लखनऊ: गेहूं खरीद में शिथिलता बरतना उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन (पीसीएफ) के अधिकारियों पर भारी पड़ गया. सरकार ने गेहूं क्रय केंद्रों पर उम्मीद के मुताबिक खरीद नहीं होने पर अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिरा दी. क्षेत्रीय प्रबंधक समेत 5 अन्य कर्मचारियों पर सरकार ने सस्पेंशन की कार्रवाई की है.
इन जिम्मेदारों पर हुई कार्रवाई
सरकार की नाराजगी का शिकार बनने वालों में पीसीएफ कानपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक हरिओम शर्मा, पीसीएफ कानपुर के अतुल शर्मा सोहेल कुमार, सुरेंद्र कुमार, राजेश कुमार और वीरेंद्र कुमार यादव की भी गेहूं खरीद में शिथिलता उजागर हुई. इसके बाद उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की गई है. बता दें कि योगी सरकार लगातार गेहूं क्रय केंद्रों पर नजर रख रही है, उनकी मॉनिटरिंग कर रही है. सरकार की इसी मानिटरिंग में कानपुर के गेहूं क्रय केंद्रों में उम्मीद के मुताबिक खरीदारी नहीं होने पर अधिकारियों को सस्पेंड किया गया.
क्रय केंद्रों पर बरती जा रही लापरवाही
बता दें कि यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन की स्थापना ही इसलिए की गई थी जिससे कृषकों को बिचौलियों को शोषण से मुक्त कराते हुए उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया जा सके. सहकारिता के आधार पर किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इसी के तहत पीसीएफ को किसानों के गेहूं की खरीद का भी जिम्मा दिया गया, लेकिन इसमें कई क्षेत्र लापरवाही बरत रहे हैं जिसका उन्हें भुगतान भी करना पड़ रहा है.