लखनऊः तेजी से फैलता कोरोना संक्रमण देश और प्रदेश में कहर बरपा रहा है. शहर से अब कोरोना गांवों में पहुंच चुका है. जिसे देखते हुए गांव के घर-घर में स्क्रीनिंग-टेस्टिंग अभियान छेड़ दिया गया है. इसके बावजूद यूपी के 28 हजार से ज्यादा गांवों में कोरोना पहुंच गया है. वहीं 68 हजार गांव संक्रमण के मुहाने पर है. लिहाजा सरकार को गांवों में कामों की मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ से आईएएस अफसरों की फौज भेजनी पड़ गई. इसके साथ ही प्रभारी मंत्री भी मुस्तैद कर दिए गए.
गांव में संक्रमण रोकने का खाका तैयार
यूपी सरकार ने कोरोना की पहली लहर से ही गांव में संक्रमण रोकने के लिए खाका तैयार कर लिया था. इसमें सफलता भी मिली थी. वहीं दूसरी लहर में भी पुराना प्लान गांव में दोहराया गया. इसमें सर्विलांस टीम को घर-घर जाकर संदिग्ध लक्षण, बाहर से लौटे लोगों का सर्वेक्षण कर समय पर जांच करना था. ऐसा कर संक्रमण के फैलाव को रोकना था. दावा किया गया कि सर्विलांस टीम के माध्यम से अब तक 2,78,840 क्षेत्रों में 3,51,56,542 घरों के 16 करोड़ 92 लाख 36 हजार 847 जनसंख्या का सर्वेक्षण कर लिया गया. स्थिति ये है कि 24 करोड़ आबादी वाले राज्य में करीब 17 करोड़ की आबादी का सर्वेक्षण हो गया. इसके बावजूद शहर में कोहराम मचाकर कोरोना गांवों में फैल गया. ऐसे में सर्विलांस की टीम के कामों पर सवाल उठाना लाजिमी है. ये टीम घर-घर पहुंची भी है कि कुछ जगहों का भ्रमण कर रिपोर्ट कार्ड तैयार कर डाला गया है.
गावों में संक्रमण रोकने की कवायद
सर्विलांस टीम के करीब 17 करोड़ आबादी तक पहुंचने पर भी गांव में संक्रमण फैल गया. केंद्र सरकार ने भी गांवों में संक्रमण को लेकर राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया. ऐसे में यूपी में 5 जनवरी से 97 हजार ग्राम पंचायतों में घर-घर मरीज की खोज, जांच व दवा वितरण का अभियान चला. डब्लूएचओ ने भी इसका ढिढोरा पीटा. दावा किया गया कि टीम ने घर-घर भ्रमण कर चार लाख संदिग्ध लक्षण वाले और 5,500 करीब कोरोना के मरीज ढूढ़ निकाले. इस दौरान तमाम गांव वालों ने मीडिया के सामने हेल्थ टीम आने से इंकार किया. उधर, गांव में बुखार से हो रहीं मौतें भी सुर्खियां बनी. अब 28 हजार 742 गावों में संक्रमण का खुलासा हुआ. वहीं शेष 68 हजार,258 गांवों में संकमण का खतरा देख सरकार भी सख्ती की मूड में आ गयी. गांव में घर-घर अभियान की तिथि समाप्त होने के बाद भी हेल्थ टीम को तैनात रखने का फैसला किया गया. इसके
साथ ही निगरानी के लिये हर जिले में नोडल ऑफिसर बनाकर सीनियर आईएएस की टीम लखनऊ से भेज दी गई. वहीं मुख्यमंत्री ने भी गांवों का दौरा शुरू कर दिया. इसके साथ ही प्रभारी मंत्री भी अपने-अपने जिलों में नजर रखे हुए हैं.
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चार लाख से अधिक कर्मी लगे
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक गांव -गांव मरीजों की स्क्रीनिंग, टेस्टिंग का काम जारी है. इसमें 4 लाख से अधिक कर्मचारी लगाये गये हैं. कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम एन्टीजन टेस्ट कर रही है. संक्रमित लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए गांव में ही पंचायत भवन, स्कूल में आइसोलेट करके उपचार की व्यवस्था की गई है.
यूपी में कोरोना का हाल
- 30 अप्रैल, 2021 की अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या 3,10,783 से 1.87 लाख कम हुए हैं. इस तरह 30 अप्रैल के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या में 69 फीसदी की कमी आई है.
- प्रदेश में ओवरऑल कोविड पॉजिटिविटी रेट 3.6 फीसदी है, जबकि बीते 24 घंटों में यह दर 2.45 फीसदी रही है.
- बुधवार को 24 घंटों में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए प्रदेश में 2,97,327 टेस्ट हुए हैं. इसमें 02 लाख 19 हजार टेस्ट केवल ग्रामीण क्षेत्रों में हुए हैं. प्रदेश में 4,55,31,018 टेस्ट हो चुके हैं.