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Lucknow University: केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की वॉल ऑफ फेम में छाए 45 पूर्व छात्र

लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के भी 100 पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर वॉल ऑफ फेम में विभाग के 45 नगीनों को जगह दी गई. 1921 में लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की शुरुआत की गई थी.

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केमेस्ट्री डिपार्टमेंट
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Published : Jul 23, 2022, 12:42 PM IST

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ केमेस्ट्री डिपार्टमेंट ने भी 100 साल का सफर तय किया है. इस दौरान विभाग में तराशे गए 45 नगीनों को 100 साल में पहली बार तैयार की गई वॉल ऑफ फेम में जगह दी गई. खास बात यह है कि देश के कई जाने माने शिक्षाविदों और रसायन वैज्ञानिकों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी और कई जाने माने वैज्ञानिक इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं. बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. आरपी रस्तोगी से लेकर सीबीएमआर एसजीपीजीआई कैम्पस आलोक धवन तक शामिल हैं.

ETV Bharat से खास बातचीत के दौरान केमेस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि 1921 में लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की शुरुआत की गई थी. प्रो. मैकमोहन पहले विभागाध्यक्ष हुए. उनके नाम पर आज भी विभाग में मेडल दिए जाते हैं. इस लम्बे सफर में विभाग ने कई उतार-चढ़ाव देखे. लेकिन, आज भी अपनी विरासत को संजोए हैं.

केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की वॉल ऑफ फेम में छाए पूर्व छात्र, प्रो. अनिल मिश्रा ने दी जानकारी
1833 के जर्नल्स आज भी सुरक्षित

केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की लाइब्रेरी ऐतिहासिक है. डिपार्टमेंट की लाइब्रेरी में आज भी 1833 के जर्नल्स उपलब्ध हैं. अपनी इस विरासत को यह विभाग संजोए हुए है. प्रो. अनिल मिश्रा ने देश की बड़ी-बड़ी लाइब्रेरी में आपको यह जर्नल्स नहीं मिलेंगे. बाहर के लोग इन जर्नल्स के लिए यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी को हाईटेक बनाया गया है. इसके अलावा, अब विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी साइंसेज की पढ़ाई करने वाले छात्रों को यहां काम करने का मौका दिया जाएगा.

इसे भी पढ़े-यूनिवर्सिटी में स्नातक में दाखिले की अंतिम तिथि 30 जुलाई, जानिए कैसे करें आवेदन

