ETV Bharat / state

जीटीबी एन्क्लेव: किन्नर की हत्या के लिए लिया 55 लाख का कॉन्ट्रैक्ट, मेरठ तक जुड़े हैं तार

दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में डीडीए के जनता फ्लैट्स के पास एक स्कूटी सवार दो बदमाशों ने किन्नर एकता जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी. बदमाशों ने किन्नर एकता जोशी को बेहद करीब से 3 से 4 गोली मारी. जिसका वीडियो पास में लगे सीसीटीवी में कैद हो गया है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में एक बदमाश को गिरफ्तार किया है.

किन्नर हत्याकांड
किन्नर हत्याकांड
author img

By

Published : Apr 12, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में डीडीए के जनता फ्लैट्स का वह कपांउड सबसे आलीशान माना जाता था. 6 फ्लैट के इस पूरे परिसर को तीन किन्नर ने खरीदकर आलीशान बंगले के रूप में तब्दील कर दिया था. इस बंगले नुमा कंपाउड में तीन किन्नरों के परिवार रहते हैं. किन्नरों के इस ग्रुप ने पिछले कुछ साल पहले ही इस कंपाउंड में आकर रहना शुरू किया था.

इन्हीं में एक परिवार है, एकता जोशी (40) का. एकता मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढवाल की रहने वाली थी. एकता के पिता दिल्ली के पूसा इंस्टिट्यूट में जॉब करते हैं, जबकि मां और भाई गांव में रहते हैं. एकता ने भाई के बच्चों को अपने पास ही रखा हुआ था. जिनमें तीन बेटे और एक बेटी हैं, जबकि भाई-भाभी और मां गांव में रहते थे. एकता चाहती थी कि उसके भाई के बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़-लिखकर काबिल बन सकें. चारों बच्चों की पढ़ाई का खर्च एकता खुद ही वहन करती थी.

किन्नर एकता जोशी हत्याकांड.

इसे भी पढ़ें- अजीत सिंह हत्याकांड: पूर्व MP धनंजय सिंह सहित 5 को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी


एकता बचपन से किन्नर थी, इसलिए युवावस्था में पहले वो उत्तराखंड में रही. इसके बाद दिल्ली के किन्नर समाज में आकर रहने लगी. किन्नरों की गुरू अनीता जोशी का एकता से खास लगाव था. इसलिए जिस कंपाउंड में एकता रहती थी, अनीता ने भी उसी कंपाउंड में अपना घर बनाया था. दयालु स्वभाव और घूमने फिरने की शौकीन एकता की सुंदरता के कारण लोगों को इस बात का पता ही नहीं चलता था कि वह एक किन्नर है.

एकता का एक ही सपना था कि उसके रिश्तेदार पढ़-लिखकर काबिल बन जाएं और उन्हें जीवन की हर खुशी मिले. एकता का अपने परिवार से बहुत ज्यादा लगाव था. इसलिए वो परिवार के संपर्क में हमेशा बनी रहती थी. कभी वह बच्चों को लेकर गांव चली जाती, तो कभी मां-भाई और भाभी के साथ उससे मिलने के लिए चले आते थे.

क्या था पूरा मामला

5 सितंबर 2020 की रात के लगभग 9 बजे का वक्त था. अनीता जोशी के गोद लिए बेटे आशीष जिसे एकता अपना धर्म भाई मानती थी. उसने एकता से नई जींस व कुछ कपडे़ खरीदने की फरमाईश की. इसलिए वो आशीष व अनीता को लेकर लक्ष्मी नगर में शॉपिंग करने के लिए निकल गई. अपने व सभी बच्चों के लिए एकता ने बहुत कुछ खरीदा. कई घंटे तक शॉपिंग करने के बाद नौ बजे वह वापस घर लौटी.

गाड़ी सड़क पर कंपाउंड के गेट पर रूकी. आशीष गाड़ी ड्राइव कर रहा था. गाड़ी रूकने के बाद पिछली सीट पर बैठी एकता जोशी अपना शॉपिंग बैग लेकर नीचे उतरने लगी, तभी अचानक पीछे से तेजी से आई एक सफेद रंग की स्कूटी उसके पास आकर हल्की धीमी हुई. स्कूटी पर दो लोग सवार थे, दोनों ने सिर व चेहरे हेलमेट से ढके थे. स्कूटी पर पीछे बैठे व्यक्ति ने हाथ में ली हुई पिस्तौल से एकता को बेहद करीब से एक के बाद एक चार गोलियां मारी. स्कूटी सवारों के पिस्टल से चली चारों गोलियां बेहद करीब से एकता के शरीर के नाजुक हिस्सों में लगी थी. गोलियां लगते ही एकता जमीन पर खून से लथपथ होकर गिर पड़ी, जब तक आसपास के लोग कुछ समझ पाते, तब तक स्कूटी सवार हमलावर फरार हो चुके थे.

