लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जिला अस्पतालों में ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आभा योजना की शुरुआत की गई है. अस्पतालों में मरीजों के पंजीकरण का हर दिन का डाटा आभा योजना ऐप पर जारी होता है. बीते शनिवार को प्रयागराज का स्वरूप रानी अस्पताल में 1691 ऑनलाइन पर्चे बने. दूसरे नंबर पर प्रयागराज का तेज बहादुर सप्रू अस्पताल में 1157 पर्चे बने. तीसरे नंबर पर रायपुर का ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस में 1076 और चौथे नंबर पर लखनऊ का बलरामपुर जिला चिकित्सालय में 1047 पर्चे बने. कानपुर का यूएचएम में 1003, लखनऊ का लोक बंधु अस्पताल में 872, गोरखपुर का डिस्ट्रिक्ट मेल हॉस्पिटल में 834 और लखनऊ के सिविल अस्पताल में 800 पर्चे बने.
राजधानी लखनऊ का लोकबंधु अस्पताल आभा योजना पंजीकरण में चौथे पायदान पर है. लोक बंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि यह काफी आसान तरीका है. इसमें मरीज को घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. मरीज घर बैठे भी पर्चा बनवा सकता है. इससे अस्पताल परिसर में लगने वाली भीड़ से भी छुटकारा मिल रहा है. ऑनलाइन पंजीकरण का पर्चा गुलाबी रंग का है. ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाती है. इनका इलाज और जांचें जल्दी हो जाती हैं.
सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि हाल ही में आभा योजना के तहत पंजीकरण होना शुरु हुआ है. इस आभा योजना के तहत मरीजों को तमाम सुविधाएं मुहैया हो रही हैं. साथ ही एक ही क्लिक पर वह अपनी सभी जांच रिपोर्ट देख सकते हैं. ऑनलाइन पंजीकरण द्वारा प्राप्त पर्चा 15 दिन के लिए मान्य होता है. 15 दिन तक कभी भी मरीज अस्पताल आ सकता है. हाल ही में इसकी शुरुआत हुई और सिविल अस्पताल टॉप टेन में शामिल है. इस बात की बेहद खुशी है. आभा योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण होता है. इसके लिए मरीजों को अस्पताल में लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं है. काउंटर पर भी स्टाफ को कहा गया है कि मरीजों को पहले आभा योजना के बारे में बताएं और जागरूक करें. इससे अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन पर्चा बनवाएं.
बलरामपुर अस्पताल के फेमस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में रोजाना आभा एप के द्वारा लगभग हजार से अधिक पर्चे बन रहे हैं. जितने लोगों को इसके बारे में जानकारी हो रही है, वह लाइन में ना लगने की वजह स्कैनर से ऑनलाइन पंजीकरण करा रहे हैं. वहीं स्टाफ कर्मचारियों को भी कहा गया है कि अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में जागरूक करते रहें और बताएं कि बिना लाइन में लगे हुए ऑनलाइन पर्चा भी बन सकता है. उन्हें प्राथमिकता भी दी जाएगी. बलरामपुर चिकित्सालय टॉप-10 चिकित्सालय में से एक है. जहां पर सर्वाधिक ऑनलाइन पंजीकरण हो रहा है. कोशिश हो रही है कि इसे लगातार बढ़ाना है. साथ ही इन मरीजों को प्राथमिकता भी मिलेगी. वहीं 15 दिन तक यह पर्चा मान्य होता है, 15 दिन के भीतर कोई भी मरीज वापस आकर विशेषज्ञ से परामर्श ले सकता है. पर्चे पर ऑनलाइन मरीज की सभी जांचें भी मेंशन होती हैं, जिससे वह कहीं से भी किसी भी चिकित्सक को दिखा सकता है.
यह भी पढ़ें : प्रयागराज में अतीक गैंग का हिस्ट्रीशीटर उबैद गिरफ्तार, मांगी थी 2 करोड़ की रंगदारी