लखनऊः कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लखनऊ में लगातार बढ़ती जा रही है. जिले में कोरोना के 550 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. कोरोना के सक्रिय मामले का आंकड़ा 7531 पहुंच गया है और अब तक 43533 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है. बीत 24 घण्टे में कोरोना से 9 लोगों की मौत हुई है. सीएमओ कार्यालय के अनुसार अब तक जिले में मौत का आंकड़ा 684 हो चुका है.
निजी पैथोलॉजी में जांच के नियमों में सख्ती
निजी पैथालॉजी में कोविड टेस्ट कराने के नियम सख्त किए गए हैं. पिछले दिनों जिन पैथोलॉजी ने जांच के लिए आए मरीजों से सही आईडी प्रूफ व मोबाइल नम्बर नहीं लिए, उन निजी पैथोलॉजी को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड प्रोटोकॉल के उल्लघंन के लिए नोटिस देना शुरू कर दिया है. कोरोना जांच कराने के बाद गायब हो गए 2500 से अधिक पॉजिटिव मरीज स्वास्थ्य विभाग के लिए मुसीबत बन गए हैं. पिछले सप्ताह भी 50-60 कोरोना मरीज गलत नंबर व पता देकर गायब हो गए.
पड़ताल में पता चला कि जांच के समय उनका सही आइडी प्रूफ व स्थानीय पता नहीं लिया गया. जिस कारण उन्हें खोजना मुश्किल हो रहा है. जांच में लापरवाही के मामले में लैब के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है. मालूम हो कि जांच के समय लोगों को एक फार्म दिया जाता है. जिसमें वह अपना मोबाइल नंबर व पता भरते हैं. मरीज जो नाम व पता लिखते थे. वह सही है या नहीं उसका सत्यापन नहीं हो सकता था. यही कारण है कि जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो विभाग उनको ट्रेस नहीं कर पा रहा है.
जब जांच के लिए आईडी मांगी जाने लगी तो ऐसा देखा गया कि कई मरीजों ने गलत नम्बर दिए थे. जिस कारण फोन पर भी उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया. इस गड़बड़ी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी व सरकारी पैथालॉजी को यह निर्देश दिया कि जांच के लिए आने पर मोबाइल नंबर व फोटो वाला आईडी प्रूफ लिया जाए. ताकि जरूरत पड़ने पर उन तक आसानी से पहुंचा जा सके. डिप्टी सीएमओ डॉ. केडी मिश्रा ने बताया कि अब दूसरे जिले व राज्य से आने वाले मरीजों से उनका आधार कार्ड लेते समय उनका स्थानीय पता और मोबाइल नम्बर लिया जाना अनिवार्य होगा.