सीसीटीवी में कैद हुआ खौफनाक मंजर

गोलियों की आवाज सुनकर उस कंपाउंड में रहने वाले किन्नरों के परिवार और राहगीर वहां एकत्र हो गए. ये सब कुछ इतनी जल्दी हुआ था कि किसी की समझ नहीं आया कि ये सब कब क्यों और कैसे हो गया. एकता के भाई के चारों बच्चे भी शोर व गोलियों की आवाज सुनकर वहां पहुंच गए. उसके तुरंत बाद एकता जोशी को जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृतक घोषित कर दिया. गोली मारने की पूरी वारदात नजदीकी सीसीटीवी में कैद हो चुकी थी. जिसने बाद में पुलिस की काफी सहायता की.

वर्चस्व जमाने के लिए हुई हत्या

जीटीबी थाने की पुलिस ने जब आमिर गाजी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि वह पश्चिम विहार के डीडीए फ्लैट में रह रहे गगन पंडित के कहने पर एकता जोशी की हत्या में शामिल हुआ था. उसने ये भी बताया कि गगन ही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है और किन्नरों के एक दूसरे ग्रुप ने गुरू की गद्दी के विवाद में एकता जोशी की हत्या कराई थी.

इसे भी पढ़ें- सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए निश्चित संख्या में ही एकत्र हो सकेंगे लोगः मुख्यमंत्री

आमिर से पूछताछ में पता चला कि दिल्ली के यमुना पार में किन्नरों के कई गुट हैं. जिसमें एकता जोशी व अनीता जोशी गुट सबसे ताकतवर है. जबकि फरीदाबाद की सोनम और वर्षा के अलावा जीटीबी एन्क्लेव के ही एक-दूसरे गुट कमल और मंजूर इलाही को एकता जोशी और अनीता जोशी फूटी आंख नहीं सुहाते थे.

सामाजिक अवसरों पर लोगों से बधाई मांगने को लेकर एकता जोशी के गुट से कई बार इन दोनों गुटों की झड़प हो चुकी थी. जबसे इस बात की चर्चा चली थी कि अनीता जोशी ने एकता को अपना उत्तराधिकारी बना दिया है और उसके बाद वही किन्नरों की अगली गुरू होगी. तब से मंजूर इलाही व सोनम के गुटों को लगने लगा कि अगर एकता का जल्द कुछ नहीं किया गया, तो उनकी रोजी रोटी और धंधा खराब हो जाएगा. क्योंकि एकता कहीं ज्यादा अनीता जोशी से तेज तर्रार पढ़ी लिखी व प्रभावशाली थी.

मेरठ तक जुड़े थे हत्या के तार

दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पता चला था कि भाड़े के हत्यारों ने इस पूरी वारदात को अंजाम दिया है. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स से संपर्क किया. उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के डीएसपी ब्रजेश सिंह ने अपने तेज तर्रार इंस्पेक्टर रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की. जिसमें सब इंसपेक्टर संजय कुमार, हेड कॉन्स्टेबल संजय सिंह, रवि वत्स, रकम सिंह, कॉन्स्टेबल दीपक कुमार व अंकित श्यौरान को शामिल किया गया.

पुलिस की इस टीम के पास मेरठ के अधिकांश अधिकारियों की कुंडली थी. दिल्ली पुलिस से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने अपने मुखबिर नेटवर्क का इस्तेमाल करना शुरू किया. एसटीएफ की टीम ने ऐसे अपराधियों का चिन्हित करना शुरू किया, जो सुपारी लेकर हत्या करने के लिए जाने जाते थे. इसी पड़ताल के दौरान एसटीएफ की टीम को आमिर गाजी नाम के एक बदमाश के मोबाइल की लोकेशन 5 सितंबर को दिल्ली में मिली.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: चार लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

संयोग से आमिर के मोबाइल की लोकेशन रात को साढे़ आठ से नौ बजे के करीब जीटीबी एन्क्लेव के जनता फ्लैट के आसपास ही थी और यहीं एकता जोशी की हत्या हुई थी. दिल्ली पुलिस का शक एसटीएफ को सही लगा कि एकता जोशी की हत्या करने वाले बदमाशों का संबध मेरठ से है. 9 नवंबर 2020 को सटीक सूचना मिलने के बाद एसटीएफ की टीम ने शाम को करीब सात बजे ईस्माइल वाली गली से आमिर गाजी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया. आमिर के साथ एक अन्य युवक भी था. तलाशी लेने के बाद दोनों के कब्जे से एक आटोमैटिक पिस्टलल और एक तमंचा बरामद हुआ.

