लखनऊ : स्पोर्ट्स कोटे से लिए गए एक शस्त्र लाइसेंस पर धोखाधड़ी करके कई हथियार खरीदने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने खारिज कर दिया है. विशेष अदालत के समक्ष सरकारी वकीलों ने दलील दी कि चित्रकूट जेल में बंद अब्बास अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गत 22 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में लिया गया था. अदालत में हाजिर न होने पर अब्बास अंसारी के खिलाफ फ़रारी की उद्घोषणा का आदेश भी जारी किया जा चुका था. इसके बाद उसने प्रयागराज की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था.
जमानत के विरोध में कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली के पते पर अब्बास अंसारी ने शस्त्र जारी कराते समय फोटो पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड लगाया जिसमें अपना मुख्तार अंसारी के सरकारी आवास का दिखाया. एसटीएफ की जांच के दौरान पता चला कि अब्बास अंसारी ने लाइसेंस अथॉरिटी के समक्ष अपने मूल स्थान का पता मेट्रो सिटी, पेपर मिल कॉलोनी एवं स्थाई पता यूसुफपुर दर्जी टोला थाना मोहम्मदाबाद जिला गाजीपुर दिखाया है. अदालत को बताया गया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के 4 अगस्त 2014 के गजट के अनुसार रिनाउंड शूटर रियायती श्रेणी में सात एवं समान नागरिक को तीन शस्त्र रखने का प्रावधान है. इसके बावजूद अब्बास अंसारी ने सात की जगह पर 8 शस्त्र खरीदे. जांच के दौरान पुलिस ने आठों शस्त्र व भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए थे.
अदालत को बताया गया कि कोतवाली महानगर के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मेट्रो सिटी निवासी अब्बास अंसारी ने 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था. इसके बाद अब्बास अंसारी ने अपना शस्त्र लाइसेंस दिल्ली के सरकारी पते पर स्थानांतरित करवा लिया था. यह भी आरोप है कि अब्बास ने खुद को विख्यात निशानेबाज दिखाकर दिल्ली वाले शस्त्र लाइसेंस पर कई शस्त्र खरीद लिए. रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी व अनुमति के धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवा लिया. नौ फरवरी को निष्क्रांत सम्पत्ति पर अवैध कब्जे के मामले में भी अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी इसी कोर्ट से खारिज की जा चुकी है.
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