लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में उठे OBC/SC आरक्षण विवाद ने नया मोड़ ले लिया है. आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सोमवार को यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी इको गार्डन स्थित धरना स्थल पर पहुंचे. वहां कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से प्रदर्शनकारियों को पूरा सहयोग किए जाने का आश्वासन दिया गया. इससे पहले, भीम आर्मी के चंद्रशेखर भी इन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आ चुके हैं. उधर, प्रदर्शनकारियों की ओर से 6 सितंबर को एक बड़ा प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है. इसको लेकर '6 सितंबर चलो लखनऊ' का एक नारा सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी कर रहा है.
यह है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में इस समय 69 हजार सहायक अध्यापक की भर्ती की जा रही है. इसके 3 चरणों की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है. जल्द ही, चयनित अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री की तरफ से नियुक्ति पत्र दिए जाने हैं. इस भर्ती प्रक्रिया में सबसे बड़ा विवाद आरक्षण को लेकर खड़ा हुआ है. ओबीसी/एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें निर्धारित मानकों से कम आरक्षण का लाभ दिया गया है.
- अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% सीट पर ही आरक्षण का लाभ मिला है.
- ओबीसी कोटे की 18598 सीटों में से 2637 सीट ही मिली है.
- इसी तरह एससी वर्ग का आरोप है कि, भर्ती में एससी वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण दिया गया है.
- आरोप यह भी है कि 5844 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग नहीं कराई गई, बल्कि उनकी जगह सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया.
आयोग की रिपोर्ट से उठे कई सवाल
इन भर्तियों की ओर से इस पूरे मामले की शिकायत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में की गई थी. इनकी मानें तो आयोग ने अपनी जांच में सारे आरोपों को सही पाया है और उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा था. लेकिन, सरकार की तरफ से इसे अनसुना कर दिया गया. अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
यह है बेसिक शिक्षा विभाग का पक्ष
दूसरी तरफ, बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी इन अभ्यर्थियों के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं. उनका कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के सभी नियमों का पालन किया गया. 69 हजार शिक्षक भर्ती में 23 हजार पदों पर समायोजन कानूनी रूप से नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है. इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. पिछड़ा वर्ग के 12,630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी दक्षता के आधार पर चयनित हुए हैं, लेकिन अपनी दुकान चलाने के लिए कुछ लोग युवाओं को भरमाकर गैरकानूनी कार्य के लिए धरना दिला रहे हैं.
कई महीनों से चल रहा धरना
इस पूरे प्रकरण को लेकर अभ्यर्थियों की ओर से काफी समय से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. जुलाई के पहले सप्ताह में उन्होंने बेसिक शिक्षा मंत्री का उनके आवास पर घेराव किया था. घेराव के बाद कोई वार्ता में आश्वासन मिलने के बाद वह लौट गए. आरोप है कि वार्ता के दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू कराने की बात कही थी, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया.
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प्रदर्शन में ऐसे आया राजनीतिक मोड़
- आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी इस मामले में कूद पड़े. उनकी तरफ से राज्यसभा में इस मामले को उठाने के लिए नोटिस दे दिया गया है. इसकी कॉपी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. उनकी तरफ से ट्वीट करके भी सरकार पर सवाल खड़े किए गए हैं.
- भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर बुधवार को लखनऊ के इको गार्डन में बैठे इन प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे. उनकी ओर से इस प्रदर्शन को पूरी तरह से समर्थन किया गया.
- कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी सोमवार को इन प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे. उन्होंने कांग्रेस की तरफ से इस पोस्ट को पूरी तरह से समर्थन दिए जाने का आश्वासन दिया.