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में डीडीए के जनता फ्लैट्स का वह कपांउड सबसे आलीशान माना जाता था. 6 फ्लैट के इस पूरे परिसर को तीन किन्नर ने खरीदकर आलीशान बंगले के रूप में तब्दील कर दिया था. इस बंगले नुमा कंपाउड में तीन किन्नरों के परिवार रहते हैं. किन्नरों के इस ग्रुप ने पिछले कुछ साल पहले ही इस कंपाउंड में आकर रहना शुरू किया था.

इन्हीं में एक परिवार है, एकता जोशी (40) का. एकता मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढवाल की रहने वाली थी. एकता के पिता दिल्ली के पूसा इंस्टिट्यूट में जॉब करते हैं, जबकि मां और भाई गांव में रहते हैं. एकता ने भाई के बच्चों को अपने पास ही रखा हुआ था. जिनमें तीन बेटे और एक बेटी हैं, जबकि भाई-भाभी और मां गांव में रहते थे. एकता चाहती थी कि उसके भाई के बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़-लिखकर काबिल बन सकें. चारों बच्चों की पढ़ाई का खर्च एकता खुद ही वहन करती थी.

किन्नर एकता जोशी हत्याकांड.

इसे भी पढ़ें- अजीत सिंह हत्याकांड: पूर्व MP धनंजय सिंह सहित 5 को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी


एकता बचपन से किन्नर थी, इसलिए युवावस्था में पहले वो उत्तराखंड में रही. इसके बाद दिल्ली के किन्नर समाज में आकर रहने लगी. किन्नरों की गुरू अनीता जोशी का एकता से खास लगाव था. इसलिए जिस कंपाउंड में एकता रहती थी, अनीता ने भी उसी कंपाउंड में अपना घर बनाया था. दयालु स्वभाव और घूमने फिरने की शौकीन एकता की सुंदरता के कारण लोगों को इस बात का पता ही नहीं चलता था कि वह एक किन्नर है.

एकता का एक ही सपना था कि उसके रिश्तेदार पढ़-लिखकर काबिल बन जाएं और उन्हें जीवन की हर खुशी मिले. एकता का अपने परिवार से बहुत ज्यादा लगाव था. इसलिए वो परिवार के संपर्क में हमेशा बनी रहती थी. कभी वह बच्चों को लेकर गांव चली जाती, तो कभी मां-भाई और भाभी के साथ उससे मिलने के लिए चले आते थे.

क्या था पूरा मामला

5 सितंबर 2020 की रात के लगभग 9 बजे का वक्त था. अनीता जोशी के गोद लिए बेटे आशीष जिसे एकता अपना धर्म भाई मानती थी. उसने एकता से नई जींस व कुछ कपडे़ खरीदने की फरमाईश की. इसलिए वो आशीष व अनीता को लेकर लक्ष्मी नगर में शॉपिंग करने के लिए निकल गई. अपने व सभी बच्चों के लिए एकता ने बहुत कुछ खरीदा. कई घंटे तक शॉपिंग करने के बाद नौ बजे वह वापस घर लौटी.

गाड़ी सड़क पर कंपाउंड के गेट पर रूकी. आशीष गाड़ी ड्राइव कर रहा था. गाड़ी रूकने के बाद पिछली सीट पर बैठी एकता जोशी अपना शॉपिंग बैग लेकर नीचे उतरने लगी, तभी अचानक पीछे से तेजी से आई एक सफेद रंग की स्कूटी उसके पास आकर हल्की धीमी हुई. स्कूटी पर दो लोग सवार थे, दोनों ने सिर व चेहरे हेलमेट से ढके थे. स्कूटी पर पीछे बैठे व्यक्ति ने हाथ में ली हुई पिस्तौल से एकता को बेहद करीब से एक के बाद एक चार गोलियां मारी. स्कूटी सवारों के पिस्टल से चली चारों गोलियां बेहद करीब से एकता के शरीर के नाजुक हिस्सों में लगी थी. गोलियां लगते ही एकता जमीन पर खून से लथपथ होकर गिर पड़ी, जब तक आसपास के लोग कुछ समझ पाते, तब तक स्कूटी सवार हमलावर फरार हो चुके थे.

