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धोखे से कृषि कानून को पास किया गया  : 'आप' नेता संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि "लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल का विरोध हुआ, सड़क पर इसका विरोध हो रहा है. धोखे से इस बिल को पास किया गया."

aap leader sanjay singh
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह
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Published : Jan 5, 2021, 8:06 PM IST

लखनऊ: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि "देश के किसान काले कानूनों के खिलाफ आंदोलित होकर अपनी जान दे रहे हैं और केंद्र की भाजपा सरकार उनके साथ दुश्मन देश के नागरिकों जैसा व्यवहार कर रही है. किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं और लाठियों से पीटा जा रहा है. किसानों को अपमानित करने के लिए आतंकवादी, खालिस्तानी, पाकिस्तानी और चीन से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं."

संजय सिंह ने कहा कि "आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने संकल्प लिया है कि ‘आप’ का एक-एक कार्यकर्ता किसानों के साथ है और संसद से सड़क तक काले कानूनों का विरोध करेगा. मोदी सरकार सिर्फ कहने के लिए 130 करोड़ लोगों की सरकार है, दरअसल यह पूंजीपतियों की गुलाम सरकार है. जब तक ये पूंजीपति कुछ नहीं कहेंगे, तब तक सरकार करोड़ों किसानों की मांग नहीं सुनेगी." उन्होंने कहा कि "देश का किसान बड़ी उम्मीदों के साथ मोदी सरकार की ओर देख रहा था कि शायद कल की वार्ता अंतिम वार्ता होगी. किसानों को उम्मीद थी कि यह काला कानून वापस ले लिया जाएगा. इस बिल के लिए पूरा देश आंदोलित है, जिसमें 60 किसानों ने अपनी शहादत दी है.

किसानों की जा रही जान, सरकार नहीं दे रही ध्यान

आप नेता संजय सिंह ने कहा कि "इस देश के अन्नदाता के ऊपर दो दिन पहले मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने आंसू गैस के गोले बरसाए. किसानों के ऊपर मिर्ची पाउडर के गोले छोड़े जा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि किसी दुश्मन देश के नागरिकों के साथ युद्ध लड़ा जा रहा है. इतना सब होने के बाद सरकार लाशें गिनने में लगी थी कि कितने लोग मरे हैं. सरकार देख रहे थी कि मरने वालों में पंजाब और हरियाणा के लोग हैं या नहीं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान भी अपनी शहादत दे रहे हैं."

बिल वापस न होने तक जारी रहेगा आंदोलन

संजय सिंह ने कहा कि "सरकार क्या यह चाहती है कि पूरे देश के किसान मरने के लिए लाइन में खड़े हो जाएं? क्या तब आपकी कुंभकरण की नींद खुलेगी? लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल का विरोध हुआ, सड़क पर इसका विरोध हो रहा है. धोखे से इस बिल को पास किया गया. संसद में इस पर चर्चा तक नहीं की गई. किसानों ने मन बना लिया है कि जब तक यह बिल वापस नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा."

लखनऊ: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि "देश के किसान काले कानूनों के खिलाफ आंदोलित होकर अपनी जान दे रहे हैं और केंद्र की भाजपा सरकार उनके साथ दुश्मन देश के नागरिकों जैसा व्यवहार कर रही है. किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं और लाठियों से पीटा जा रहा है. किसानों को अपमानित करने के लिए आतंकवादी, खालिस्तानी, पाकिस्तानी और चीन से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं."

संजय सिंह ने कहा कि "आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने संकल्प लिया है कि ‘आप’ का एक-एक कार्यकर्ता किसानों के साथ है और संसद से सड़क तक काले कानूनों का विरोध करेगा. मोदी सरकार सिर्फ कहने के लिए 130 करोड़ लोगों की सरकार है, दरअसल यह पूंजीपतियों की गुलाम सरकार है. जब तक ये पूंजीपति कुछ नहीं कहेंगे, तब तक सरकार करोड़ों किसानों की मांग नहीं सुनेगी." उन्होंने कहा कि "देश का किसान बड़ी उम्मीदों के साथ मोदी सरकार की ओर देख रहा था कि शायद कल की वार्ता अंतिम वार्ता होगी. किसानों को उम्मीद थी कि यह काला कानून वापस ले लिया जाएगा. इस बिल के लिए पूरा देश आंदोलित है, जिसमें 60 किसानों ने अपनी शहादत दी है.

किसानों की जा रही जान, सरकार नहीं दे रही ध्यान

आप नेता संजय सिंह ने कहा कि "इस देश के अन्नदाता के ऊपर दो दिन पहले मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने आंसू गैस के गोले बरसाए. किसानों के ऊपर मिर्ची पाउडर के गोले छोड़े जा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि किसी दुश्मन देश के नागरिकों के साथ युद्ध लड़ा जा रहा है. इतना सब होने के बाद सरकार लाशें गिनने में लगी थी कि कितने लोग मरे हैं. सरकार देख रहे थी कि मरने वालों में पंजाब और हरियाणा के लोग हैं या नहीं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान भी अपनी शहादत दे रहे हैं."

बिल वापस न होने तक जारी रहेगा आंदोलन

संजय सिंह ने कहा कि "सरकार क्या यह चाहती है कि पूरे देश के किसान मरने के लिए लाइन में खड़े हो जाएं? क्या तब आपकी कुंभकरण की नींद खुलेगी? लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल का विरोध हुआ, सड़क पर इसका विरोध हो रहा है. धोखे से इस बिल को पास किया गया. संसद में इस पर चर्चा तक नहीं की गई. किसानों ने मन बना लिया है कि जब तक यह बिल वापस नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा."

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