लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी मंत्रिमंडल का विस्तार किया. इसमें यूपी से 7 नए राज्यमंत्री बनाए गए हैं. इन मंत्रियों के जरिये भाजपा ने एक तीर से कई निशानों को साधने की कोशिश की है. सबसे पहले, सहयोगी अपना दल को खुश किया. दूसरा, दलित और ओबीसी बिरादरी से 3-3 मंत्री बनाकर जातीय समीकरण भी साध लिया. प्रदेश के हर हिस्से का प्रतिनिधित्व देकर क्षेत्रीय संतुलन बनाने में भी सफल रहे. इसके अलावा पार्टी ने मंत्रिमंडल विस्तार के बहाने नए चेहरों को मौका देकर क्षेत्र और जाति के हिसाब से नया नेतृत्व भी खड़ा कर दिया. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस रणनीति का फायदा मिलेगा.
मोदी मंत्रिमंडल के 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. इस विस्तार में यूपी के 7 सांसदों को राज्यमंत्री के तौर पर जगह मिली है. 2022 में उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह उम्मीद जताई जा रही थी कि नरेंद्र मोदी समाज के हर वर्ग को मौका देंगे. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद स्थिति बिल्कुल साफ हो गई. उत्तरप्रदेश से चुने गए नए राज्यमंत्रियों में 1 ब्राह्मण, 3 दलित और 3 ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं.
पॉलिटिकल एक्सपर्ट अवनीश त्यागी के अनुसार, भाजपा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में यूपी के पिछड़ों और दलितों का खास ध्यान रखा है. इस वोट बैंक को लेकर सपा और बसपा राजनीति करती रही है. पिछले दो चुनावों से दलित और पिछड़े बीजेपी के साथ जुड़े रहे. इस विस्तार के जरिये नरेंद्र मोदी ने दलित-ओबीसी वोट बैंक को और पुख्ता तरीके से मजबूत कर दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने हर बिरादरी से नए नेतृत्व को खड़ा करने की कोशिश की है. इसका असर 2022 के विधानसभा चुनाव में दिखेगा. लोध वोट बैंक हमेशा बीजेपी के साथ रहा है. बीएल वर्मा को मंत्री बनाकर इस वोट बैंक को और पुख्ता बना दिया है.
राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है कि विस्तार में सामाजिक समीकरण के साथ क्षेत्रीय समीकरण को भी साधने की कोशिश की गई है. यह तालमेल विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बैठाया गया है. प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार से यह संदेश दिया है कि भाजपा सरकार समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र की चिंता करती है. अवध क्षेत्र से दो चेहरे अजय मिश्रा और कौशल किशोर, रुहेलखंड से बीएल वर्मा, ब्रज क्षेत्र से एसपी सिंह बघेल, बुंदेलखंड से भानु प्रताप वर्मा, काशी से अनुप्रिया पटेल, गोरखपुर से पंकज चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
मोदी सरकार में अवध क्षेत्र का वजन बढ़ा
मोदी सरकार में अवध क्षेत्र का वजन बढ़ाया गया है. लखनऊ से सांसद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले से ही अवध क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. अब लखनऊ से सटे मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर और लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्रा भी अवध ( सेंट्रल यूपी) का प्रतिनिधित्व करेंगे. कौशल किशोर दलित समाज से आते हैं. ब्राह्मण चेहरे के रूप में अजय मिश्रा को सामने लाकर जातीय समीकरण को बैलेंस किया गया है. कौशल किशोर को केंद्र सरकार में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. वहीं अजय कुमार को गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.
भानु प्रताप वर्मा : बुंदेलखंड को मिला नया दलित नेतृत्व
जालौन के सांसद भानु प्रताप वर्मा मोदी सरकार में बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे. भानु प्रताप वर्मा को मंत्री बनाकर भाजपा ने बुंदेलखंड के दलित समाज में पैठ को और पुख्ता बनाने की कोशिश की है. समस्याओं से जूझ रहे बुंदेलखंड में केंद्र सरकार ने बड़ी योजनाएं भी शुरू कर रखी हैं. केंद्र सरकार में उनके शामिल होने से बुंदेलखंड क्षेत्र का ठीक से प्रतिनिधित्व हो सकेगा. भानु प्रताप वर्मा को मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.
रुहेलखंड के बीएल वर्मा और मजबूत करेंगे लोध समाज से बॉन्डिंग
लोध बिरादरी भाजपा के परंपरागत वोटर रही है. उत्तर प्रदेश में लोध समाज के सबसे बड़ा राजनीतिक चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके हैं. कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह योगी सरकार में राज्य मंत्री हैं. ऐसे में उनके बेटे राजवीर को मंत्री बनाया जाना संभव नहीं था, इसलिए भाजपा ने कल्याण सिंह के करीबी बीएल वर्मा को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया है. माना जा रहा है कि इससे लोधी वोटरों से भाजपा की बॉन्डिंग और मजबूत होगी. बीएल वर्मा को केंद्र सरकार में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री का पदभार मिला है.
पूर्वांचल के पंकज चौधरी भी मंत्रिमंडल में शामिल
महाराजगंज लोकसभा से छठी बार सांसद चुने गए पंकज चौधरी भी राज्यमंत्री बनाए गए हैं. गोरखपुर में सभासद से राजनीति शुरू करने वाले पंकज मोदी मंत्रिमंडल में पिछड़े समाज का चेहरा हैं. वह पहली बार 1991 में महाराजगंज से सांसद चुने गए थे. मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से पूर्वांचल की भागीदारी बढ़ी है. पंकज चौधरी को केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.
अपना दल की अनुप्रिया पटेल एक बार फिर बनीं मंत्री
पूर्वांचल से आने वाली अनुप्रिया पटेल कुर्मी बिरादरी की बड़ी चेहरा मानी जाती हैं. वह पूर्वांचल के साथ-साथ कुर्मी बिरादरी का भी प्रतिनिधित्व करेंगी. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी वह राज्यमंत्री बनाई गई थीं. मोदी सरकार 2.0 में भी उन्हें जगह मिल गई. माना जा रहा है कि अनुप्रिया पटेल के मंत्री बनाए जाने से पूर्वांचल के साथ-साथ कुर्मी बिरादरी के लोग भी सधेंगे. आगामी विधानसभा चुनाव में इनकी अहम भागीदारी होगी. अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार-2 में वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.
ब्रज क्षेत्र से एसपी सिंह बघेल मोदी सरकार के चेहरा
बसपा छोड़कर भाजपा में आए प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल 2017 से 2019 तक योगी मंत्रिमंडल में मंत्री रहे. इसके बाद वह भाजपा के टिकट पर सुरक्षित सीट आगरा से सांसद चुने गए. इनके मंत्री बनने से ब्रज क्षेत्र के साथ ही दलित समाज को साधने की कोशिश की गई है. एसपी सिंह बघेल को केंद्र सरकार में कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.
हरदीप सिंह पुरी का हुआ प्रमोशन
वैसे तो हरदीप सिंह का गृह राज्य अलग है लेकिन 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें यूपी से राज्यसभा भेजा है. इसलिए वह मोदी सरकार में यूपी का ही प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. हरदीप सिंह पुरी राज्य मंत्री थे और अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. जानकारों का मानना है कि हरदीप सिंह पूरी के प्रमोशन से सिख वोटरों में अच्छा मैसेज जाएगा. हरदीप पुरी को मोदी सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, और आवास और शहरी मामलों के मंत्री बनाया गया है.