लखनऊ: राजधानी में मात्र 450 पुलिसकर्मी लाखों वाहनों का ट्रैफिक लोड संभाले हैं. इसके चलते अक्सर सड़कों व चौराहों पर जाम लगता है, जिससे जनता बेहाल रहती है. यह स्थिति ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की कमी से है. जबकि शहर के लिए यातायात पुलिस के 1,446 पद स्वीकृत हैं. हालांकि, मौजूदा समय में 687 पुलिसकर्मी उपलब्ध हैं. अवकाश व वीआईपी ड्यूटी व अधिकारियों से संबद्धता के बाद करीब 450 पुलिसकर्मी ही चौराहों पर ड्यूटी के लिए रहते हैं.
दरअसल, शहर में करीब 27 लाख वाहन पंजीकृत हैं. वहीं, बाहर से भी रोजाना हजारों वाहन आते हैं. सुगम ट्रैफिक के लिए यातायात पुलिस के 1,446 पद स्वीकृत हैं. ट्रैफिक लोड को देखते हुए इतने पद काफी कम बताए जाते हैं. ट्रैफिक इंस्पेक्टर के स्वीकृत 12 पदों पर तो 12 की तैनाती है. मुख्य आरक्षी भी 219 की जगह 220 हैं, लेकिन ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर के 120 स्वीकृत पदों पर 70 और आरक्षी के 1095 पदों पर 385 की ही तैनाती है. इस तरह कुल स्वीकृत पद 1,446 के सापेक्ष 687 ट्रैफिक पुलिसकर्मी ही हैं. इनमें से भी 2 टीआई, 16 टीएसआई, 37 मुख्य आरक्षी व 69 आरक्षी अवकाश, बीमारी व अन्य कारणों से ड्यूटी पर नहीं हैं. वहीं, उपलब्ध 563 पुलिसकर्मियों में से लगभग 50 वीआईपी ड्यूटी, 30 कार्यालय ड्यूटी व 30 अधिकारियों से संबद्ध रहने से चौराहों पर लगभग 450 पुलिसकर्मी ही रहते हैं. इससे ट्रैफिक के सुचारू संचालन में दिक्कत आ रही है.
राजधानी के कुल 218 चौराहों व तिराहों पर यातायात पुलिस हैं. इनमें से 83 प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लोड काफी रहता है. 12 स्थानों पर यातायात पुलिस की क्रेन भी रहती है. हर क्रेन पर यातायात पुलिसकर्मी रहता है. राजधानी में ट्रैफिक इंस्पेक्टर व ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर तो पर्याप्त हैं. मगर आरक्षियों की संख्या काफी कम है. इसके बावजूद यातायात के बेहतर संचालन की व्यवस्था की जा रही है. वीआईपी ड्यूटी ट्रैफिक पुलिस के लिए चैलेंज है. रूटीन और बड़े-छोटे कार्यक्रम होते रहते हैं. मगर हमारे ट्रैफिक जवान अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं.
कन्ट्रोल रूम इसे पूरा मैनेज करता है. ट्रैफिक पुलिस में आरक्षियों की कमी दूर करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. इसके लिए सिविल पुलिस के कुछ के आरक्षियों को ट्रैफिक पुलिस में लाने की तैयारी की जा रही है. जो आरक्षी यातायात पुलिस में आना चाहते हैं उन्हें तत्काल प्रशिक्षण दिलाकर तैनाती दी जाएगी.
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