लखनऊ : कॉरपोरेट घरानों की ओर से दिए गए सीएसआर फंड (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) उत्तर प्रदेश भर में तैयार हुए 254 कंपोजिट विद्यालयों को अगले साल तक आवश्यकता अनुसार कक्षा 12वीं तक विस्तारित किया जाएगा. सीएम योगी ने प्रदेश के 57 कंपोजिट विद्यालयों के निर्माण के साथ ही हर जिले में सीएसआर फंड से बने इन विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं के साथ लैस करने के निर्देश दिए. अगले सत्र से पहले यह सभी विद्यालय पहले दसवीं कक्षा में फिर इंटरमीडिएट में तबदील होंगे. बेसिक शिक्षा विभाग को अभी तक विभिन्न कंपनियों से सीएसआर फंड के नाम पर 100 करोड़ से अधिक की राशि मिल चुकी है. इस फंड से प्रदेश में 254 विद्यालयों का निर्माण प्राइवेट कंपनियों द्वारा करवाया गया है.
लखनऊ मंडल के एडी बेसिक किशोर तिवारी ने बताया कि 'बीते दिनों मुख्यमंत्री ने विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए प्रदेश के 57 जिलों में कंपोजिट विद्यालय शुरू करने के साथ ही विभिन्न जिलों में सीएसआर फंड से बने विद्यालयों को भी इंटरमीडिएट तक अपग्रेड करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में ऐसे 254 कंपोजिट विद्यालय कॉरपोरेट हाउसेस द्वारा बनवाए गए हैं. जिनमें अभी कक्षा 1 से 8 तक के क्लासेस संचालित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अगले एक वर्ष में इन सभी विद्यालयों को आवश्यकता अनुसार अपग्रेड कर 12वीं तक करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों के 12वीं तक संचालित होने से प्रदेश में करीब 35 हजार से अधिक छात्र- छात्राओं को इंटर तक की वर्ल्ड क्लास शिक्षा मिलने लगेगी. इसके अलावा इन विद्यालयों में शिक्षण कार्य में लगे उत्कृष्ट शिक्षकों का प्रमाणिकता आधारित तैनाती दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इन 254 कंपोजिट विद्यालयों में दो हजार से अधिक विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता, 1400 विद्यार्थियों के भोजन पकाने एवं खाने की क्षमता, 500 व्यक्तियों की क्षमता का हॉल और तीन मंजिला दिव्यांग सुलभ मल्टी डाइमेंशनल सुविधा का निर्माण कराया जाएगा. जहां यह सुविधाएं मौजूद है वहां इसी सत्र से 12वीं की कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.'
इन विद्यालयों में मिलेगी यह सुविधा |
- लैंग्वेज लैब के साथ कंप्यूटर लैब |
- स्मार्ट क्लास |
- मॉड्यूलर साइंस लैब |
- रोबोटिक्स एंड मशीन लर्निंग लैब |
- वाई-फाई कैंपस |
- 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था के लिए सुरक्षा कर्मी एवं सफाई कर्मी |
200 करोड़ से अधिक के सीएसआर फंड मिल चुके हैं : एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि 'बीते साल तक कॉर्पोरेट घरानों से बेसिक शिक्षा परिषद को ओवरऑल 200 करोड़ से अधिक का ग्रांट मिला है. इसमें एचसीएल की ओर से 60 करोड़, एसआरएफ फाउंडेशन की तरफ से 11 करोड़, एचएनसी एजेंसी फाउंडेशन की तरफ से 11 करोड़, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन दिल्ली की ओर से 10 करोड़, एनटीपीसी की ओर से 7 करोड़, आईटीसी की तरफ से 7 करोड़ सीएसआर फंड दिया गया है, वहीं एचडीएफसी बैंक की तरफ से प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों को ऑनलाइन क्लास के अलावा टेबल कुर्सी मुहैया कराया गया है, जबकि सैकड़ों ऐसी संस्थाएं हैं जिन्होंने एक-एक प्राथमिक विद्यालयों को गोद लेकर सीएसआर फंड के माध्यम से वहां पर मूलभूत सुविधाओं को सही करने में विभाग की काफी मदद की है. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में सीएसआर फंड के माध्यम से करीब 24 हजार से अधिक कंपोजिट विद्यालयों को अपग्रेड करने का काम चल रहा है.