लखनऊ : शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मंगलवार को 41 डेंगू मरीज पाए गए. इनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत चंदननगर, इंदिरानगर, अलीगंज, ऐशबाग, रेडक्रॉस, सिल्वर जुबली, एनके रोड, चिनहट, टूड़ियागंज, मलिहाबाद में केस पाए गए. इस दौरान लगभग 2547 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण (Mosquito-borne conditions survey) किया गया और कुल 12 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया. वहीं डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी काफी सक्रिय हैं. उप मुख्यमंत्री (deputy chief minister) रोजाना किसी न किसी अस्पताल की व्यवस्था परखने स्वंय पहुंच रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में 25383 लोगों को डेंगू मच्छर ने अपना शिकार बनाया था. छह नवंबर 2022 तक 8963 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. प्रतिदिन करीब 200 लोग डेंगू से पीड़ित हो रहे हैं. पिछले साल यह आंकड़ा करीब 300 से ज्यादा था. स्वास्थ्य विभाग की लगातार कोशिशों का असर यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार डेंगू मच्छर घातक भी कम है. जनवरी से अब तक 10 डेंगू मरीजों की मृत्यु हुई है. वहीं पिछले साल 25 मरीजों की डेंगू ने जान ली थी. इस बार मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की भी जरूरत कम पड़ रही है. प्लेटलेट्स की उम्र पांच दिन होती है. सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में पर्याप्त प्लेटलेट्स उपलब्ध है. बहरहाल लखनऊ में 1430, प्रयागराज में 1432, अयोध्या 629, गाजियाबाद 594, अलीगढ़ 210 (जनवरी से अब तक मरीजों की संख्या) रिकार्ड की गई है.
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि डेंगू पूरी तरह से काबू में है. अस्पतालों में इलाज की चाक चौबंद व्यवस्था है. प्लेटलेट्स व खून के दूसरे जरूरी अव्यय अस्पतालों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. सरकारी व प्राइवेट अस्पताल मिलकर डेंगू से मुकाबले के लिए मुस्तैद हैं. सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था पूरी तरह से फ्री है. डेंगू के लिए अस्पतालों में डॉक्टर-कर्मचारियों की टीम मुस्तैद है. डेंगू से घबरायें नहीं. साफ-सफाई पर ध्यान दें. यदि किसी को बुखार आ रहा हो तो हेल्पलाइन नंबर 1075 पर सूचित कर सकते हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता अभियान भी चला रहा है.
अब तक उठाए गए कदम : सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में 3800 से अधिक बेड डेंगू मरीजों के लिए हैं. जरूरत पड़ने पर संख्या बढ़ाई जा सकती है. 24 घंटे डेंगू मरीजों की जांच की सुविधा. अस्पतालों में फीवर डेस्क (fever desk in hospitals) बनाई गई हैं. डेंगू मरीजों के लिए भी सरकारी अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाए गए हैं. डेंगू मरीजों को मच्छरदानी में भर्ती किया जा रहा है. मरीजों के लिए बेड बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. डॉक्टर के परामर्श पर मरीजों को प्लेटलेट्स उपलब्ध कराया जा रहा है. जांच से लेकर इलाज की व्यवस्था मुफ्त है. एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है. डेंगू मरीज के घर के आस-पास 60 घरों में स्क्रीनिंग कराई जा रही है. जलभराव की स्थिति को खत्म कराया जा रहा है. कई सरकारी अस्पतालों में डेंगू की एलाइजा जांच की सुविधा शुरू कराई गई है. जागरूकता अभियान चलाया जा रहे हैं.
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