सीसीटीवी में कैद हुआ खौफनाक मंजर

गोलियों की आवाज सुनकर उस कंपाउंड में रहने वाले किन्नरों के परिवार और राहगीर वहां एकत्र हो गए. ये सब कुछ इतनी जल्दी हुआ था कि किसी की समझ नहीं आया कि ये सब कब क्यों और कैसे हो गया. एकता के भाई के चारों बच्चे भी शोर व गोलियों की आवाज सुनकर वहां पहुंच गए. उसके तुरंत बाद एकता जोशी को जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृतक घोषित कर दिया. गोली मारने की पूरी वारदात नजदीकी सीसीटीवी में कैद हो चुकी थी. जिसने बाद में पुलिस की काफी सहायता की.

वर्चस्व जमाने के लिए हुई हत्या

जीटीबी थाने की पुलिस ने जब आमिर गाजी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि वह पश्चिम विहार के डीडीए फ्लैट में रह रहे गगन पंडित के कहने पर एकता जोशी की हत्या में शामिल हुआ था. उसने ये भी बताया कि गगन ही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है और किन्नरों के एक दूसरे ग्रुप ने गुरू की गद्दी के विवाद में एकता जोशी की हत्या कराई थी.

इसे भी पढ़ें- सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए निश्चित संख्या में ही एकत्र हो सकेंगे लोगः मुख्यमंत्री

आमिर से पूछताछ में पता चला कि दिल्ली के यमुना पार में किन्नरों के कई गुट हैं. जिसमें एकता जोशी व अनीता जोशी गुट सबसे ताकतवर है. जबकि फरीदाबाद की सोनम और वर्षा के अलावा जीटीबी एन्क्लेव के ही एक-दूसरे गुट कमल और मंजूर इलाही को एकता जोशी और अनीता जोशी फूटी आंख नहीं सुहाते थे.

सामाजिक अवसरों पर लोगों से बधाई मांगने को लेकर एकता जोशी के गुट से कई बार इन दोनों गुटों की झड़प हो चुकी थी. जबसे इस बात की चर्चा चली थी कि अनीता जोशी ने एकता को अपना उत्तराधिकारी बना दिया है और उसके बाद वही किन्नरों की अगली गुरू होगी. तब से मंजूर इलाही व सोनम के गुटों को लगने लगा कि अगर एकता का जल्द कुछ नहीं किया गया, तो उनकी रोजी रोटी और धंधा खराब हो जाएगा. क्योंकि एकता कहीं ज्यादा अनीता जोशी से तेज तर्रार पढ़ी लिखी व प्रभावशाली थी.

मेरठ तक जुड़े थे हत्या के तार

दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पता चला था कि भाड़े के हत्यारों ने इस पूरी वारदात को अंजाम दिया है. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स से संपर्क किया. उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के डीएसपी ब्रजेश सिंह ने अपने तेज तर्रार इंस्पेक्टर रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की. जिसमें सब इंसपेक्टर संजय कुमार, हेड कॉन्स्टेबल संजय सिंह, रवि वत्स, रकम सिंह, कॉन्स्टेबल दीपक कुमार व अंकित श्यौरान को शामिल किया गया.

पुलिस की इस टीम के पास मेरठ के अधिकांश अधिकारियों की कुंडली थी. दिल्ली पुलिस से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने अपने मुखबिर नेटवर्क का इस्तेमाल करना शुरू किया. एसटीएफ की टीम ने ऐसे अपराधियों का चिन्हित करना शुरू किया, जो सुपारी लेकर हत्या करने के लिए जाने जाते थे. इसी पड़ताल के दौरान एसटीएफ की टीम को आमिर गाजी नाम के एक बदमाश के मोबाइल की लोकेशन 5 सितंबर को दिल्ली में मिली.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: चार लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

संयोग से आमिर के मोबाइल की लोकेशन रात को साढे़ आठ से नौ बजे के करीब जीटीबी एन्क्लेव के जनता फ्लैट के आसपास ही थी और यहीं एकता जोशी की हत्या हुई थी. दिल्ली पुलिस का शक एसटीएफ को सही लगा कि एकता जोशी की हत्या करने वाले बदमाशों का संबध मेरठ से है. 9 नवंबर 2020 को सटीक सूचना मिलने के बाद एसटीएफ की टीम ने शाम को करीब सात बजे ईस्माइल वाली गली से आमिर गाजी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया. आमिर के साथ एक अन्य युवक भी था. तलाशी लेने के बाद दोनों के कब्जे से एक आटोमैटिक पिस्टलल और एक तमंचा बरामद हुआ.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.