लखनऊ: आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि भ्रष्टाचार का हिस्सा योगी सरकार के मंत्रियों तक पहुंच रहा है. उन्होंने इस मामले की कानूनी लड़ाई लड़ने का भी ऐलान किया.
पेश किए केजीएमयू में हुए वेंटिलेटर खरीद के दस्तावेज
पार्टी के गोमती नगर स्थित कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए संजय सिंह ने चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद में धांधली का प्रमाण देते हुए केजीएमयू में हुए वेंटिलेटर खरीद के दस्तावेज पेश किए. उन्होंने बताया कि जो वेंटिलेटर प्रमुख सचिव 17 लाख रुपए में खरीदने का आदेश दे रहे हैं, वही वेंटिलेटर केजीएमसी मेडिकल कॉलेज 10 लाख 23 हजार 200 रुपए में खरीद रहा है. स्वास्थ्य मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा भ्रष्टाचारियों का बचाव करने वाला बयान देने पर राज्यसभा सांसद उन्हें भी आड़े हाथों लिया.
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के नाम पर उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ जी की सरकार, उनके मंत्री सुरेश खन्ना और प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी के साथ मिलकर बच्चों के वेंटिलेटर से लेकर तमाम उपकरणों की खरीद में घोटाला और भ्रष्टाचार किया है. उन्होंने कहा कि सुबूतों के साथ बताया था कि किस तरह दो गुना, तीन गुना दाम पर बच्चों के नाम पर चिकित्सकीय उपकरण खरीदे गए. मैंने सोचा था कि खुलासा होने के बाद सुरेश खन्ना अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे, लेकिन वह भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए बयान देते फिर रहे. इससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार का हिस्सा अधिकारियों से लेकर मंत्री और योगी सरकार के बड़े-बड़े लोगों तक पहुंच रहा है. इसीलिए झूठे बयान देकर मंत्री लगातार इस भ्रष्टाचार को डिफेंड कर रहे हैं.
रेट लिस्ट की पेश
संजय सिंह ने प्रमुख सचिव आलोक कुमार के इस ट्वीट का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने संतरे और सेब की तुलना करने का आरोप लगाया था. संजय सिंह ने रेट लिस्ट दिखाते हुए प्रमुख सचिव आलोक कुमार और मंत्री सुरेश खन्ना को संबोधित कर कहा कि आदित्यनाथ सरकार ने मेडिकल कॉलेज के लिए ऑटोमेटिक टिशु प्रोसेसर 56 लाख 40 हजार 400 रुपये में खरीदा, जबकि बाजार में उसकी कीमत 4 लाख 19 हजार रुपये है. सहारनपुर में हीमोडाॅयलसिस मशीन 13 लाख 92 हजार में खरीदी गई, जबकि बाजार में कीमत 5 लाख रुपये है. हर्मोनल एनालाॅइजर 48 लाख 97 हजार रुपये में खरीदा गया जबकि बाजार में उसी ब्रांड के हर्मोनल एनालाॅइजर की कीमत 10 लाख 50 हजार है.
उन्होंने कहा कि आदित्यनाथ सरकार ने जो नियोनेटल वेंटिलेटर खरीदने के लिए 22 लाख रूपये दिए, वही दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने नियोनेटल वेंटिलेटर 12 लाख रूपये में खरीदा है. एचएनएफसी दिल्ली में 69 हजार में खरीदा गया तो यूपी में इसकी खरीद 2 लाख 73 हजार में हुई है. दिल्ली में पेशेंट मॉनिटर 63 हजार में खरीदा गया तो यूपी में योगी सरकार ने इसकी खरीद 95 हजार रुपये में की है.
पूछा कब तक चलेगा भ्रष्टाचार का खेल
संजय सिंह ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आपका यह भ्रष्टाचार सामने आने के बाद यूपी की जनता पूछना चाहती है कि श्मशान में दलाली खाने वालों के हाथों में हमारे बच्चों की जिंदगी भला कैसे सुरक्षित रहेगी. कोरोना की पहली लहर में ऑक्सीमीटर और पीपी किट खरीद में घोटाला, दूसरी लहर में चिता की लकड़ियों में दलाली और अब तीसरी लहर की तैयारी के नाम पर हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार करने की तैयारी, भला कब तक आप के राज में दलाली खाने का काम चलता रहेगा.
पत्रकार वार्ता में मौजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े इस भ्रष्टाचार की गंभीरता का जिक्र करते हुए शीघ्र ही इस संबंध में राज्यसभा सांसद संजय सिंह के द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने की जानकारी दी. हरि शंकर पांडेय ने बताया कि मामले में हर आरोप का विश्लेषण करते हुए 5 पेज की तहरीर तैयार की गई है. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी मौजूद रहे.