लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमे में राहत देने से इनकार कर दिया. संजय सिंह ने मुकदमे में अपने खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर निचली अदालत द्वारा संज्ञान लिये जाने व समन किये जाने को चुनौती दी थी. न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है.
कोर्ट ने खारिज की याचिका
यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने संजय सिंह की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लेने में कोई भी त्रुटि नहीं पाई गई है. दरअसल, हजरतगंज थाने में आप सांसद के खिलाफ उनके 12 अगस्त 2020 के कुछ विवादास्पद बयानों को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. विवेचना के उपरांत पुलिस ने संजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 505(1) व 505(2) में अदालत में चर्जशीट दाखिल कर दी.
याची ने दिया गलत धारा लगाने का हवाला
एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए संजय सिंह को समन जारी कर दिया. आप सांसद की याचिका में विशेष कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेने को अविधिपूर्ण बताया. इस दौरान दलील दी गई कि सांसद होने के नाते राज्य सरकार को उनके अभियोजन की स्वीकृति देने का अधिकार नहीं था. अभियोजन स्वीकृति के आदेश में गलत धारा लगाई गई हैं. हालांकि न्यायालय ने दोनों ही दलीलों को अस्वीकार कर दिया.
कोर्ट ने दिया आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याची ऐसा कोई प्रावधान नहीं बता सका, जिसके तहत राज्य सरकार अभियोजन स्वीकृति देने क्षेत्राधिकार राज्य सरकार के पास न हो. न्यायालय ने कहा जहां तक गलत धारा की बात है तो अभियोजन स्वीकृति के लिए मात्र सीआरपीसी की धारा 196 के बजाए धारा 197 को उद्धत कर दिये जाने से अभियोजन स्वीकृति का आदेश समाप्त नहीं हो जाता.