लखनऊ: प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के मकसद से 40 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क से मुक्त कर दिया है. प्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश में स्थानीय निकायों की मदद से निजी मंडी भी संचालित की जा सकेंगी. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में हुए इस फैसले की जानकारी दी.
प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य मंत्री प्रताप शाही ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि सरकार ने किसानों को उनके उत्पाद को बेचने की सुविधा देने के मकसद से मंडी परिषद के नियमों में बदलाव किया है. उन्होंने बताया कि मंडी परिषद के नियमों में बदलाव करते हुए अब विशेष प्रकार के लाइसेंसी, व्यापारियों, विपणन स्थलों को मंडी परिषद के बाहर भी किसानों से कृषि उत्पाद खरीदने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. वेयरहाउस, साइलो, शीतगृह जैसे स्थानों को मंडी उपस्थल घोषित किया गया है और उन्हें व्यापारी से यूजर चार्ज या सेवा शुल्क वसूलने का अधिकार होगा.
कृषक उपभोक्ता विवरण व्यवस्था के तहत निजी क्षेत्र और मंडी परिषद की ओर से उपभोक्ता बाजार विकसित करने की व्यवस्था भी लागू की जा रही है. अब निजी क्षेत्र के लोग भी स्थानीय निकायों की सहायता से मंडी स्थल विकसित कर सकेंगे. ऐसे 46 फलों और सब्जियों को मंडी शुल्क अब नहीं देना होगा, इसके अलावा किसान अपनी सुविधा के अनुसार व्यापारी या प्रसंस्करण इकाई को अपना उत्पाद विक्रय करने के लिए स्वतंत्र होंगे. उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है, जिससे किसानों के उत्पाद को स्थानीय स्तर पर अच्छा बाजार मिल सके और उनके जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को खराब होने से पहले ही बाजार पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा इससे ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में मदद मिलेगी.
फल और सब्जी जिन्हें शुल्क मुक्त किया गया
सेब, आम, हरी मटर, केला, अनार, मौसमी, बंद गोभी, फूल गोभी, मूली, पपीता, अंगूर, ककड़ी, खीरा, कद्दू, लौकी ,तरबूज, नारंगी, बैंगन, गाजर, अरवी, अमरुद, पेठा, परवल, तरोई, शकरकंद, खीरा, तरबूज, चीकू, आंवला, जिमीकंद ,माल्टा, आडू, चकोतरा, सिंघाड़ा आदि.