लखनऊ: प्रदेश में हुए पंचायत चुनावों के दौरान कोरोना संक्रमण के चलते सिर्फ 3 शिक्षकों की मौत हुई है. यह दावा है बेसिक शिक्षा विभाग ने किया है. विभाग के अनु सचिव सत्य प्रकाश की ओर से मंगलवार को यह सूचना जारी की गई. उनका कहना है कि मृतकों को अनुमन्य अनुग्रह राशि का भुगतान उनके परिजनों को शीघ्र कराया जायेगा.
विभाग की ओर से जारी इस सूचना को लेकर शिक्षकों में काफी नाराजगी है. उनका कहना है कि पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले 1600 से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमण से अपनी जान गंवाई है. इन सभी के परिजनों को लाभ मिलना चाहिए.
विभाग ने इसे बनाया आधार
अनु सचिव सत्य प्रकाश की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार निर्वाचन अवधि की गणना मतदान और मतगणना संबंधी प्रशिक्षण एवं मतदान/मतगणना कार्य के लिए कर्मचारी के निवास स्थान से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने और ड्यूटी समाप्त कर उसके निवास स्थान तक पहुंचने की अवधि तक मान्य है. इस अवधि में किसी भी कारण से हुई मृत्यु की दशा में अनुग्रह राशि अनुमन्य है. जिसका निर्धारण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है. राज्य निर्वाचन आयोग की उपरोक्त गाइडलाइन के अनुसार जिलाधिकारियों द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को अभी तक 03 शिक्षकों के मृत्यु की प्रमाणित सूचना प्रेषित की गई है.
यह है शिक्षक संगठनों का दावा
उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ का दावा है कि करीब 200 शिक्षामित्रों, 100 अनुदेशकों और 100 रसोइयों को इस दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी है. चुनाव ड्यूटी के दौरान ही इनमें से कई लोगों ने संक्रमित हुए और बाद में मृत्यु हो गई.
प्राथमिक शिक्षक संघ ने 1600 से ज्यादा शिक्षकों की एक सूची जारी की है. यह सूची 14 अप्रैल से लेकर 16 मई के बीच अपनी जान गंवाने वाले शिक्षकों की है. संगठन का दावा है कि इनमें से ज्यादातर शिक्षकों को पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगाया गया. इस दौरान वह संक्रमित हुए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई. संगठन की ओर से इन सभी मृत शिक्षकों और कर्मचारियों के आश्रितों को सहायता के रूप में एक करोड़ रुपए तक दिए जाने की मांग उठाई गई है.
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