नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में संशोधित किया हुआ दिल्ली-जीएनसीटी एक्ट पेश किया है. इस बिल के पेश होने के बाद दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच एक बार फिर तकरार तेज हो गई है. सरकार की ओर से पेश किया गया बिल दिल्ली के उपराज्यपाल को महत्वपूर्ण शक्तियां देता है. नए बिल के मुताबिक, अब दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा. इसके साथ ही बिल में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को कोई भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल से मशविरा लेना होगा. साथ ही अब दिल्ली सरकार अपनी ओर से कोई भी कानून खुद नहीं बना सकेगी.
इस बिल के पारित होने के बाद से ही दिल्ली सरकार गुस्से में है. दिल्ली में आज आम आदमी पार्टी के सांसदों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया है. इसी को लेकर 17 मार्च को उत्तर प्रदेश आम आदमी पार्टी की सभी जिला इकाई अपने-अपने जिलों में विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं. इसको लेकर आप सासंद संजय सिंह ने ट्वीट किया है.
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दिल्ली में LG शासन का गैरसंवैधानिक बिल संसद में लाने के खिलाफ कल दिनांक 17 मार्च को उत्तर प्रदेश आम आदमी पार्टी की सभी जिला इकाई अपने-अपने जिलों में विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपेंगी. - संजय सिंह, 'आप ' सांसद
वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीश सिसोदिया ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया है.
केंद्र सरकार, संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाकर दिल्ली की 'चुनी हुई सरकार' के अधिकार हमेशा के लिए खत्म कर रही है. लेकिन कुछ विद्वान इसे 'केजरीवाल और LG के बीच फिर टकराव' के रूप में पेश कर रहे हैं. यह समझ में कमी है या फिर समझा दिए गए हैं कि कहना क्या है !