लखनऊ : नगर निगम चुनाव से पहले नगर निगम की सीमा को विस्तारित करने का काम किया गया था. राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े 88 गांव राजधानी के वार्डों में जोड़े गए थे. अब जब नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में विकास कार्य शुरू कराए गए हैं तो इन जगहों पर भी विकास कार्य कराए जाने की पूरी बड़ी कार्य योजना तैयार की गई है. नगर निगम प्रशासन की कार्ययोजना के अनुसार धीरे धीरे 88 गांव शहर बन जाएंगे और विकास से जुड़ी योजनाएं और शहरी सुविधाएं बढाने पर पूरा जोर है.
नगर निगम प्रशासन और महापौर ने इन 88 गांव में सड़क नाली खड़ंजा सहित अन्य विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव तैयार किए हैं और 15 करोड़ रुपए से अधिक का बजट पहले चरण में इन गांव में खर्च किया जाएगा. इसको लेकर प्लानिंग तैयार की गई है. नगर निगम ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार नगर निगम की सीमा में शामिल हो चुके 88 गांवों में 15 करोड़ रुपए के बजट से विकास कार्य कराए जाने हैं. इस बजट धनराशि से सड़क, नाला, खंडजा निर्माण के साथ स्ट्रीट लाइटें आदि से जुड़े विकास कार्यों को कराया जाना है. नगर निगम के प्रस्ताव को जिला विकास समिति से अनुमोदन मिल चुका है और अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा. शासन की मंजूरी के बाद विस्तारित 88 गांव को शहर बनाने की दिशा में विकास कार्य शुरु किये जाएंगे.
कुछ समय पहले जब नगर निगम सीमा का विस्तार करते हुए 88 गांव नगर निगम में शामिल किए गए थे, तब इन क्षेत्रों में जनसुविधाएं विकसित करने के लिए करीब पांच हजार करोड़ से अधिक के बजट की आवश्यकता बताई गई थी, जिसके बाद पहले चरण में 15 करोड़ रुपए के बजट के प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजने का काम किया गया है. यह सब विकास कार्य मुख्यमंत्री नगरीय विकास योजना के अंतर्गत प्रस्ताव तैयार किए गए हैं जिन्हेंमंजूरी के लिए शासन के पास भेजा गया है.
महापौर सुषमा खरकवाल ने कहा कि 'जितने भी गांव शहरी सीमा में जोड़े गए हैं वहां जनसुविधा बढ़ाने पर नगर निगम काम कर रहा है, हम यहां पर विकास कार्यों के लिए पहले चरण में 15 करोड़ से अधिक के विकास प्रस्ताव तैयार किये गए हैं. प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजे गए हैं. जल्द ही सड़क नाली खंडजा सहित मार्ग प्रकाश से जुड़े विकास कार्यों को शुरू कराने का काम किया जाएगा.