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लखनऊ: डॉक्टरों की लापरवाही से 3 साल की बच्ची की मौत

राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड में 3 साल की बच्ची को कुत्ते ने काट लिया. बच्ची को उपचार के लिए मोहनलालगंज सीएचसी लाया गया. बच्ची को समय से उपचार न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई.

डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 3 साल की बच्ची की मौत.
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Published : Aug 20, 2019, 7:42 AM IST

लखनऊ: मामला राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले पतौना गांव का है. जहां एक 3 साल की मासूम बच्ची को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था. बच्ची का इलाज कराने परिजन मोहनलालगंज सीएचसी लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टर की गैर मौजूदगी के कारण इलाज नहीं हो पाया. बच्ची को समय से उपचार न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई.

जानकारी देते मोहनलालगंज सीएचसी अधीक्षक.
क्या है पूरा मामला
  • मामला राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत पतौना गांव का है.
  • 3 साल की मासूम बच्ची को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था.
  • बच्ची का इलाज कराने परिजन मोहनलालगंज सीएचसी लेकर पहुंचे.
  • डॉक्टर की गैर मौजूदगी के कारण इलाज नहीं हो पाया.
  • दूसरे दिन भी समय पर डॉक्टर के न होने के कारण इलाज देरी से हुआ.
  • 15 अगस्त को मासूम की तबियत अचानक बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर दोबारा मोहनलालगंज सीएचसी पहुंचे.
  • मोहनलालगंज सीएचसी से उन्हें सिविल हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया.
  • सिविल अस्पताल में भी उनका इलाज नहीं हो पाने से उन्हें बलरामपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.
  • जहां से एक बार फिर उन्हें लखनऊ के मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया.
  • समय से इलाज न मिल पाने के कारण बच्ची की मृत्यु हो गई.

ये भी पढ़ें- स्कूल में घुसकर की गई प्रिंसिपल और महिला टीचर की पिटाई

मोहनलालगंज में एक बच्ची की मृत्यु हो गई. बच्ची के परिजनों ने बताया कि 29 जुलाई को बच्ची को पागल कुत्ते ने काट लिया था. जिसके बाद बच्ची को इलाज के लिए मोहनलालगंज सीएचसी लेकर आये थे. जहां डॉक्टरों ने समय से बच्ची का इलाज नहीं किया. जिससे बच्ची की मौत हो गई. परिवार ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है और लिखित शिकायत की है, जिसकी जांच की जाएगी.
-डॉ मिलिंद, अधीक्षक, मोहनलालगंज सीएचसी

लखनऊ: मामला राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले पतौना गांव का है. जहां एक 3 साल की मासूम बच्ची को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था. बच्ची का इलाज कराने परिजन मोहनलालगंज सीएचसी लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टर की गैर मौजूदगी के कारण इलाज नहीं हो पाया. बच्ची को समय से उपचार न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई.

जानकारी देते मोहनलालगंज सीएचसी अधीक्षक.
क्या है पूरा मामला
  • मामला राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत पतौना गांव का है.
  • 3 साल की मासूम बच्ची को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था.
  • बच्ची का इलाज कराने परिजन मोहनलालगंज सीएचसी लेकर पहुंचे.
  • डॉक्टर की गैर मौजूदगी के कारण इलाज नहीं हो पाया.
  • दूसरे दिन भी समय पर डॉक्टर के न होने के कारण इलाज देरी से हुआ.
  • 15 अगस्त को मासूम की तबियत अचानक बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर दोबारा मोहनलालगंज सीएचसी पहुंचे.
  • मोहनलालगंज सीएचसी से उन्हें सिविल हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया.
  • सिविल अस्पताल में भी उनका इलाज नहीं हो पाने से उन्हें बलरामपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.
  • जहां से एक बार फिर उन्हें लखनऊ के मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया.
  • समय से इलाज न मिल पाने के कारण बच्ची की मृत्यु हो गई.

