लखनऊ: पहली बार पंचायत चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी गांव में अपनी पैठ बनाने में कामयाब रही है. पार्टी ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 70 से अधिक जिला पंचायत सदस्य के पद जीतकर धमाका किया है. 200 से अधिक ग्राम प्रधानों की भी जीत का दावा है. क्षेत्र पंचायत सदस्यों के पद पर भी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जीत दर्ज की है.
पंचायत सदस्यों को विधानसभा चुनाव में मिलेगा मौका
मिशन 2022 की तैयारी को लेकर पंचायत चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी चुनाव परिणामों से गदगद है. पार्टी अब उन सभी जिला पंचायत सदस्यों को अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी. जिन्होंने जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर जीत दर्ज की है. पार्टी इसलिए भी गदगद है कि गांव-गांव में अब होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उसे कार्यकर्ता मिल चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में परिवर्तन का संकेत है, पंचायत चुनाव परिणाम
पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्य सभा सदस्य संजय सिंह कहते हैं कि चुनाव परिणाम अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में परिवर्तन का संकेत दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी को 70 से अधिक जिला पंचायत सदस्य की सीटें मिली हैं. दो सौ से अधिक ग्राम प्रधान चुनाव जीते हैं. अभी कई जिलों से परिणाम आने बाकी हैं. जिन उम्मीदवारों ने पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें हम विधानसभा चुनाव में मौका देंगे.
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केजरीवाल मॉडल पर लगी मुहर
संजय सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की जनता ने दिल्ली के केजरीवाल मॉडल पर पंचायत चुनाव में मुहर लगा दी है. बहुत ही कम समय और कम संसाधनों के सहारे चुनाव मैदान में उतरी पार्टी को बड़ी सफलता मिली है. शहर की पार्टी बताकर आम आदमी पार्टी को नकारने वालों को जनता ने खुद जवाब दे दिया है. गांव तक संगठन खड़ा हो चुका है.
तानाशाह सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें
जीते हुए प्रत्याशियों को बधाई देते हुए संजय सिंह ने कहा कि इससे सत्ता में बैठे तानाशाही चला रहे लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर से लेकर प्रतापगढ़, संतकबीर नगर, जौनपुर, बागपत, बरेली, मैनपुरी, लखीमपुर खीरी, महोबा आदि जिलों में पार्टी ने विधानसभा चुनाव का मॉकड्रिल माने जा रहे, जिला पंचायत चुनाव में सफलता हासिल की है.