लखनऊ: वर्ष 2019 के 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 22 नवंबर को बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव प्रताप सिंह बघेल व परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी पर अवमानना के आरोप तय किए थे. इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए, याची को एक अतिरिक्त अंक दे दिए गए. इस सम्बंध में 15 दिसम्बर का आदेश प्रस्तुत करते हुए, न्यायालय को यह जानकारी दी गई. इस पर न्यायालय ने सम्बंधित अवमानना याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग को संशोधित मार्क्स के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार करते हुए, प्रक्रिया पूर्ण करने के आदेश दिए हैं.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर पारित किया है. न्यायालय ने ऐसे ही एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दो माह में संशोधित मार्क्स के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार कर, प्रक्रिया पूर्ण करने सम्बंधी 28 नवंबर के आदेश को भी उद्धत किया. न्यायालय ने कहा कि यदि उक्त समय सीमा में प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर ली जाती तो याची इस अवमानना याचिका के पुनर्स्थापन के लिए प्रार्थना पत्र दे सकती है.
उल्लेखनीय है कि उक्त भर्ती परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा संबंधी एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश रिट कोर्ट ने पारित किया था. इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. लेकिन, नौ नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई. बावजूद इसके रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा था, जिसके पश्चात बार-बार अवसर देने पर भी आदेश का अनुपालन न करने पर न्यायालय ने 22 नवंबर को उपरोक्त अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना के आरोप तय कर दिए थे.