लखनऊ : कोरोना काल के बाद उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया था. इसके बाद पूरे डेढ़ साल तक आयोग के सदस्यों का चयन नहीं हो पाने के कारण आयोग गठित नहीं हो पाया. इस साल उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का गठन हुआ. इसके बाद तेजी से पेंडिंग केस हल किए जा रहे हैं.
शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने बताया कि हाल ही में एक मामला सामने आया था. इसमें पति अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था. इसकी सूचना हम तक पहुंची. विवाहिता ने शिकायत की थी. दोनों के बीच में समझौता कराया गया. दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी को राजी खुशी जी रहे हैं. मामला उत्तर प्रदेश की गोंडा जिले का था. विवाहिता 22 साल की है, जबकि पति 28 वर्ष का है.
महिला को दिलाया गया उसका हक : अध्यक्ष ने बताया कि इसी तरह का एक और मामला सामने आया था. जमीन को लेकर के ससुराल पक्ष के लोग महिला को पीटते थे. 2 वर्ष पहले पति की मौत हो गई थी. महिला के दो बच्चे हैं. महिला का कोई नहीं था. महिला ने 100 नंबर पर सबसे पहले इसकी सूचना दी. उसके बाद महिला आयोग से संपर्क किया. यह मामला सीतापुर जिले का है. महिला आयोग की सदस्य मौके पर पहुंचीं. सारे दस्तावेज इकट्ठा किया. महिला को इंसाफ दिलाया. पति के नाम पर जो भी जमीन थी, वह पत्नी के नाम करवाई गई. इसके अलावा महिला को स्किल डेवलपमेंट के कोर्स से जोड़ा गया.
यूपी में काम कर रही बड़ी टीम : उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्ष से क्योंकि महिला आयोग गठित नहीं था. इसके कारण शिकायत तो आ रही थी. लेकिन, तुरंत कार्रवाई नहीं हो पाने के कारण महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल पा रहा था. अब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की एक बड़ी टीम उत्तर प्रदेश में काम कर रही है. महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है. हमारी पहली प्राथमिकता यही होती है कि किसी भी बहन, बेटी के साथ कोई गलत काम न हो.
पुरुषों को भी दिलाते हैं इंसाफ : उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिला के साथ या अपराध होता है. बल्कि, बहुत सारे ऐसे मामले होते हैं. जिनमें पुरुषों के साथ भी अपराध होता है और अगर हमारे पास शिकायत आती है तो हम पुरुष को इंसाफ दिलाने के लिए भी खड़े हैं. उन्होंने कहा कि हम इस समय कार्रवाई कर सकते हैं, जब हमारे पास लिखित तौर पर शिकायत आती है.शिकायत आते ही 24 घंटे के भीतर ही उस मामले पर त्वरित कार्रवाई की जाती है.
दहेज उत्पीड़न, मारपीट, छेड़छाड़ के ज्यादा मामले : उन्होंने बताया कि पिछले 3 महीने में महिला आयोग में करीब 1,640 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले दहेज उत्पीड़न, मारपीट और छेड़छाड़ के मामले शामिल है. इसके अलावा भी अन्य कारणों के चलते महिलाओं के साथ बस शुरू की होती है. हमारी पहली प्राथमिकता होती है कि जो भी शिकायत आई है, उसकी पुलिस जांच करें और फिर उस पर कार्रवाई हो. इन सभी मामले को हमने पिछले 3 महीने में निपटाया है, जो भी केस आते हैं उन्हें 24 घंटे के भीतर सारी जांच होने के बाद उसे पर कार्रवाई हो जाती है. ऐसे में कोई भी केस हमारे यहां पर फिलहाल पेंडिंग नहीं है.
वर्ष 2002 में राज्य महिला आयोग का गठन : बता दें कि महिलाओं की उत्पीड़न संबंधी शिकायतों के निपटारे और महिलाओं के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से राज्य महिला आयोग का गठन होता है, वर्ष 2002 में राज्य महिला आयोग का गठन किया गया था. वर्ष 2004 में आयोग के क्रियाकलापों को कानूनी आधार देने के लिए राज्य महिला आयोग अधिनियम-2004 लाया गया. इसके बाद जून 2007 में अधिनियम में संशोधन करके आयोग का पुनर्गठन किया गया. इस अधिनियम में अप्रैल 2013 में संशोधन कर आयोग का एक बार फिर पुनर्गठन किया गया और यूपी में होने वाले महिला अपराध पर अंकुश लगाने में ये आयोग काफी कारगार साबित भी हुआ.
महिला सुरक्षा के लिए बनाए कई नियम : उन्होंने बताया कि हाल ही में निर्देश दिया था कि महिला जिम व योगा सेंटर में डीवीआर सहित सीसीटीवी सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डीवीआर सहित सक्रिय दशा में सीसीटीवी का होना अनिवार्य है. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने के लिए महिला टेलर एवं सक्रिय सीसीटीवी का होना अनिवार्य है. जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिए. उन्होंने कहा था कि कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सीसीटीवी एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है. महिलाओं से संबंधित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है.
टीम में हैं 25 सदस्य : बीते 7 सितंबर 2024 उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का गठन हुआ है. इस बार आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान को बनाया गया है वहीं, उपाध्यक्ष अपर्णा यादव व चारु चौधरी को बनाया गया है. इसके अलावा 25 सदस्य को नियुक्त किया गया है. 25 सदस्य में तीन सदस्य ऐसे हैं, जो पिछले तीन बार सदस्य रही हैं. इस बार उन्होंने चौथी बार सदस्य पद की शपथ ली है.
दो टोल फ्री नंबर भी जारी : 17 सितंबर को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने प्रदेश में बढ़ रहे अपराध पर रोक लगाने के लिए दो टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर, वेबसाइट, वाट्सएप नंबर एवं मेल आईडी जारी किया था, जहां पर पीड़ित महिला निसंकोच शिकायत कर सकती है. मदद के लिए फोन कर सकती है.
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