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घरौनी योजना से अब तक करीब 48 लाख लोगों को मिला लाभ, 89 हजार गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा

डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल 2020 को घरौनी के नाम से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) की थी. जिसके जरिए सरकार ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक के कागज यानी की घरौनी प्रमाण पत्र प्राप्त करवा सके.

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Published : Jan 3, 2023, 7:05 PM IST

जानकारी देते उत्तर प्रदेश के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्मलाल

लखनऊ : ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को घरौनी योजना से जोड़ने की शुरूआत की गई, जिससे राजस्व से जुड़े आबादी के मुकदमों को निस्तारित करने में सफलता पाई जा सके. अब तक करीब 48 लाख लोगों को इस योजना के माध्यम से जोड़ा जा चुका है और सेटेलाइट सर्वे के माध्यम से उनकी जमीन को चिन्हित करने का काम और उसके बाद फिर घरौनी प्रमाण पत्र देने का काम तेजी से किया जा रहा है.

दरअसल, राजस्व से जुड़े विवादों के स्थायी समाधान और ग्रामीण परिवारों को उनके घर का कानूनी मालिकाना हक दिलाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) शुरू की. जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 35 लाख परिवारों को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र घरौनी वितरित की जा चुकी है, वहीं अब तक 89 हजार से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया गया है. इस योजना के माध्यम से 2024 तक पूरे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के गांव के लोगों को घरौनी प्रमाण पत्र देने का लक्ष्य रखा गया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को घरौनी के नाम से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) की थी. यूपी में राजस्व विभाग इस योजना को अमलीजामा पहनाने में तेजी से जुटा है. योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश दूसरे राज्यों की तुलना में काफी आगे है. अब तक प्रदेश में 34 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरित किया जा चुका है. इसके बाद 13 लाख नई घरौनी प्रमाण पत्र और तैयार किए जा चुके हैं. अब तक 89 हजार से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर घरौनी तैयार की जा रही है. सर्वे के बाद डिजिटली हस्ताक्षर वाली घरौनी का वितरण किया जाता है. राजस्व विभाग ने इसी साल के अक्टूबर-नवम्बर तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों के ढाई लाख परिवारों को घरौनी उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है.


ड्रोन सर्वे, पैमाइश और गांवों की खुली बैठक में शिकायतों के निस्तारण के बाद तैयार की जाती है. इससे आवासीय भूमि के विवादों का समाधान किया जाता है. इस घरौनी के माध्यम से ग्रामीण भी शहरों की भांति अपने मकान पर बैंक से ऋण लेकर अपना रोजगार और व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं. आपसी विवाद भी समाप्त होते हैं.


उत्तर प्रदेश के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्मलाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) के अंतर्गत ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण करते हुए घरौनी प्रमाण पत्र दिए जाने का काम तेजी से किया जा रहा है. अब तक उत्तर प्रदेश में 89 हजार से अधिक गांव का ड्रोन सर्वे किया जा चुका है. यह काम पूरी तरह से इसी महीने संपन्न हो जाएगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में अब तक 48 लाख से अधिक लोगों को आपसी सहमति के आधार पर उनके घरों का मालिकाना हक और प्रमाण पत्र दिए जाने का काम पूरा किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें : चारबाग राम प्रसाद बिस्मिल तो वीरांगना ऊदा देवी के नाम से जाना जाएगा आलमबाग बस अड्डा

जानकारी देते उत्तर प्रदेश के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्मलाल

लखनऊ : ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को घरौनी योजना से जोड़ने की शुरूआत की गई, जिससे राजस्व से जुड़े आबादी के मुकदमों को निस्तारित करने में सफलता पाई जा सके. अब तक करीब 48 लाख लोगों को इस योजना के माध्यम से जोड़ा जा चुका है और सेटेलाइट सर्वे के माध्यम से उनकी जमीन को चिन्हित करने का काम और उसके बाद फिर घरौनी प्रमाण पत्र देने का काम तेजी से किया जा रहा है.

दरअसल, राजस्व से जुड़े विवादों के स्थायी समाधान और ग्रामीण परिवारों को उनके घर का कानूनी मालिकाना हक दिलाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) शुरू की. जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 35 लाख परिवारों को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र घरौनी वितरित की जा चुकी है, वहीं अब तक 89 हजार से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया गया है. इस योजना के माध्यम से 2024 तक पूरे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के गांव के लोगों को घरौनी प्रमाण पत्र देने का लक्ष्य रखा गया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को घरौनी के नाम से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) की थी. यूपी में राजस्व विभाग इस योजना को अमलीजामा पहनाने में तेजी से जुटा है. योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश दूसरे राज्यों की तुलना में काफी आगे है. अब तक प्रदेश में 34 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरित किया जा चुका है. इसके बाद 13 लाख नई घरौनी प्रमाण पत्र और तैयार किए जा चुके हैं. अब तक 89 हजार से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर घरौनी तैयार की जा रही है. सर्वे के बाद डिजिटली हस्ताक्षर वाली घरौनी का वितरण किया जाता है. राजस्व विभाग ने इसी साल के अक्टूबर-नवम्बर तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों के ढाई लाख परिवारों को घरौनी उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है.


ड्रोन सर्वे, पैमाइश और गांवों की खुली बैठक में शिकायतों के निस्तारण के बाद तैयार की जाती है. इससे आवासीय भूमि के विवादों का समाधान किया जाता है. इस घरौनी के माध्यम से ग्रामीण भी शहरों की भांति अपने मकान पर बैंक से ऋण लेकर अपना रोजगार और व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं. आपसी विवाद भी समाप्त होते हैं.


उत्तर प्रदेश के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्मलाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) के अंतर्गत ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण करते हुए घरौनी प्रमाण पत्र दिए जाने का काम तेजी से किया जा रहा है. अब तक उत्तर प्रदेश में 89 हजार से अधिक गांव का ड्रोन सर्वे किया जा चुका है. यह काम पूरी तरह से इसी महीने संपन्न हो जाएगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में अब तक 48 लाख से अधिक लोगों को आपसी सहमति के आधार पर उनके घरों का मालिकाना हक और प्रमाण पत्र दिए जाने का काम पूरा किया जा चुका है।

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