वॉल ऑफ फेम में 45 दिग्गजों को मिली जगह

  • प्रो. आरपी रस्तोगी: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति
  • माला नाथ: आईआईटी रुड़की
  • एचबी सिंह: आईआईटी बॉम्बे
  • जेडी सिंह: आईआईटी दिल्ली
  • एसके श्रीवास्तव: आईआईटी खड़गपुर
  • आरबी रस्तोगी: आईआईटी बीएचयू
  • अशोक रंजन: वैज्ञानिक डीआरडीओ
  • आलोक धवन: निदेशक सीबीएमआर एसजीपीजीआई कैम्पस
  • राहुल जैन: नाइपर मोहाली
  • अतुल गोयल: प्रिंसिपल साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • सुभाष चंद्रा: एडिशनल डीजी फॉरेस्ट एंड सीईओ नेशनल अथॉरिटी
  • राम जी निगम: निदेशक- साइंटिस्ट एएसआई
  • राजेश चन्द्र वर्मा: चीफ जनरल मैनेजर, ओएनजीसी
  • प्रवीन उपाध्याय: निदेशक ओएनजीसी
  • हरि शंकर सिंह: एडिशिनल डीजी जेल उत्तर प्रदेश
  • अरुण कुमार कश्यप: इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स प्रोफेशनल इंडिया ऑयल कारपोरेशन
  • वीरेन्द्र कुमार द्विवेदी: साइंटिस्ट सीएसआईआर पिलानी
  • तिलक राम मिश्रा: जनरल मैनेजर ओएनजीसी
  • अनीता तिवारी: सीनियर प्रोडक्ट क्वालिटी रिव्यूवर US-FDA
  • रविंद्र जुनेजा: डायरेक्टर न्यू जर्सी यूएसए
  • अश्वनी सिंह: सीनियर प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट USA
  • कृपा सागर यादव: कॉरपोरेट क्वालिटी ऑडिटर, सन फार्मा मुंबई
  • कंचन रावरा: डीजीएम नाबार्ड
  • राजेश कुमार श्रीवास्तव: एडीएम गोरखपुर
  • विष्णु लाल शर्मा: चीफ साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • कमल नारायण तिवारी: सीनियर प्रोडक्ट क्वालिटी रिव्यूवर US-FDA
  • नवीन राज: मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस, भारत सरकार
  • वंदना सिंह: विभागाध्यक्ष केमिस्ट्री डिपार्टमेंट यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद
  • आरसी टंडन: निदेशक ओएनजीसी
  • तपस भट्टाचार्य: ग्रुप जनरल मैनेजर ओएनजीसी
  • बृज बिहारी अवस्थी: चीफ एनवायरमेंटल ऑफिसर, उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड
  • एके पांडे: वैज्ञानिक
  • नीलम निगम: वैज्ञानिक मिनिस्ट्री ऑफ जल शक्ति
  • बृजेश कुमार: चीफ साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • राजा रॉय: डायरेक्टर सीबीएमआर
  • रितु त्रिवेदी: प्रिंसिपल साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • प्रमोद कुमार: वाइस प्रेसिडेंट ( R&D) माइक्रो लैब
  • विनोद: साइंटिस्ट सीडीआरआई लखनऊ
  • महेंद्र नाथ: केमिस्ट्री डिपार्टमेंट दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • आलोक कुमार: डायरेक्टर ( कोआर्डिनेशन एंड प्लैनिंग) गोयल ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन
  • तुषार श्रीवास्तव: एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एंड डायरेक्टर
  • अमिताभ चंद्रा: चीफ एडवाइजर एंड फेलो ऑफ बॉटनिकल इनोवेशन यूएसए
  • आरती: चीफ मैनेजर आईओबी
  • संजय जैन: हेड

    ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ केमेस्ट्री डिपार्टमेंट ने भी 100 साल का सफर तय किया है. इस दौरान विभाग में तराशे गए 45 नगीनों को 100 साल में पहली बार तैयार की गई वॉल ऑफ फेम में जगह दी गई. खास बात यह है कि देश के कई जाने माने शिक्षाविदों और रसायन वैज्ञानिकों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी और कई जाने माने वैज्ञानिक इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं. बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. आरपी रस्तोगी से लेकर सीबीएमआर एसजीपीजीआई कैम्पस आलोक धवन तक शामिल हैं.

ETV Bharat से खास बातचीत के दौरान केमेस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि 1921 में लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की शुरुआत की गई थी. प्रो. मैकमोहन पहले विभागाध्यक्ष हुए. उनके नाम पर आज भी विभाग में मेडल दिए जाते हैं. इस लम्बे सफर में विभाग ने कई उतार-चढ़ाव देखे. लेकिन, आज भी अपनी विरासत को संजोए हैं.

केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की वॉल ऑफ फेम में छाए पूर्व छात्र, प्रो. अनिल मिश्रा ने दी जानकारी
1833 के जर्नल्स आज भी सुरक्षित

केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की लाइब्रेरी ऐतिहासिक है. डिपार्टमेंट की लाइब्रेरी में आज भी 1833 के जर्नल्स उपलब्ध हैं. अपनी इस विरासत को यह विभाग संजोए हुए है. प्रो. अनिल मिश्रा ने देश की बड़ी-बड़ी लाइब्रेरी में आपको यह जर्नल्स नहीं मिलेंगे. बाहर के लोग इन जर्नल्स के लिए यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी को हाईटेक बनाया गया है. इसके अलावा, अब विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी साइंसेज की पढ़ाई करने वाले छात्रों को यहां काम करने का मौका दिया जाएगा.

