लखनऊ: यूपी में कोरोना का प्रकोप अपने चरम पर है. शहर से लेकर गांव तक वायरस फैल गया है. शुक्रवार सुबह प्रदेश में कोरोना के 7,710 नए मरीज मिले, जबकि 353 लोगों की मौत हुई. वहीं कोरोना की तीसरी लहर के लिए भी प्रदेश सरकार अलर्ट पर है.
दूसरी लहर कई गुना आक्रामक
राज्य में पिछली बार की तुलना में वायरस 30-50 गुना ज्यादा आक्रामक है. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक, गुरुवार को प्रदेश में कोरोना के 26,780 नए मरीज मिले. इसमें से 5 मई से गांव-गांव चल रहे अभियान में 3,500 लोग वायरस की चपेट में पाए गए. साथ ही एक दिन में 353 संक्रमित लोगों की मौत हो गई. इसमें लखनऊ के सर्वाधिक 65 मरीजों की मौत हुई. वहीं कुल 28,900 मरीज कोरोना से स्वस्थ हुए. गांव में बढ़ते संक्रमण को लेकर अभियान अब पांच दिन के बजाय सातों दिन कर दिया गया है. इसके लिए 90 हजार निगरानी समितियां व रैपिड रिस्पॉन्स टीम घर-घर जाएगी. लक्षणयुक्त मरीजों का एंटीजेन किट से टेस्ट किया जाएगा. मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा जिन रोगियों के यहां होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं होगी, उन्हें पंचायत भवन, स्कूल आदि सरकारी भवन में व्यवस्था कर आइसोलेट किया जाएगा. सरकार ने होम आइसोलेशन के सभी मरीजों को दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
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बढ़ेगी जांच लैब, स्टाफ की होगी तैनाती
कोरोना के तीसरी लहर का भी खौफ है. देश के एक्सपर्ट ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका जताई है. ऐसे में सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं. वहीं दूसरी लहर में ही चरमराई व्यवस्था की वजह से आगे के लिए यूपी सरकार अलर्ट हो गई है. शासन ने भविष्य में वायरस से खतरे को लेकर आगाह किया है. ऐसे में अफसर और आलाधिकारी स्वास्थ्य ढांचा दुरुस्त करने में जुट गए हैं. प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा आलोक कुमार के मुताबिक, विशेषज्ञों ने देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर आशंका जताई है. ऐसे में सरकार ने तैयारी तेज कर दी है. खासकर टेस्टिंग लैब की क्षमता बढ़ाई जा रही है. अभी तक जहां 75 हजार से लेकर 1 लाख तक आरटी-पीसीआर टेस्ट होते थे, वहां इसे डबल किया जाएगा. इसके लिए 81 आरटी-पीसीआर मशीनों का ऑर्डर दिया गया है. इसमें से 15 मशीनें लग गई हैं. इसके अलावा वेंटिलेटर व स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.