लखनऊ : उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर नियमों को ताक पर रखकर नौकरी देने का बड़ा आरोप लगा है. आरोप है कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में काम कर रहे अधिकारी व कर्मचारियों के रिश्तेदारों को नियमों के खिलाफ जाकर नौकरियां दी गई है, जिस पर अब विवाद गहराता जा रहा है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मौजूदा सदस्य अब्दुल रज्जाक खान ने सीएम योगी से इस मामले में जांच की मांग की है.
एक बार फिर विवादों में सुन्नी वक्फ बोर्ड
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड एक बार फिर से विवादों में घिर गया है. इस बार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों के रिश्तेदारों को नौकरियां दी गई हैं. बोर्ड के मेंबर और बार काउंसिल के सदस्य अब्दुल रज्जाक खान ने इसका खुलकर विरोध किया है.
नियमों के खिलाफ हुई भर्तियां
अब्दुल रज्जाक खान का कहना है कि बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर फारूकी समेत बोर्ड के कई सदस्य इस धांधली में शामिल हैं. क्योंकि भर्ती प्रक्रिया के तहत पहले वक्फ बोर्ड को विज्ञापन देना चाहिए था. फिर एप्लीकेशन इनवाइट कर के सेलेक्शन किया जाना था. उसके बाद अपॉइंटमेंट किया जाता है, लेकिन बोर्ड ने नियमों के विरुद्ध जाकर अपने चहेते लोगों और रिश्तेदारों को यह नौकरियां बांट दी हैं. इस पर सरकार को सख्त एक्शन लेना चाहिए और इसकी जांच सीबीआई से करानी चाहिए.
अब्दुल रज्जाक खान ने कहा कि जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जांच के बाद पता लग जाएगा कि इन भर्तियों में कौन किसका रिश्तेदार नियम के विरुद्ध नौकरी पाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में वक्फ के नाम पर लूट मची है. वक्फ संपत्तियों को डेवेलप करने के नाम पर बड़े भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं.
इन पदों पर हुई भर्तियों पर लगे हैं आरोप
आरोप के मुताबिक, 14 पदों पर नियमों के खिलाफ जाकर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में पहले से काम कर रहे अधिकारी व कर्मचारियों के रिश्तेदारों को भर्ती करके नौकरियां बांटी गई हैं. यह पद इंस्पेक्टर, ऑडिटर, क्लर्क और चपरासी के बताए जा रहे हैं. इन आरोपों के तहत चेयरमैन और वक्फ बोर्ड के कई सदस्यों की भूमिका संदिग्ध है, जिन्होंने बोर्ड में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के रिश्तेदारों को नौकरी प्रदान की है.