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2019 में 4 लाख 77 हजार टीबी मरीज चिन्हित, 32 फीसदी निजी सेक्टर से

उत्तर प्रदेश में 2019 में लगभग 4 लाख 77 हजार टीबी मरीजों को चिन्हित किया गया है. इसमें से करीब 32 फीसदी मरीज निजी सेक्टर से चिन्हित हुए हैं.

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2019 में 4 लाख 77 हजार टीबी के मरीज चिन्हित हुए.
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Published : Jan 8, 2020, 7:31 AM IST

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के बाद उत्तर प्रदेश में टीबी के मरीजों को चिन्हित करने का काम इस कदर तेजी से हुआ कि यूपी में 2019 में लगभग 4 लाख 77 हजार मरीजों को चिन्हित किया गया. इसमें से करीब 32 फीसदी मरीज निजी सेक्टर से चिन्हित हुए हैं.

उत्तर प्रदेश में 1 साल में करीब 4 लाख 77 हजार मरीज टीबी के खोजे गए. इनमें से 32 फीसदी मरीज प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक से मिले हैं. इन अस्पतालों में टीबी मरीजों का इलाज तो हो रहा था, लेकिन मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा रही थी.

2019 में 4 लाख 77 हजार टीबी के मरीज चिन्हित हुए.

4 लाख 77 हजार टीबी के मरीज आए सामने
इससे टीबी के खात्मे की योजना बनाने में असुविधा हो रही थी, लेकिन टीबी के इस अभियान में सामने आए आंकड़ों में इस बार उत्तर प्रदेश के इस अभियान में 4 लाख 77 हजार मरीजों की संख्या सामने आई है.


2 साल के रिकॉर्ड टूटे
इसके पहले 2017 में 2.96 लाख टीबी रोगियों की सूचनाएं दर्ज कराई गई थीं, तो उसके बाद 2018 में ये आंकड़ा 4.1 लाख तक पहुंचा था. वहीं इस बार 2 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह आंकड़ा 4 लाख 77 हजार के पास पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश में 2018 में कुल टीबी के मामलों में 25.6% की सूचना प्राइवेट क्षेत्र से मिली थी. 2017 में यह आंकड़ा 19.8% था.

ये भी पढ़ें- लखनऊः राष्ट्रीय युवा महोत्सव 12 से, 7 हजार प्रतिभागी करेंगे शिरकत

अभियान में दिख सकती है तेजी
अब मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा सहयोग लिया जा रहा है. 4 जिलों में 24 घंटे के भीतर बलगम की जांच के लिए प्रयोगशाला पहुंचाए गए. पूरे प्रदेश में नई व्यवस्था को लागू होने के बाद प्रदेश भर में टीबी के मरीजों को चिन्हित करने के अभियान में और तेजी दिख सकती है.

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के बाद उत्तर प्रदेश में टीबी के मरीजों को चिन्हित करने का काम इस कदर तेजी से हुआ कि यूपी में 2019 में लगभग 4 लाख 77 हजार मरीजों को चिन्हित किया गया. इसमें से करीब 32 फीसदी मरीज निजी सेक्टर से चिन्हित हुए हैं.

उत्तर प्रदेश में 1 साल में करीब 4 लाख 77 हजार मरीज टीबी के खोजे गए. इनमें से 32 फीसदी मरीज प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक से मिले हैं. इन अस्पतालों में टीबी मरीजों का इलाज तो हो रहा था, लेकिन मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा रही थी.

2019 में 4 लाख 77 हजार टीबी के मरीज चिन्हित हुए.

4 लाख 77 हजार टीबी के मरीज आए सामने
इससे टीबी के खात्मे की योजना बनाने में असुविधा हो रही थी, लेकिन टीबी के इस अभियान में सामने आए आंकड़ों में इस बार उत्तर प्रदेश के इस अभियान में 4 लाख 77 हजार मरीजों की संख्या सामने आई है.


2 साल के रिकॉर्ड टूटे
इसके पहले 2017 में 2.96 लाख टीबी रोगियों की सूचनाएं दर्ज कराई गई थीं, तो उसके बाद 2018 में ये आंकड़ा 4.1 लाख तक पहुंचा था. वहीं इस बार 2 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह आंकड़ा 4 लाख 77 हजार के पास पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश में 2018 में कुल टीबी के मामलों में 25.6% की सूचना प्राइवेट क्षेत्र से मिली थी. 2017 में यह आंकड़ा 19.8% था.

ये भी पढ़ें- लखनऊः राष्ट्रीय युवा महोत्सव 12 से, 7 हजार प्रतिभागी करेंगे शिरकत

अभियान में दिख सकती है तेजी
अब मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा सहयोग लिया जा रहा है. 4 जिलों में 24 घंटे के भीतर बलगम की जांच के लिए प्रयोगशाला पहुंचाए गए. पूरे प्रदेश में नई व्यवस्था को लागू होने के बाद प्रदेश भर में टीबी के मरीजों को चिन्हित करने के अभियान में और तेजी दिख सकती है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश में टीवी के मरीजों को चिन्हित करने का काम इस कदर तेजी से हुआ कि उत्तर प्रदेश में 2019 में लगभग 477000 मरीजों को चिन्हित कर कर लिए जिसमें से करीब 32 फ़ीसदी मरीज निजी सेक्टर से मरीज चिन्हित हुए हैं।




Body:उत्तर प्रदेश में 1 साल में करीब 477000 मरीज टीबी के खोजे गए। इनमें से 32 फ़ीसदी मरीज प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक से मिले हैं इन अस्पतालों में टीबी मरीजों का इलाज तो हो रहा था। लेकिन मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे थे।इससे टीबी के खात्मे की योजना बनाने में असुविधा हो रही थी। लेकिन टीबी के इस अभियान में सामने आए आंकड़ों में इस बार उत्तर प्रदेश के इस अभियान में 470002 की संख्या सामने आई है।इसके पहले 2017 में 2.96 लाख टीवी रोगियों की सूचनाएं दर्ज कराई गई थी। तो उसके बाद 2018 में ये आंकड़ा 4.1 लाख तक पहुंचा था। वहीं इस बार बीते 2 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह आगरा 470000 के पास पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश में 2018 में कुल टीबी के मामलों में 25.6% की सूचना प्राइवेट क्षेत्र से मिली थी। 2017 में यह आंकड़ा 19.8% था। अब मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा सहयोग लिया जा रहा है। 4 जिलों में 24 घंटे के भीतर बलगम की जांच के लिए प्रयोगशाला पहुंचाया गया। पूरे प्रदेश में नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। जिसके बाद प्रदेश भर में टीबी के मरीजों को चिन्हित करने का अभियान में और तेजी दिख सकती है।

बाइट- डॉ ज्ञान प्रकाश, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य




Conclusion:प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद बढ़ी हुई संख्या में इजाफा देखकर हालांकि स्वास्थ्य विभाग बड़ा प्रोत्साहित है।अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस संख्या में और इजाफा होगा या फिर यह काफ़िला यहीं थम जाएगा।

एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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