इसे भी पढ़े-यूनिवर्सिटी में स्नातक में दाखिले की अंतिम तिथि 30 जुलाई, जानिए कैसे करें आवेदन

वॉल ऑफ फेम में 45 दिग्गजों को मिली जगह

  • प्रो. आरपी रस्तोगी: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति
  • माला नाथ: आईआईटी रुड़की
  • एचबी सिंह: आईआईटी बॉम्बे
  • जेडी सिंह: आईआईटी दिल्ली
  • एसके श्रीवास्तव: आईआईटी खड़गपुर
  • आरबी रस्तोगी: आईआईटी बीएचयू
  • अशोक रंजन: वैज्ञानिक डीआरडीओ
  • आलोक धवन: निदेशक सीबीएमआर एसजीपीजीआई कैम्पस
  • राहुल जैन: नाइपर मोहाली
  • अतुल गोयल: प्रिंसिपल साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • सुभाष चंद्रा: एडिशनल डीजी फॉरेस्ट एंड सीईओ नेशनल अथॉरिटी
  • राम जी निगम: निदेशक- साइंटिस्ट एएसआई
  • राजेश चन्द्र वर्मा: चीफ जनरल मैनेजर, ओएनजीसी
  • प्रवीन उपाध्याय: निदेशक ओएनजीसी
  • हरि शंकर सिंह: एडिशिनल डीजी जेल उत्तर प्रदेश
  • अरुण कुमार कश्यप: इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स प्रोफेशनल इंडिया ऑयल कारपोरेशन
  • वीरेन्द्र कुमार द्विवेदी: साइंटिस्ट सीएसआईआर पिलानी
  • तिलक राम मिश्रा: जनरल मैनेजर ओएनजीसी
  • अनीता तिवारी: सीनियर प्रोडक्ट क्वालिटी रिव्यूवर US-FDA
  • रविंद्र जुनेजा: डायरेक्टर न्यू जर्सी यूएसए
  • अश्वनी सिंह: सीनियर प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट USA
  • कृपा सागर यादव: कॉरपोरेट क्वालिटी ऑडिटर, सन फार्मा मुंबई
  • कंचन रावरा: डीजीएम नाबार्ड
  • राजेश कुमार श्रीवास्तव: एडीएम गोरखपुर
  • विष्णु लाल शर्मा: चीफ साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • कमल नारायण तिवारी: सीनियर प्रोडक्ट क्वालिटी रिव्यूवर US-FDA
  • नवीन राज: मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस, भारत सरकार
  • वंदना सिंह: विभागाध्यक्ष केमिस्ट्री डिपार्टमेंट यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद
  • आरसी टंडन: निदेशक ओएनजीसी
  • तपस भट्टाचार्य: ग्रुप जनरल मैनेजर ओएनजीसी
  • बृज बिहारी अवस्थी: चीफ एनवायरमेंटल ऑफिसर, उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड
  • एके पांडे: वैज्ञानिक
  • नीलम निगम: वैज्ञानिक मिनिस्ट्री ऑफ जल शक्ति
  • बृजेश कुमार: चीफ साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • राजा रॉय: डायरेक्टर सीबीएमआर
  • रितु त्रिवेदी: प्रिंसिपल साइंटिस्ट सीडीआरआई
  • प्रमोद कुमार: वाइस प्रेसिडेंट ( R&D) माइक्रो लैब
  • विनोद: साइंटिस्ट सीडीआरआई लखनऊ
  • महेंद्र नाथ: केमिस्ट्री डिपार्टमेंट दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • आलोक कुमार: डायरेक्टर ( कोआर्डिनेशन एंड प्लैनिंग) गोयल ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन
  • तुषार श्रीवास्तव: एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एंड डायरेक्टर
  • अमिताभ चंद्रा: चीफ एडवाइजर एंड फेलो ऑफ बॉटनिकल इनोवेशन यूएसए
  • आरती: चीफ मैनेजर आईओबी
  • संजय जैन: हेड

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