लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कोविड-19 वार्ड में रेजिडेंट डॉक्टर्स को परोसे जाने वाले खाने में बीती 26 जुलाई को कीड़े पाए जाने की शिकायत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया. केजीएमयू प्रशासन ने '1905 कैंटीन' के संचालक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही कैंटीन संचालक को कड़ी चेतावनी भी दी गई है.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के इंफेक्टिव डिजीज हॉस्पिटल व कोविड-19 यूनिट में एक्टिव क्वारंटाइन में रह रहे रेजिडेंट डॉक्टरों को केजीएमयू में संचालित कैंटीन द्वारा खाना परोसा जाता है. 26 जुलाई को रेजिडेंट डॉक्टर्स ने खाने में कीड़े निकलने की शिकायत की थी और केजीएमयू प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी.
कैंटीन संचालक पर लगा जुर्माना
रेजिडेंट डॉक्टरों की शिकायत के बाद किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक जांच कमेटी गठित की गई और इस संदर्भ में डॉक्टर कीर्ति श्रीवास्तव को रिपोर्ट तैयार करने की बात कही गई. बुधवार को केजीएमयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरके धीमन की अध्यक्षता में बैठक की गई. इस बैठक में कुलसचिव आशुतोष द्विवेदी, सीएमएस प्रोफेसर एसएन शंखवार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा और यूनिवर्सिटी एनवायरनमेंट डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष और किचन प्रभारी डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव शामिल हुए.
बैठक में डॉ. कीर्ति और डायटिशियन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट प्रस्तुत हुई. बैठक में उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कैंटीन संचालक पर 25 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया. निर्देशित किया गया है कि खाद्य पदार्थों में किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर कैंटीन संचालक पर विधिक कार्रवाई की जाएगी.
किया जाएगा कमेटी का गठन
इसके अलावा इस बैठक में खाने की गुणवत्ता के रख-रखाव के लिए एक कमेटी का गठन करने पर भी सहमति जाहिर की गई. इस कमेटी में रेजिडेंट डॉक्टर, एसोसिएशन नर्सिंग एसोसिएशन और कर्मचारी परिषद के प्रतिनिधियों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही यह कमेटी एक निश्चित समय अंतराल पर औचक निरीक्षण करेगी और खाने की गुणवत्ता के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नियमित रूप से खाने का नमूना भी प्रस्तुत करेगी.