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यूपी में मिले 372 डेंगू के मरीज, नए स्ट्रेन से दहशत बढ़ी - यूपी में डेंगू के नए मरीज

यूपी में कोरोना भले कम हो गया है. मगर, बुखार के मरीजों की भरमार है. इन मरीजों की जांच में डेंगू, मलेरिया, स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस की पुष्टि हो रही है. शनिवार को सरकारी आंकड़ों में 372 मरीज डेंगू केस अपडेट किए गए.

यूपी में डेंगू का कहर.
यूपी में डेंगू का कहर.
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Published : Sep 11, 2021, 9:52 PM IST

लखनऊ: संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक राज्य में कोरोना का प्रकोप नियंत्रण में है. वहीं डेंगू अब पैर पसार रहा है. ऐसे में सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है. बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है. गुरुवार को 14 जिलों में 129 डेंगू के मामले पाए गए थे. वहीं शुक्रवार को 154 डेंगू के और मरीज मिले. प्रदेश में 1 जनवरी से 10 सितंबर तक 58 जिलों में 1528 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं शनिवार को डेंगू का आंकड़ा 372 पहुंच गया. इसके अलावा चिकनगुनिया के 30 और कालाजार के 50 मरीज पाए गए हैं.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव के मुताब‍िक यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकांश मौतें डेंगू बुखार के डी-टू स्ट्रेन के कारण हुई हैं. उन्‍होंने बताया क‍ि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्‍लीड‍िंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है. उन्होंने कहा कि, किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड और डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- फिरोजाबाद में वायरल-डेंगू बुखार का प्रकोप जारी, मौत का आंकड़ा 57 तक पहुंचा

डेंगू के प्रकार

टाइप 1- सामान्य डेंगू- इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप 2- हैमेरेजिक फीवर- इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप 3- डेंगू शॉक सिंड्रोम- इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है. जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग की टीम ने क्षेत्र का दौरा किया. इसमें 1493 घरों में सर्वेक्षण किया गया. इसमें कुल 15 घरों में डेंगू का लार्वा मिला. इन्हें नोटिस जारी किया गया.

लखनऊ: संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक राज्य में कोरोना का प्रकोप नियंत्रण में है. वहीं डेंगू अब पैर पसार रहा है. ऐसे में सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है. बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है. गुरुवार को 14 जिलों में 129 डेंगू के मामले पाए गए थे. वहीं शुक्रवार को 154 डेंगू के और मरीज मिले. प्रदेश में 1 जनवरी से 10 सितंबर तक 58 जिलों में 1528 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं शनिवार को डेंगू का आंकड़ा 372 पहुंच गया. इसके अलावा चिकनगुनिया के 30 और कालाजार के 50 मरीज पाए गए हैं.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव के मुताब‍िक यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकांश मौतें डेंगू बुखार के डी-टू स्ट्रेन के कारण हुई हैं. उन्‍होंने बताया क‍ि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्‍लीड‍िंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है. उन्होंने कहा कि, किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड और डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- फिरोजाबाद में वायरल-डेंगू बुखार का प्रकोप जारी, मौत का आंकड़ा 57 तक पहुंचा

डेंगू के प्रकार

टाइप 1- सामान्य डेंगू- इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप 2- हैमेरेजिक फीवर- इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप 3- डेंगू शॉक सिंड्रोम- इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है. जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग की टीम ने क्षेत्र का दौरा किया. इसमें 1493 घरों में सर्वेक्षण किया गया. इसमें कुल 15 घरों में डेंगू का लार्वा मिला. इन्हें नोटिस जारी किया गया.

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