लखनऊ: अलीगढ़ में जहरीली शराब (poisonous liquor) पीने से हुई मौतों के विरोध में बुधवार को आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) ने विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी ने अब तक हुई 165 से अधिक मौतों को सरकार प्रायोजित हत्या बताते हुए पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग की. इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने दोषी अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की.
पीड़ित परिवारों को दिया जाए 10 लाख का मुआवजा
पार्टी कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि अलीगढ़ में सरकारी देशी शराब की दुकान से जहरीली शराब खरीद कर पीने के कारण मौतें हुई हैं. इसमें दोषी अफसरों पर तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने और पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की.
यूपी के 11 जिलों में हो चुकी हैं जहरीली शराब पीने से मौतें
आप के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में यह कोई पहली घटना नहीं है. उत्तर प्रदेश में 11 जिले हैं जिन जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई. अलीगढ़ के साथ-साथ लखनऊ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्या, बदायूं, प्रयागराज, बुलंदशहर, महोबा, चित्रकूट जिले में जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी. जब कोई घटना घटती है तब सरकार कुछ लोगों को निलंबित करके, कुछ लोगों का ट्रांसफर करके पूरी घटना को रफा-दफा करने का काम करती है.
निलंबन या ट्रांसफर किसी समस्या का निदान नहीं
सभाजीत सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी का मानना है किसी अधिकारी का ट्रांसफर करना, सस्पेंड करना कोई कार्रवाई नहीं होती. उधर, जिलाध्यक्ष वैभव माहेश्वरी और महानगर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी ने दोषी अधिकारियों को अविलंब जेल भेजने की मांग को लेकर हुए सांकेतिक धरने में योगी सरकार पर मामले की लीपा-पोती का आरोप लगाया.
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चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी
नेताद्वय ने कहा कि इस प्रकरण में यदि शीघ्र सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन छेड़ा जाएगा. इसके पूर्व जिला अध्यक्ष वैभव माहेश्वरी और महानगर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी के नेतृत्व में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में लखनऊ महानगर के उपाध्यक्ष शील कुमार जयसवाल, महानगर सचिव मोहम्मद रिजवान, उत्तर विधानसभा अध्यक्ष किश्वर जहां, कैंट विधानसभा अध्यक्ष धीरज कुमार, एडवोकेट मुकेश अरोड़ा गोल्डी, ज्ञानेंद्र पाल, संगीता, मोती चंद्र गुप्ता, सोहन लाल वर्मा, प्रवीण चंद तिवारी, पन्नालाल निगम, शानू खान आदि शामिल रहे.