लखनऊः नगर विकास विभाग ने दावा किया है कि स्वच्छ भारत मिशन नगरीय के अंतर्गत प्रदेश ने अच्छी सफलता हासिल की है. सभी नगर निकायों में स्वच्छता अभियान चलाकर खुले में शौच मुक्त करने का जो बीड़ा उठाया गया था, उसे समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है.
खुले में शौच मुक्त हुए नगर निकाय
नगर विकास विभाग ने बताया कि जिन घरों में स्वच्छ शौचालय नहीं था, ऐसे सभी घरों में स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कराते हुए नगरवासियों को खुले में शौच से मुक्त कराया गया है. निकायों में कुल 8,87,541 व्यक्तिगत शौचालय और 61,769 सामुदायिक- सार्वजनिक शौचालय निर्मित कराए गए हैं. महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान बनाए रखने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर प्रत्येक निकाय में महिलाओं के लिए पृथक से 3,260 सीट के पिंक शौचालय बनाए गए हैं.
ओडीएफ प्रमाणित किया गया
प्रदेश के कुल 652 नगर निकायों को ओडीएफ घोषित किया गया था. इन सभी निकायों को भारत सरकार के क्वालिटी कन्ट्रोल ऑफ इण्डिया ने गहन परीक्षण के बाद ओडीएफ प्रमाणित किया है. वर्तमान में प्रदेश में 652 निकायों में से 392 निकाय ओडीएफ प्लस के रूप में प्रमाणित हो चुके हैं और 17 निकाय ओडीएफ डबल प्लस के रूप में घोषित हो चुके हैं.
बेहतर हो रहा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन
नगर निकायों में साफ-सफाई, कूड़ा आदि के उठान के लिए विशेष बल दिया जा रहा है. प्रदेश के नगर निकायों के 12,007 वार्डों में से 11872 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन हो रहा है. इससे नगरों की गलियां और मुहल्ले स्वच्छ नजर आ रहे हैं. प्रदेश के नगर निकायों की स्वच्छता पर प्रदेश सरकार विशेष बल दे रही है.
कूड़ा प्रबंधन के लिए 907 करोड़ हुए जारी
ठोस अपशिष्ट कूड़ा के बेहतर प्रबन्धन के लिए प्रदेश के निकायों को विगत वर्षों में 907 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है. ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के अंतर्गत ट्विन बिन की स्थापना, ठोस अपशिष्ट का संग्रहण एवं परिवहन, मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेन्टर का निर्माण एवं प्रोसेसिंग की सुविधा विकसित करते हुए नगरों को स्वच्छ बनाया जा रहा है.