लखनऊः इस वित्तीय वर्ष में पंचायतों को राज्य वित्त आयोग से 6,600 करोड़ रुपये जारी होंगे. इसकी पहली किस्त के रूप में 550 करोड़ रुपये पंचायती राज विभाग को जारी भी हो गए हैं. ग्राम पंचायतों के गठन के साथ ही गांव में विकास की रफ्तार तेज करने के लिए धनराशि आवंटित करने का काम पंचायती राज निदेशालय से किया जाएगा.
550 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी
राज्य वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए ग्राम पंचायतों में विकास कार्यो के लिए 66,100 करोड़ रुपये जारी किए जाने की मंजूरी दे दी है. जिसके तहत ₹550 की पहली किस्त भी वित्त आयोग ने पंचायती राज विभाग को जारी कर दी है. अब प्रदेश की जिला पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के तहत धनराशि आवंटित करने का काम पंचायती राज विभाग की ओर से किया जाएगा.
ग्राम पंचायतों को तय मानकों के अनुसार जारी होगी धनराशि
धनराशि आवंटित करने का काम पंचायतों में जनसंख्या के आधार पर तय फार्मूले के अनुसार किया जाएगा. वित्त विभाग ने अप्रैल के लिए पहली किस्त जारी की है. जिला पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों के लिए 82.50-82.50 करोड़. जबकि ग्राम पंचायतों के लिए 385 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं. पंचायती राज निदेशालय की ओर से ये राशि सभी जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों के बीच फार्मूले के आधार पर आवंटित की जाएंगी. इससे नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत प्रमुख कार्यभार ग्रहण करते ही अपने-अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को पूरा कराने का काम शुरू कर सकेंगे.
नगर निकायों के लिए 9,900 करोड़ रुपए की व्यवस्था
वहीं राज्य वित्त आयोग से नगर निकायों के लिए ₹9,900 करोड़ दिए जाने की मंजूरी प्रदान की गई है. इसके अंतर्गत 825 करोड़ रुपये अप्रैल के लिए पहली किस्त के रूप में मंजूर भी कर दी गई है. इसमें 371.25 करोड़ रुपये नगर निगमों के लिए 288.75 करोड़ रुपये नगर पालिका परिषद के लिए और 165 करोड़ रुपये प्रदेश की नगर पंचायतों के लिए दिए गए हैं. स्थानीय निकाय निदेशक तय मानक के अनुसार धनराशि का आवंटन करेंगे.