ये भी पढ़ें- स्कूल में घुसकर की गई प्रिंसिपल और महिला टीचर की पिटाई

मोहनलालगंज में एक बच्ची की मृत्यु हो गई. बच्ची के परिजनों ने बताया कि 29 जुलाई को बच्ची को पागल कुत्ते ने काट लिया था. जिसके बाद बच्ची को इलाज के लिए मोहनलालगंज सीएचसी लेकर आये थे. जहां डॉक्टरों ने समय से बच्ची का इलाज नहीं किया. जिससे बच्ची की मौत हो गई. परिवार ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है और लिखित शिकायत की है, जिसकी जांच की जाएगी.
-डॉ मिलिंद, अधीक्षक, मोहनलालगंज सीएचसी

Intro:यूं तो डॉक्टर्स को धरती का दूसरा भगवान माना जाता है लेकिन जब यही डॉक्टर हैवानियत पर उतर आए तो इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की लापरवाही की वजह से 3 साल की मासूम अपनी जिंदगी की जंग हार गई है।


Body:मामला राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले पतौना गांव का है जहां एक 3 साल की मासूम को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था जिसका इलाज कराने परिवार मोहनलालगंज सीएचसी उसे लेकर पहुंचा तो वहां डॉक्टर की गैर मौजूदगी के कारण इलाज नहीं हो पाया और उन्हें दूसरे दिन आने के लिए कहा गया।

दूसरे दिन भी समय पर डॉक्टर के ना होने के कारण इलाज देरी से हुआ जिसके बाद अचानक से 15 अगस्त को मासूम की तबियत अचानक बिगड़ी जिसको लेकर दोबारा वह मोहनलालगंज सीएचसी पहुंचे जहां से उन्हें सिविल हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया लेकिन सिविल अस्पताल में भी उनका इलाज नहीं हो पाया वहां से उन्हें बलरामपुर अस्पताल के लिए रिफर किया गया जहां से एक बार फिर उन्हें लखनऊ के मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया।

बच्चे की जान बचाने के लिए जद्दोजहद करने वाले पिता का कहना है कि हमें इतने अस्पताल में इलाज नहीं मिला और अंततः 3 साल की मासूम अपनी जिंदगी की जंग हार गई।

परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर मोहनलालगंज सीएचसी में उचित समय पर इलाज मिल जाता तो शायद आज उनकी बच्ची जिंदा होती। पिता अशोक ने बताया कि जब वह मोहनलालगंज सीएचसी से सिविल हॉस्पिटल गए और वहां से बलरामपुर हॉस्पिटल गए तो बलरामपुर हॉस्पिटल के डॉक्टर ने उनसे कहा कि डॉक्टर ने एक इंजेक्शन नहीं लगाया अगर वह लग जाता तो शायद हालत इतनी सीरियस ना होती।

लेकिन इतने अस्पताल घूमने के बाद भी बच्ची को सही इलाज नहीं मिल पाया जिसके वजह से बच्ची ने रास्ते में ही अपना दम तोड़ दिया।

बाइट- अशोक (मृत बच्ची का पिता)

इस पूरे प्रकरण पर मोहनलालगंज के सीएचसी अधीक्षक ने कहा कि ऐसा एक मामला सामने आया है जहां परिवार ने डॉक्टर की लापरवाही का आरोप लगाया और लिखित शिकायत की है जिसकी जांच की जाएगी।

बाइट- डॉ मिलिंद (अधीक्षक मोहनलालगंज सीएचसी)


Conclusion:फिलहाल सवाल यह उठता है कि जहां एक तरफ सरकार आम जनता तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की कवायद में लगातार लगी हुई है वही जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं जिसकी वजह से आज भी आम जनता परेशान है और उचित समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण लोग आज भी अपनी जिंदगी की जंग को हारते हुए दिखाई दे रहे हैं अब देखने वाली बात होगी कि किस तरीके से सरकारी अस्पताल में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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