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यूनिसेफ के वर्चुअल सेमिनार में 50 विधायकों ने लिया हिस्सा, विधानसभा अध्यक्ष ने कही ये बात

यूपी विधानसभा अध्यक्ष (UP Assembly Speaker) हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में यूनिसेफ (UNICEF) की तरफ से आयोजित वर्चुअल सेमिनार में प्रदेश के 50 से अधिक विधायकों ने हिस्सा लिया. विधायकों ने अपने क्षेत्र में किए गए कार्यों और कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) आने की आशंका को देखते हुए तमाम बिन्दुओं पर चर्चा की.

यूपी विधानसभा अध्यक्ष  हृदय नारायण दीक्षित
यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित
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Published : Jul 22, 2021, 11:02 PM IST

लखनऊ: कोविड (Covid-19) के संबंध में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में गुरुवार को एक वर्चुअल सेमिनार (Virtual Seminar) का आयोजन किया गया. यूनिसेफ (UNICEF) की तरफ से आयोजित वर्चुअल सेमिनार में प्रदेश के 50 से अधिक विधायकों ने हिस्सा लिया. विधायकों ने अपने क्षेत्र में किए गए कार्यों और कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) आने की आशंका को देखते हुए तमाम बिन्दुओं पर चर्चा की.

सेमिनार को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा कार्यालय और विधानसभा सदस्यों ने समय-समय पर बच्चों के जीवन में आने वाली चुनौतियों का संज्ञान लिया है और गंभीर चर्चा की है. सदन की महिला व बाल विकास (women and child Welfare) संबंधी संयुक्त समिति नियमित रूप से बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा, शिक्षा पर चर्चा करती हैं. दीक्षित ने कहा कि यूनिसेफ संयुक्त राष्ट्र संघ की अंतरराष्ट्रीय संस्था है. यह विश्व भर के 190 देशों में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. इसका प्रयास हमेशा सबसे कमजोर और जरुरतमंद बच्चों को उनके अधिकार दिलाने का होता है. बाल अधिकारों के संदर्भ में यूनिसेफ ने बड़ा सहयोग और प्रशंसनीय कार्य किया है.

जानकारी देते यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित

इसे भी पढ़ें-सरकार है साथ, एक भी बच्चा नहीं अनाथ: सीएम योगी

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी (corona pandemic) ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस महामारी से मुकाबला करने पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पाई है. उन्होंने भारत के संघीय ढांचे के अंतर्गत बार-बार मुख्य मंत्रियों से परामर्श लिया है. यह अपने आप में अनूठा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने इस महामारी से लड़ने के लिए अद्वितीय प्रबंधन किया है, जिसे माइक्रो प्रबंधन भी कहते हैं. इस सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की है. इस मौके पर विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे भी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' (Mukhyamantri Bal Seva Yojana) का औपचारिक शुभारंभ किया. ये योजना कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए शुरू की गई है. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) भी मौजूद थीं. इस मौके पर राज्यपाल के हाथों 4,050 निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण के लिए पहली तिमाही के ₹12,000 उनके बैंक खातों में डिजिटली ट्रांसफर किए गए. वहीं योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी प्रदान किया गया. लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि विगत 16-17 माह से न केवल प्रदेश बल्कि, पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है. इस दौरान बहुत से लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी में बड़ी से बड़ी ताकतों की स्थिति भी खराब रही.

लखनऊ: कोविड (Covid-19) के संबंध में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में गुरुवार को एक वर्चुअल सेमिनार (Virtual Seminar) का आयोजन किया गया. यूनिसेफ (UNICEF) की तरफ से आयोजित वर्चुअल सेमिनार में प्रदेश के 50 से अधिक विधायकों ने हिस्सा लिया. विधायकों ने अपने क्षेत्र में किए गए कार्यों और कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) आने की आशंका को देखते हुए तमाम बिन्दुओं पर चर्चा की.

सेमिनार को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा कार्यालय और विधानसभा सदस्यों ने समय-समय पर बच्चों के जीवन में आने वाली चुनौतियों का संज्ञान लिया है और गंभीर चर्चा की है. सदन की महिला व बाल विकास (women and child Welfare) संबंधी संयुक्त समिति नियमित रूप से बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा, शिक्षा पर चर्चा करती हैं. दीक्षित ने कहा कि यूनिसेफ संयुक्त राष्ट्र संघ की अंतरराष्ट्रीय संस्था है. यह विश्व भर के 190 देशों में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. इसका प्रयास हमेशा सबसे कमजोर और जरुरतमंद बच्चों को उनके अधिकार दिलाने का होता है. बाल अधिकारों के संदर्भ में यूनिसेफ ने बड़ा सहयोग और प्रशंसनीय कार्य किया है.

जानकारी देते यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित

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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी (corona pandemic) ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस महामारी से मुकाबला करने पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पाई है. उन्होंने भारत के संघीय ढांचे के अंतर्गत बार-बार मुख्य मंत्रियों से परामर्श लिया है. यह अपने आप में अनूठा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने इस महामारी से लड़ने के लिए अद्वितीय प्रबंधन किया है, जिसे माइक्रो प्रबंधन भी कहते हैं. इस सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की है. इस मौके पर विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे भी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' (Mukhyamantri Bal Seva Yojana) का औपचारिक शुभारंभ किया. ये योजना कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए शुरू की गई है. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) भी मौजूद थीं. इस मौके पर राज्यपाल के हाथों 4,050 निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण के लिए पहली तिमाही के ₹12,000 उनके बैंक खातों में डिजिटली ट्रांसफर किए गए. वहीं योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी प्रदान किया गया. लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि विगत 16-17 माह से न केवल प्रदेश बल्कि, पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है. इस दौरान बहुत से लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी में बड़ी से बड़ी ताकतों की स्थिति भी खराब रही.

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