लखनऊ : परिवहन विभाग लगातार सड़क हादसों में कमी लाने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह और सड़क सुरक्षा माह का आयोजन करता है. तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. चेकिंग अभियान चलाकर यातायात नियमों का पालन करने के लिए कार्रवाई की जाती है, लेकिन दुर्घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित हो पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. प्रदेश के तमाम ऐसे जिले हैं जहां पर दुर्घटनाओं का आंकड़ा घटने के बजाय बढ़ गया है, उन्हीं जिलों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी शामिल है. दुर्घटनाओं के लिए ज्यादा दूरी तक और लंबे समय के लिए वाहन का संचालन करने वाले चालकों को भी जिम्मेदार माना जाता है. इसीलिए अब ड्राइवरों को ड्राइविंग के गुर सिखाए जा रहे हैं. साथ ही रिफ्रेशर कोर्स भी कराया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सड़क हादसों के मामले में देश में पहले स्थान पर है. सड़क दुर्घटनाओं पर तमाम प्रयासों के बाद भी लगाम नहीं लग पा रही है. टारगेट सेट किया गया है कि दुर्घटनाओं में 50% तक कमी लाना है. सड़क सुरक्षा फंड से तमाम सारे कार्यक्रम जनता को जागरूक करने के लिए आयोजित करने के बावजूद सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं जो चिंता का सबब बन रही हैं. सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके इसके लिए चालकों को जागरूक करने के उद्देश्य से मंगलवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित फिटनेस सेन्टर पर अपने वाहनों की फिटनेस कराने के लिए आने वाले वाहन चालकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया गया. इसमें उन्हें सुरक्षित वाहन चलाने के लिए यातायात के नियमों और सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में अवगत कराया गया. वाहन की फिटनेस के सन्दर्भ में फिटनेस सेंटर के इंस्ट्रक्टर की ओर से प्रमुख रूप से ध्यान में रखने वाली बातों को भी साझा किया गया. चालकों को वाहन चलाते समय अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की अपील की गई.
फिटनेस सेंटर के इंस्ट्रक्टर नितेश सिंह ने वाहनों में क्लच, गियर और ब्रेक का किस प्रकार से भौतिक रूप से परीक्षण कर किसी भी दुर्घटना से बचने के उपायों के बारे में भी अवगत कराया गया. इस अवसर पर फिटनेस सेन्टर प्रभारी आरआई विष्णु कुमार, सेन्टर प्रभारी, आकाश सिंह, इंस्ट्रक्टर नितेश सिंह और वाहन चालक मौजूद रहे.