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यूपी में कोरोना की रफ्तार घटी, मंगलवार को मिले 4,901 नए मरीज...

यूपी में कोरना संक्रमण का प्रवाह धीरे-धीरे कम हो रहा है. मंगलवार को प्रदेश में कोरोना के 4 हजार से अधिक मरीज मिले हैं. फरवरी माह के पहले दिन 26 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो गई.

यूपी में कोरोना की रफ्तार घटी
यूपी में कोरोना की रफ्तार घटी
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Published : Feb 1, 2022, 6:50 PM IST

लखनऊ : यूपी में कोरोना के प्रसार में लगातार गिरावट आ रही है. मंगलवार को सुबह 4 हजार से अधिक नए मरीज मिले. वहीं फरवरी माह के पहले दिन 26 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो गई. यूपी में बीते 24 घंटे में 1 लाख 78 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 4,901 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. इसके अलावा 1,246 मरीज डिस्चार्ज किए गए.

यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 94 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए.

दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. वहीं तीसरी लहर में 90 फीसद ओमिक्रोन वैरिएंट पाया जा रहा है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसद, 19 जनवरी को 7.78 फीसद थी. इसके अलावा 25 जनवरी को संक्रमण दर 4.98 फीसद थी, जो अब घटकर 3.86 फीसद पर आ गई.

अब तक 359 ओमीक्रोन के मरीज

17 दिसंबर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं 25 दिसंबर को रायबरेली की महिला में ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैम्पल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमीक्रोन के मरीज पाए गए हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है.

एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा. ज्यादातर में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. वहीं निगरानी समिति बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखें. रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी किए गए. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया.

86 हजार से घटकर 55 हजार हुए एक्टिव केस

राज्य में जनवरी शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 616 एक्टिव केस थे. वहीं सोमवार को 54 हजार रह गई. सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की व्यवस्था कर ली है. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.


0.01 फीसद पॉजिटीविटी रेट से 3.86 हुई

मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 2.02 फीसद है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 3.86 फीसद हो गई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई।. अक्टूबर में संक्रमण दर 0.01 फीसद थी.

95 पर आई रिकवरी रेट

30 अप्रैल 2021 को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 54 हजार हो गयी. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 95.6 फीसद रह गयी है. राज्य में 24 अप्रैल 2021 को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 की जान चली गई.

यूपी ने साढ़े चौदह लाख लोगों को लगी कोविड वैक्सीन की तीसरी डोज

लखनऊ: यूपी में बुजुर्गों, वयस्कों के साथ किशोरों के लिए वैक्सीनेशन अभियान जारी है. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 18 वर्ष से अधिक आयु की 99 फीसद आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लगाने का दावा किया है. वैक्सीनेशन अभियान के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर को तीसरी डोज भी लगाई जा रही है. सोमवार को राज्य की 18 वर्ष से ऊपर की पूरी आबादी को टीके की पहली डोज लग गयी है. वहीं मंगलवार तक साढ़े चौदह लाख लोगों को कोरोना की तीसरी डोज लग चुकी है.

70 फीसद आबादी को लगी दूसरी डोज
अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, 18 वर्ष से ऊपर की 100 फीसद आबादी को पहली डोज लग गई है. वहीं 70 फीसद आबादी को दूसरी डोज लग गई है. यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की 29 जनवरी तक घर-घर खोज का अभियान चला. पहली और दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं.


ऑन द स्पॉट पंजीकरण
यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प और घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाकों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है. उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगाई जा रही हैं. मौके पर ही पंजीकरण हो रहा है. सोमवार को वैक्सीनेशन के लिए मेगा कैम्प लगाया गया.


17 हजार बूथों पर लगी वैक्सीन
यूपी में मंगलवार की शाम तक 17,274 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया. इसमें 17,274 सरकारी व 73 निजी केंद्र बनाए गए थे. इस दौरान 19 हजार से ज्यादा को डोज लगीं. यूपी में कुल डोज सवा 26 करोड़ 29 लाख से ज्यादा लग गई. इसमें पहली डोज लेने वालों की तादाद 15 करोड़ 75 लाख पार कर गई. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की कुल तादाद 10 करोड़ 39 लाख से ज्यादा हो गई.

घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण के लिए किया गया जागरुक

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को लखनऊ के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कई इलाकों में घर-घर जाकर लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया. जागरुकता अभियान के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केडी मिश्रा मौजूद रहे.

जागरुकता अभियान के दौरान टीकाकरण से छूटे लोगों से अधिकारियों ने बातचीत की और उन्हें कोविड की डोज लगवाने के लिए प्रेरित किया. इस दौरान टीकाकरण की टीम ने स्पॉट पर मिले लोगों को टीका लगाया. सीएमओ ने कहा कि कोरोना से बचाव में टीकाकरण ही एकमात्र कारगर उपाय है. यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है.

टीका लगने के बाद में अगर कोरोना हो भी जाता है, तो इसकी तीव्रता बहुत नहीं होगी. अभी 15 साल से छोटे बच्चों की कोविड की वैक्सीन नहीं आयी है, इसलिए 15 साल से अधिक आयु के सभी लोग कोविड का टीका जरूर लगवाएं.

जागरुकता अभियान के दौरान डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि कोरोना का टीका गर्भवती महिलाओं और धात्री दोनों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है. इससे न केवल गर्भवती महिलाएं सुरक्षित रहती है, बल्कि गर्भ में पल रहा बच्चा भी सुरक्षित रहता है.

