और फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्रमुख हैं. वहीं इस सड़क पर आए दिन हो रहे हादसों को देखकर अब लोगों को इस पर चलने से डर लगता है. शहीद पथ पर हो रहे ज्यादातर सड़क हादसे ओवर स्पीडिंग के चलते होते हैं. क्योंकि इस सड़क पर निर्धारित सीमा से दोगुनी गति से वाहन दौड़ते हैं.

लखनऊ: राजधानी में इन दिनों सड़कों पर हादसों की रफ्तार बढ़ गई है. कुछ सड़कें पर हुए हादसे तो इस तरह से चर्चित हो गए हैं कि इन पर अब लोग चलने से डरते हैं. इनमें से शहीद पथ भी ऐसी ही एक सड़क बन चुकी है. यह सड़क 22 किलोमीटर लंबी है, लेकिन निर्माण की तिथि से लेकर आज तक इस सड़क पर सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं.

शहीद पथ पर बढ़ रहे हादसे.

पिछले 1 सप्ताह के भीतर ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा है, जब शहीद पथ पर कोई हादसा न हुआ हो. फिलहाल यातायात विभाग की तरफ से शहीद पथ पर हो रहे हादसों को रोकने के लिए काम तो हो रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है. इस साल 8 महीने के भीतर ही शहीद पथ पर 22 दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं. इन हादसों में 12 लोगों की मौत हुई है और 13 लोग घायल हुए हैं. यह वह आंकड़े हैं जो दर्ज किए गए हैं, लेकिन न दर्ज होने वाले आंकड़ों की संख्या कहीं ज्यादा है.

शहीद पथ बन चुका है हादसों का पथ

शहीद पथ का जब निर्माण किया गया तो इसे शहर के लिए वरदान के रूप में देखा जा रहा था. क्योंकि इससे जाम से मुक्ति मिलने वाली थी. लेकिन आज यह सड़क लगातार हो रहे हादसों के कारण चर्चा में है. वैसे तो इस सड़क पर रोज हादसे होते हैं, लेकिन इनमें से दर्ज होने वाले हादसों की संख्या चौथाई से भी कम है. इस कारण यातायात विभाग ने इस पूरे सड़क को ही दुर्घटना बाहुल्य सड़क घोषित कर रखा है.

शहीद पथ पर चलने से लगता है डर

शहीद पथ कई राष्ट्रीय राजमार्गों को राजधानी लखनऊ से जोड़ने का काम करती है. इनमें से कानपुर और फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्रमुख हैं. वहीं इस सड़क पर आए दिन हो रहे हादसों को देखकर अब लोगों को इस पर चलने से डर लगता है. शहीद पथ पर हो रहे ज्यादातर सड़क हादसे ओवर स्पीडिंग के चलते होते हैं. क्योंकि इस सड़क पर निर्धारित सीमा से दोगुनी गति से वाहन दौड़ते हैं.

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