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255 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल तैयार

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में हज हाउस में एचएएल व उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 255 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया है. इस हॉस्पिटल में 25 वेंटीलेटर के साथ 100 एचएनएफसी बेड बनाए गए हैं.

लखनऊ
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Published : May 11, 2021, 10:26 PM IST

लखनऊः जिले के सरोजनी नगर थाना क्षेत्र में स्थित हज हाउस में एचएएल व उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 255 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया है. इस हॉस्पिटल में 25 वेंटीलेटर के साथ 100 एचएनएफसी बेड बनाए गए हैं. हॉस्पिटल के सभी बेडों पर ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई है. यहां गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज करने की व्यवस्था की गई है. इस हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर की जिम्मेदारी भारतीय सेना के अधीन कार्यरत कंपनी एचएएल को दी गई थी. एचएल ने बखूबी समय के अंदर 255 बेड का हॉस्पिटल बनाकर तैयार किया है.

लखनऊ में अस्पताल

ये बोले जनरल मैनेजर
एचएएल के जनरल मैनेजर संजय गर्ग ने ईटीवी भारत के संवाददाता को बताया कि हॉस्पिटल में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. हॉस्पिटल के सभी 255 बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही 25 वेंटिलेटर लगाए गए हैं. यहां पर गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज किया जाएगा.

ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था
संजय गर्ग ने बताया कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है. इसके लिए 500 सिलेंडर स्टोर किए गए हैं. इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का कार्य चल रहा है. सभी बेड़ों पर ऑक्सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन स्टोर हैं.

20 दिन के अंदर पूरा किया गया कार्य
संजय गर्ग ने बताया कि इस हॉस्पिटल को बनाने के लिए एचएएल को 20 दिन का समय दिया गया था. हमने इस समय के अंदर हॉस्पिटल बनाकर तैयार किया है. कोरोना काल के समय 20 दिन के अंदर इतना बड़ा हॉस्पिटल तैयार करना अपने आप में एक चुनौती थी लेकिन उस चुनौती पर हम लोग खरे उतरे जिसके परिणाम स्वरूप 255 बेड का या हॉस्पिटल आज पूरी तरह से मरीजों के लिए तैयार है.

एचएएल एक वर्ष देखेगा इंफ्रास्ट्रक्चर
एचएएल के जनरल मैनेजर संजय गर्ग ने बताया हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर की जिम्मेदारी एक वर्ष के लिए एचएएल को दी गई है. हम लोग एक वर्ष तक इस हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख करेंगे.

पैरामेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार पर
हॉस्पिटल में कार्य करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ व डाक्टरों की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार पर है. इस अस्पताल में कार्य करने वाले सभी पैरा मेडिकल व डाक्टरों की नियुक्ति उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी जिम्मेदारी एक एनजीओ को दी है. एनजीओ के पैरामेडिकल स्टाफ ने हॉस्पिटल में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है.

सीसीटीवी से लैस है पूरा हॉस्पिटल
सभी 255 बेड़ों की निगरानी करने के लिए एक कमांड सेंटर बनाया गया है. जहां पर एक बड़ी स्क्रीन में सभी बेड़ों की तस्वीरें दिखाई देंगी. कमांड सेंटर में बैठकर हॉस्पिटल के अंदर मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की निगरानी की जा सकेगी.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना से जीत रहे जंग, 'सुपर इंफेक्शन' से हारे

सीएम ने किया था आग्रह
एचएल भारतीय सेना के अधीन कार्यरत कंपनी है. कोरोना संक्रमण तेजी से लखनऊ में अपना पैर पसार रहा था. हॉस्पिटलों में जगह नहीं बची थी. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षा मंत्री से अस्थाई कोविड-19 हॉस्पिटल बनवाने का आग्रह किया था. रक्षा मंत्रालय की ओर से एचएएल कंपनी को सरोजिनी नगर स्थित हज हाउस में 255 बेड का अस्थाई कोविड-19 हॉस्पिटल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

लखनऊः जिले के सरोजनी नगर थाना क्षेत्र में स्थित हज हाउस में एचएएल व उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 255 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया है. इस हॉस्पिटल में 25 वेंटीलेटर के साथ 100 एचएनएफसी बेड बनाए गए हैं. हॉस्पिटल के सभी बेडों पर ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई है. यहां गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज करने की व्यवस्था की गई है. इस हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर की जिम्मेदारी भारतीय सेना के अधीन कार्यरत कंपनी एचएएल को दी गई थी. एचएल ने बखूबी समय के अंदर 255 बेड का हॉस्पिटल बनाकर तैयार किया है.

लखनऊ में अस्पताल

ये बोले जनरल मैनेजर
एचएएल के जनरल मैनेजर संजय गर्ग ने ईटीवी भारत के संवाददाता को बताया कि हॉस्पिटल में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. हॉस्पिटल के सभी 255 बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही 25 वेंटिलेटर लगाए गए हैं. यहां पर गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज किया जाएगा.

ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था
संजय गर्ग ने बताया कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है. इसके लिए 500 सिलेंडर स्टोर किए गए हैं. इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का कार्य चल रहा है. सभी बेड़ों पर ऑक्सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन स्टोर हैं.

20 दिन के अंदर पूरा किया गया कार्य
संजय गर्ग ने बताया कि इस हॉस्पिटल को बनाने के लिए एचएएल को 20 दिन का समय दिया गया था. हमने इस समय के अंदर हॉस्पिटल बनाकर तैयार किया है. कोरोना काल के समय 20 दिन के अंदर इतना बड़ा हॉस्पिटल तैयार करना अपने आप में एक चुनौती थी लेकिन उस चुनौती पर हम लोग खरे उतरे जिसके परिणाम स्वरूप 255 बेड का या हॉस्पिटल आज पूरी तरह से मरीजों के लिए तैयार है.

एचएएल एक वर्ष देखेगा इंफ्रास्ट्रक्चर
एचएएल के जनरल मैनेजर संजय गर्ग ने बताया हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर की जिम्मेदारी एक वर्ष के लिए एचएएल को दी गई है. हम लोग एक वर्ष तक इस हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख करेंगे.

पैरामेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार पर
हॉस्पिटल में कार्य करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ व डाक्टरों की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार पर है. इस अस्पताल में कार्य करने वाले सभी पैरा मेडिकल व डाक्टरों की नियुक्ति उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी जिम्मेदारी एक एनजीओ को दी है. एनजीओ के पैरामेडिकल स्टाफ ने हॉस्पिटल में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है.

सीसीटीवी से लैस है पूरा हॉस्पिटल
सभी 255 बेड़ों की निगरानी करने के लिए एक कमांड सेंटर बनाया गया है. जहां पर एक बड़ी स्क्रीन में सभी बेड़ों की तस्वीरें दिखाई देंगी. कमांड सेंटर में बैठकर हॉस्पिटल के अंदर मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की निगरानी की जा सकेगी.

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सीएम ने किया था आग्रह
एचएल भारतीय सेना के अधीन कार्यरत कंपनी है. कोरोना संक्रमण तेजी से लखनऊ में अपना पैर पसार रहा था. हॉस्पिटलों में जगह नहीं बची थी. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षा मंत्री से अस्थाई कोविड-19 हॉस्पिटल बनवाने का आग्रह किया था. रक्षा मंत्रालय की ओर से एचएएल कंपनी को सरोजिनी नगर स्थित हज हाउस में 255 बेड का अस्थाई कोविड-19 हॉस्पिटल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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