इसे पढ़ें- CBSE स्कूल एसोसिएशन ने 7 फरवरी से ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने का किया एलान

लखनऊ : यूपी में कोरोना के प्रसार में लगातार गिरावट आ रही है. मंगलवार को सुबह 4 हजार से अधिक नए मरीज मिले. वहीं फरवरी माह के पहले दिन 26 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो गई. यूपी में बीते 24 घंटे में 1 लाख 78 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 4,901 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. इसके अलावा 1,246 मरीज डिस्चार्ज किए गए.

यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 94 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए.

दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. वहीं तीसरी लहर में 90 फीसद ओमिक्रोन वैरिएंट पाया जा रहा है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसद, 19 जनवरी को 7.78 फीसद थी. इसके अलावा 25 जनवरी को संक्रमण दर 4.98 फीसद थी, जो अब घटकर 3.86 फीसद पर आ गई.

अब तक 359 ओमीक्रोन के मरीज

17 दिसंबर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं 25 दिसंबर को रायबरेली की महिला में ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैम्पल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमीक्रोन के मरीज पाए गए हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है.

एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा. ज्यादातर में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. वहीं निगरानी समिति बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखें. रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी किए गए. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया.

86 हजार से घटकर 55 हजार हुए एक्टिव केस

राज्य में जनवरी शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 616 एक्टिव केस थे. वहीं सोमवार को 54 हजार रह गई. सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की व्यवस्था कर ली है. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.


0.01 फीसद पॉजिटीविटी रेट से 3.86 हुई

मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 2.02 फीसद है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 3.86 फीसद हो गई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई।. अक्टूबर में संक्रमण दर 0.01 फीसद थी.

95 पर आई रिकवरी रेट

30 अप्रैल 2021 को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 54 हजार हो गयी. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 95.6 फीसद रह गयी है. राज्य में 24 अप्रैल 2021 को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 की जान चली गई.

यूपी ने साढ़े चौदह लाख लोगों को लगी कोविड वैक्सीन की तीसरी डोज

लखनऊ: यूपी में बुजुर्गों, वयस्कों के साथ किशोरों के लिए वैक्सीनेशन अभियान जारी है. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 18 वर्ष से अधिक आयु की 99 फीसद आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लगाने का दावा किया है. वैक्सीनेशन अभियान के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर को तीसरी डोज भी लगाई जा रही है. सोमवार को राज्य की 18 वर्ष से ऊपर की पूरी आबादी को टीके की पहली डोज लग गयी है. वहीं मंगलवार तक साढ़े चौदह लाख लोगों को कोरोना की तीसरी डोज लग चुकी है.

70 फीसद आबादी को लगी दूसरी डोज
अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, 18 वर्ष से ऊपर की 100 फीसद आबादी को पहली डोज लग गई है. वहीं 70 फीसद आबादी को दूसरी डोज लग गई है. यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की 29 जनवरी तक घर-घर खोज का अभियान चला. पहली और दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं.


ऑन द स्पॉट पंजीकरण
यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प और घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाकों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है. उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगाई जा रही हैं. मौके पर ही पंजीकरण हो रहा है. सोमवार को वैक्सीनेशन के लिए मेगा कैम्प लगाया गया.


17 हजार बूथों पर लगी वैक्सीन
यूपी में मंगलवार की शाम तक 17,274 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया. इसमें 17,274 सरकारी व 73 निजी केंद्र बनाए गए थे. इस दौरान 19 हजार से ज्यादा को डोज लगीं. यूपी में कुल डोज सवा 26 करोड़ 29 लाख से ज्यादा लग गई. इसमें पहली डोज लेने वालों की तादाद 15 करोड़ 75 लाख पार कर गई. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की कुल तादाद 10 करोड़ 39 लाख से ज्यादा हो गई.

घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण के लिए किया गया जागरुक

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को लखनऊ के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कई इलाकों में घर-घर जाकर लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया. जागरुकता अभियान के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केडी मिश्रा मौजूद रहे.

जागरुकता अभियान के दौरान टीकाकरण से छूटे लोगों से अधिकारियों ने बातचीत की और उन्हें कोविड की डोज लगवाने के लिए प्रेरित किया. इस दौरान टीकाकरण की टीम ने स्पॉट पर मिले लोगों को टीका लगाया. सीएमओ ने कहा कि कोरोना से बचाव में टीकाकरण ही एकमात्र कारगर उपाय है. यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है.

टीका लगने के बाद में अगर कोरोना हो भी जाता है, तो इसकी तीव्रता बहुत नहीं होगी. अभी 15 साल से छोटे बच्चों की कोविड की वैक्सीन नहीं आयी है, इसलिए 15 साल से अधिक आयु के सभी लोग कोविड का टीका जरूर लगवाएं.

जागरुकता अभियान के दौरान डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि कोरोना का टीका गर्भवती महिलाओं और धात्री दोनों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है. इससे न केवल गर्भवती महिलाएं सुरक्षित रहती है, बल्कि गर्भ में पल रहा बच्चा भी सुरक्षित रहता है.

इसे पढ़ें- CBSE स्कूल एसोसिएशन ने 7 फरवरी से ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने का किया एलान

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