लखनऊः यूपी बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 97000 नई नियुक्तियों की मांग को लेकर युवाओं ने सोमवार को जमकर हंगामा किया. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से सैकड़ों की संख्या में आए युवाओं ने विधानभवन के घेराव की कोशिश की. हालांकि, विधानभवन की ओर कूच कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस बल ने पहले ही रोक लिया. कई जगहों पर पुलिस बल के साथ झड़प भी हुई. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आई हैं.
प्रदर्शनकारियों में प्रदेश भर के बीए-डीएलएड कॉलेजों में पढ़ाई पूरी करने वाले स्टूडेंट्स शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में हजारों की संख्या में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. वहीं दूसरी ओर बीएड- बीटीसी जैसे पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद 20 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार भटक रहे हैं. सरकार को जल्द से जल्द इन रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
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बीते 28 दिसंबर को भी अभ्यर्थियों की तरफ से विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की गई थी. प्रदेश भर से आए युवक विधानभवन के सामने धरने पर बैठ गए थे. पुलिस बल और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक हुई थी. प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां भी भांजी गई थी.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भाजपा सरकार चाहे जितना भी दावा करे, लेकिन सच यह है कि सहायक शिक्षक की एक भी नई भर्ती इन्होंने नहीं निकाली है. अखिलेश यादव सरकार में शिक्षामित्रों का समायोजन शिक्षक पद पर किया गया था. जिस पर योगी आदित्यनाथ सरकार के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. उन पदों पर भी अभी तक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बीते पांच सालों में 75 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हो गए हैं इसके बावजूद सरकार नियुक्तियां नहीं कर रही है.
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