लखनऊ: केंद्र व प्रदेश सरकार सूअर पालन करने वाले लोगों के लिए 'रूरल बैकयार्ड पिग योजना' चला रही है. यह योजना प्रदेश के 37 जनपदों में चलाई जा रही है. इन जनपदों के लाभार्थी इस योजना से लाभान्वित भी हो रहे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए लघु पशु के उपनिदेशक डॉ. ह्रदय प्रकाश मिश्रा ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही इस योजना का मुख्य मकसद यह है कि जो भी लोग सूअर का पालन करना चाहते हैं, वह सूअर का पालन कर इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं. यह योजना प्रदेश के 37 जनपदों में चलाई जा रही है. इस योजना के तहत लाभार्थी को तीन मादा व एक नर सूअर दिये जाते हैं.
90 प्रतिशत मिलता है अनुदान
लघु पशु विभाग के उपनिदेशक डॉ. हृदय प्रकाश मिश्रा ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से चलाई जा रही इस योजना में लाभार्थी को 60 प्रतिशत का अनुदान केंद्र सरकार की तरफ से जबकि 30 प्रतिशत का अनुदान प्रदेश सरकार की तरफ से दिया जाता है. इस योजना के तहत लाभार्थी को 10 प्रतिशत राशि स्वयं लगानी पड़ती है.
पूर्वांचल में नहीं चलती यह योजना
लघु पशु विभाग के उपनिदेशक डॉ. हृदय प्रकाश मिश्रा ने बताया कि यह योजना प्रदेश के 37 जनपदों में ही चलाई जाती है. पूर्वांचल के 38 जनपदों में इस योजना को इसलिए नहीं चलाया जाता है, क्योंकि सूअर पालन योजना से जापानी इंसेफेलाइटिस का खतरा हो सकता है. इसलिए प्रदेश के 38 जनपदों में यह योजना नहीं चलाई जाती है.
बताते चलें केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से चलाई जाने वाली इस योजना का लाभ प्रदेश में बड़ी संख्या में लाभार्थी ले रहे हैं. जिस तरह से इस योजना में 90 प्रतिशत का अनुदान मिल रहा है. निश्चित रूप से सूअर का पालन करने वाले लोग इससे मुनाफा कमा सकते हैं.