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बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का 77 फीसद कार्य पूरा, बनेंगे चार फ्यूल स्टेशन

चित्रकूट से इटावा के बीच 297 किमी लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का 77 फीसद काम पूरा हो चुका है. यह जानकारी अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEDA) की 69 वीं बोर्ड मीटिंग में दी.

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे
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Published : Oct 22, 2021, 8:17 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEDA) की 69 वीं बोर्ड मीटिंग शुक्रवार को चेयरमैन अवनीश कुमार अवस्थी के अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में जानकारी दी गई कि चित्रकूट से इटावा के बीच 297 किमी लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का 77 फीसद काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा इस एक्सप्रेस-वे को परिपूर्ण बनाने के लिए यहां चार फ्यूल स्टेशन बनाने के लिए कंपनियां भी तय करने के लिये स्वीकृति दी गई.

इसके अलावा प्रयागराज से मेरठ प्रस्तावित भारत के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस वे के लिए निर्माण करने वाली कंपनी के चयन का काम भी लगभग पूरा हो गया है. इसकी वित्तीय व्यवस्था के लिए प्रस्ताव बनाने की भी सहमति दी गई. बोर्ड मीटिंग में खास तौर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे वह जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर को लेकर भी अहम होगा. इसके अलावा बैठक में कई फैसले लिए गए.

इसे भी पढ़ें-35 जिलों के किसानों को मिलेगा खराब हुई फसलों का मुआवजा

अधिकारियों ने बताया कि 222 किलोमीटर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर बिटुमिन लेवल काम किया जा चुका है. केवल 28 फीसदी काम बचा हुआ है. बोर्ड मीटिंग में तय किया गया कि कंपनियों को पुरानी पद्धति पर पुलिस स्टेशन के लिए चयनित किया जाएगा. वहीं, प्रयागराज से मेरठ के बीच में प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे की प्रगति पर भी चर्चा हुई. जिसमें निर्माण के लिए कंपनी चयन को स्वीकृति पर बात की गई. हाईवे की वित्तीय व्यवस्था के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केटिंग को नए सिरे से प्रस्ताव बनाने के लिए भी कहा गया है. ताकि जल्द से जल्द इस एक्सप्रेस वे का भी शिलान्यास किया जा सके और का निर्माण शुरू हो सके. इस एक्सप्रेस वे के लिए 92 फीसद भूमि का अर्जन किया गया है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEDA) की 69 वीं बोर्ड मीटिंग शुक्रवार को चेयरमैन अवनीश कुमार अवस्थी के अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में जानकारी दी गई कि चित्रकूट से इटावा के बीच 297 किमी लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का 77 फीसद काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा इस एक्सप्रेस-वे को परिपूर्ण बनाने के लिए यहां चार फ्यूल स्टेशन बनाने के लिए कंपनियां भी तय करने के लिये स्वीकृति दी गई.

इसके अलावा प्रयागराज से मेरठ प्रस्तावित भारत के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस वे के लिए निर्माण करने वाली कंपनी के चयन का काम भी लगभग पूरा हो गया है. इसकी वित्तीय व्यवस्था के लिए प्रस्ताव बनाने की भी सहमति दी गई. बोर्ड मीटिंग में खास तौर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे वह जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर को लेकर भी अहम होगा. इसके अलावा बैठक में कई फैसले लिए गए.

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अधिकारियों ने बताया कि 222 किलोमीटर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर बिटुमिन लेवल काम किया जा चुका है. केवल 28 फीसदी काम बचा हुआ है. बोर्ड मीटिंग में तय किया गया कि कंपनियों को पुरानी पद्धति पर पुलिस स्टेशन के लिए चयनित किया जाएगा. वहीं, प्रयागराज से मेरठ के बीच में प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे की प्रगति पर भी चर्चा हुई. जिसमें निर्माण के लिए कंपनी चयन को स्वीकृति पर बात की गई. हाईवे की वित्तीय व्यवस्था के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केटिंग को नए सिरे से प्रस्ताव बनाने के लिए भी कहा गया है. ताकि जल्द से जल्द इस एक्सप्रेस वे का भी शिलान्यास किया जा सके और का निर्माण शुरू हो सके. इस एक्सप्रेस वे के लिए 92 फीसद भूमि का अर्जन किया गया है.

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