ETV Bharat / state

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अपनी बेटी से पहले मामा ने भांजी की कराई शादी

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत राजधानी लखनऊ में 64 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया. कार्यक्रम में हिन्दू जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ईश्वर को साक्षी मानकर सात फेरे लिए तो वहीं 1 मुस्लिम धर्म के जोड़े का निकाह पढ़ा गया.

author img

By

Published : Mar 11, 2021, 4:29 PM IST

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का हुआ आयोजन.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का हुआ आयोजन.

लखनऊ: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश भर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के दुबग्गा रिंग रोड स्थित जेआरएम मैरिज गार्डन में 64 जोड़ों की धूमधाम से शादी कराई गई. इसमें एक मुस्लिम जोड़े का निकाह भी कराया गया. यहां शबनम परवीन के मामा ने मिसाल पेश करते हुए अपनी बेटियों की शादी न कराकर पहले अपनी भांजी की शादी कराई. जिससे सभी लोगों ने उनकी तारीफ की.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का हुआ आयोजन.
एक दूजे के हुए 64 जोड़े
इस कार्यक्रम में हिन्दू जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ईश्वर को साक्षी मानकर सात फेरे लिए तो वहीं मुस्लिम धर्म के जोड़े का निकाह पढ़ा गया. जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरनाथ यति ने बताया कि प्रत्येक बेटी की शादी पर सरकार द्वारा 51 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है. जिसमें 35 हजार रूपया बैंक के खाते मे जमा किया गया है. इसके अलावा 10 हजार रूपये की पायल, बिछिया और शादी के अन्य सामान दिया गया, जबकि छह हजार रूपये शादी समारोह पर खर्च किया गया.
'सरकार का यह कदम काबिले तारीफ'
सामूहिक विवाह योजना अंतर्गत हुए इस कार्यक्रम में 1 मुस्लिम जोड़े का भी निकाह हुआ. इस कार्यक्रम में मलिहाबाद के दिलावरनगर की रहने वाली शबनम की शादी बाराबंकी के सतरिख के रहने वाले मो आरिफ से हुई. आरिफ और शबनम ने बताया कि सरकार की ओर से किया जा रहा यह कदम सराहनीय है. जिन गरीब परिवार के पास अपने बच्चों की शादी करने के लिए पैसे नहीं है सरकार उन गरीब असहाय लोगों की शादी कराकर नेकी का काम कर रही है. सरकार का यह कदम काबिले तारीफ है.
पहले भांजी की शादी बाद में अपने बच्चों की
ईटीवी भारत से बात करते हए मलिहाबाद के दिलावरनगर के रहने वाली लड़की के मामा कय्यूम ने बताया कि भांजी शबनम बचपन से ही मेरे घर पर पली-बढ़ी है. उन्होंने कहा कि मैं अपने बच्चों और शबनम में कोई फर्क नहीं समझता हूं. मेरे बच्चे भी शादी करने वाले हैं मगर मेरा फर्ज है कि मेरी भांजी शबनम की शादी हो जाए.


'सरकार हिन्दू और मुस्लिम में नहीं करती कोई फर्क'
मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना अंतर्गत विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे विद्यायक सुरेश श्रीवास्तव ने कहा, जो निर्धन हैं, जिनके पास अपनी बेटियों के लिए शादी कराने के लिए धन नहीं है. सरकार की यह योजना उन सभी लोगों के लिए है. इस योजना में सभी वर्ग के लोग लाभ ले रहे है. हिंदू हो या मुस्लिम सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश भर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के दुबग्गा रिंग रोड स्थित जेआरएम मैरिज गार्डन में 64 जोड़ों की धूमधाम से शादी कराई गई. इसमें एक मुस्लिम जोड़े का निकाह भी कराया गया. यहां शबनम परवीन के मामा ने मिसाल पेश करते हुए अपनी बेटियों की शादी न कराकर पहले अपनी भांजी की शादी कराई. जिससे सभी लोगों ने उनकी तारीफ की.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का हुआ आयोजन.
एक दूजे के हुए 64 जोड़े
इस कार्यक्रम में हिन्दू जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ईश्वर को साक्षी मानकर सात फेरे लिए तो वहीं मुस्लिम धर्म के जोड़े का निकाह पढ़ा गया. जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरनाथ यति ने बताया कि प्रत्येक बेटी की शादी पर सरकार द्वारा 51 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है. जिसमें 35 हजार रूपया बैंक के खाते मे जमा किया गया है. इसके अलावा 10 हजार रूपये की पायल, बिछिया और शादी के अन्य सामान दिया गया, जबकि छह हजार रूपये शादी समारोह पर खर्च किया गया.
'सरकार का यह कदम काबिले तारीफ'
सामूहिक विवाह योजना अंतर्गत हुए इस कार्यक्रम में 1 मुस्लिम जोड़े का भी निकाह हुआ. इस कार्यक्रम में मलिहाबाद के दिलावरनगर की रहने वाली शबनम की शादी बाराबंकी के सतरिख के रहने वाले मो आरिफ से हुई. आरिफ और शबनम ने बताया कि सरकार की ओर से किया जा रहा यह कदम सराहनीय है. जिन गरीब परिवार के पास अपने बच्चों की शादी करने के लिए पैसे नहीं है सरकार उन गरीब असहाय लोगों की शादी कराकर नेकी का काम कर रही है. सरकार का यह कदम काबिले तारीफ है.
पहले भांजी की शादी बाद में अपने बच्चों की
ईटीवी भारत से बात करते हए मलिहाबाद के दिलावरनगर के रहने वाली लड़की के मामा कय्यूम ने बताया कि भांजी शबनम बचपन से ही मेरे घर पर पली-बढ़ी है. उन्होंने कहा कि मैं अपने बच्चों और शबनम में कोई फर्क नहीं समझता हूं. मेरे बच्चे भी शादी करने वाले हैं मगर मेरा फर्ज है कि मेरी भांजी शबनम की शादी हो जाए.


'सरकार हिन्दू और मुस्लिम में नहीं करती कोई फर्क'
मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना अंतर्गत विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे विद्यायक सुरेश श्रीवास्तव ने कहा, जो निर्धन हैं, जिनके पास अपनी बेटियों के लिए शादी कराने के लिए धन नहीं है. सरकार की यह योजना उन सभी लोगों के लिए है. इस योजना में सभी वर्ग के लोग लाभ ले रहे है. हिंदू हो या मुस्लिम सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.