लखनऊ : उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने से 13 दिन पहले 11 फरवरी को अतीक का बेटा असद, गुलाम और विजय उर्फ उस्मान अशरफ से मिलने बरेली जेल गया था. ये मुलाकात पूरी तरह से गोपनीय थी, जिसकी जानकारी मुलाकात रजिस्टर में दर्ज नहीं थी और न ही सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी. अब इस मामले में डीजी जेल आनंद कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बरेली जेल के जेलर व डिप्टी जेलर समेत छह जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया है, जबकि जेल अधीक्षक को नोटिस देकर जवाब-तलब किया गया है.
बरेली जेल में अशरफ से असद और उसके साथियों से हुई मुलाकात की खबर बाहर आते ही हड़कंप मच गया था. इस मामले में बरेली पुलिस ने आनन-फानन में दो जेल कर्मियों की गिरफ्तारी भी कर ली थी, जिसके बाद जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने डीआईजी जेल आर एन पांडे को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी. सोमवार को डीआईजी ने डीजी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके बाद डीजी जेल आनंद कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला जेल बरेली के जेलर राजीव कुमार मिश्र, डिप्टी जेलर व मुलाकात अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह, हेड जेल वार्डर, जेल वार्डर ब्रिजवीर सिंह, मनोज गौड़ जेल वार्डर, दानिश मेंहदी जेल वार्डर और दलपत सिंह जेल वार्डर को निलंबित कर दिया है, वहीं जेल वार्डर को पहले ही गिरफ्तार कर निलंबित किया जा चुका है, वहीं डीजी जेल ने जेल अधीक्षक को नोटिस देकर जवाब-तलब किया है.
बरेली जेल में रची गई थी उमेश पाल हत्याकांड की साजिश : बता दें, 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज में उमेश पाल की दिनदहाड़े गोलियों और बम से हत्या कर दी गई थी. इस वारदात में दो पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई थी. इस मामले में अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता, भाई अशरफ, बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम व नौ लोग नामजद हुए थे. एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि उमेश पाल पर पहली गोली मारने वाला विजय चौधरी उर्फ उस्मान 11 फरवरी को असद व गुलाम के साथ बरेली जेल गया था, जहां उन्होंने अवैध रूप से अशरफ से मुलाकात की थी. यही नहीं इसी जेल में इन लोगों ने उमेश पाल की हत्या करने की पूरी साजिश रची थी.
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