लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के बाद उत्तर प्रदेश में टीबी के मरीजों को चिन्हित करने का काम इस कदर तेजी से हुआ कि यूपी में 2019 में लगभग 4 लाख 77 हजार मरीजों को चिन्हित किया गया. इसमें से करीब 32 फीसदी मरीज निजी सेक्टर से चिन्हित हुए हैं.
उत्तर प्रदेश में 1 साल में करीब 4 लाख 77 हजार मरीज टीबी के खोजे गए. इनमें से 32 फीसदी मरीज प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक से मिले हैं. इन अस्पतालों में टीबी मरीजों का इलाज तो हो रहा था, लेकिन मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा रही थी.
4 लाख 77 हजार टीबी के मरीज आए सामने
इससे टीबी के खात्मे की योजना बनाने में असुविधा हो रही थी, लेकिन टीबी के इस अभियान में सामने आए आंकड़ों में इस बार उत्तर प्रदेश के इस अभियान में 4 लाख 77 हजार मरीजों की संख्या सामने आई है.
2 साल के रिकॉर्ड टूटे
इसके पहले 2017 में 2.96 लाख टीबी रोगियों की सूचनाएं दर्ज कराई गई थीं, तो उसके बाद 2018 में ये आंकड़ा 4.1 लाख तक पहुंचा था. वहीं इस बार 2 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह आंकड़ा 4 लाख 77 हजार के पास पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश में 2018 में कुल टीबी के मामलों में 25.6% की सूचना प्राइवेट क्षेत्र से मिली थी. 2017 में यह आंकड़ा 19.8% था.
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अभियान में दिख सकती है तेजी
अब मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा सहयोग लिया जा रहा है. 4 जिलों में 24 घंटे के भीतर बलगम की जांच के लिए प्रयोगशाला पहुंचाए गए. पूरे प्रदेश में नई व्यवस्था को लागू होने के बाद प्रदेश भर में टीबी के मरीजों को चिन्हित करने के अभियान में और तेजी दिख सकती है.