लखनऊ : प्रदेश में कोरोना वायरस भयानक रूप ले चुका है. पहले की तुलना में 30 गुना से ज्यादा वायरस आक्रामक है. ऐसे में होम आइसोलेशन में संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के मरने की संख्या बढ़ रही है. शनिवार को राजधानी के कृष्णानगर कॉलोनी के 3 संक्रमित मरीजों के मरने की पुष्टि हुई. वहीं, प्रदेश भर में रविवार सुबह तक हुई जांच में 9000 नये कोविड पॉजिटिव केस सामने आए, जबकि संक्रमण से 5 मरीजों की मौत हो गई. अकेले राजधानी में 800 नए संक्रमित मरीज मिले हैं.
अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत
राजधानी के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहराता जा रहा है. मरीज के परिजन लगातार ऑक्सीजन की मांग को लेकर अधिकारियों से गुजारिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. मरीज बिना ऑक्सीजन तड़प रहे हैं. शनिवार को नादरगंज में ऑक्सीजन प्लांट के बाहर लाइन लगाए मरीजों के परिजन बेहाल दिखे. लखनऊ के केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया, एरा, बलरामपुर, लोकबंधु समेत दूसरे बड़े कोविड अस्पतालों में बेड भरा पड़ा है. निजी छोटे अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं.
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बेड़ों की समस्या बरकरार
अस्पतालों में बेड की संख्या कम है. मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा. इसे लेकर प्रदेश सरकार का कहना है कि कहीं कोई दिक्कत परेशानी नहीं है, अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध है. सीएम के इस दावे के बावजूद तीमारदार जब मरीज को भर्ती कराने अस्पताल जा रहे हैं, तो उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा. अब तो आलम यह है कि होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित मरीज दम तोड़ रहे हैं, जिसके आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की नजरों से कहीं दूर है.
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