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बीमा योजना का क्लेम लेने के लिए 242 लोगों ने लगाया फर्जी 'डेथ सर्टिफिकेट', FIR दर्ज

फर्जी डेथ सर्टिफिकेट (fake death certificate) लगाकर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा (PMJJBY) का क्लेम लेने की कोशिश करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह एफआईआर मुंबई की बीमा कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट (लीगल) ने कराई है.

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Published : Dec 22, 2022, 10:44 AM IST

लखनऊ : फर्जी डेथ सर्टिफिकेट (fake death certificate) लगाकर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा (PMJJBY) का क्लेम लेने की कोशिश करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह एफआईआर मुंबई की बीमा कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (लीगल) ने साइबर थाने में कराई है.

कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट वीरल एम. जोशी ने बताया कि उनकी कम्पनी का बैंक ऑफ बड़ौदा और यूपी ग्रामीण बैंक के साथ टाईअप है. इनके साथ मिलकर वो बीमा पॉलिसी करवाते हैं, इसमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भी शामिल है. उन्होंने बताया कि बीते दिनों उनकी कंपनी को तब आश्चर्य हुआ जब इसी योजना के तहत करीब 242 क्लेम एक साथ आए. इन सभी क्लेम में दावा किया गया था कि लाभार्थी की मौत हो गई है और आवेदकों ने डेथ सर्टिफिकेट भी लगाया था. प्रक्रिया के तहत इन सभी क्लेम का ऑडिट कराया गया. ऑडिट टीम को दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान सभी कागज ठीक लगे थे, हालांकि एक बार पुनः चेक करने के लिए ऑडिट कराया गया.


वीरल के अनुसार, क्लेम के लिए आवेदकों ने मुहैया कराए गए डेथ सर्टिफिकेट के पुनः परीक्षण के दौरान उन सभी में पड़े क्यूआर को स्कैन कर उनकी सत्यता जांची. क्यूआर स्कैन करने पर सरकारी वेबसाइट जैसी ही crsogov.com और crsogov.in वेबसाइट खुलती है, जिसमें डेथ सर्टिफिकेट को सत्यापित करते हुए उसे असली बताया जाता है.


कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट के मुताबिक, जब ऑडिट टीम ने आईटी डिपार्टमेंट से संपर्क कर जांच करवाई तो पता चला कि crsogov.com वेबसाइट 7 मार्च 2022 और crsogov.in 6 जनवरी 2022 में रजिस्टर कराई गई है. उनके मुताबिक, फर्जी डेथ सर्टिफिकेट लगाकर क्लेम करने से कम्पनी के साथ करीब 4.84 करोड़ की धोखाधड़ी हो सकती थी. डीआईजी साइबर एन कोलांची के मुताबिक, बीमा कंपनी की तहरीर पर धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्जकर जांच की जा रही है.

लखनऊ : फर्जी डेथ सर्टिफिकेट (fake death certificate) लगाकर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा (PMJJBY) का क्लेम लेने की कोशिश करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह एफआईआर मुंबई की बीमा कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (लीगल) ने साइबर थाने में कराई है.

कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट वीरल एम. जोशी ने बताया कि उनकी कम्पनी का बैंक ऑफ बड़ौदा और यूपी ग्रामीण बैंक के साथ टाईअप है. इनके साथ मिलकर वो बीमा पॉलिसी करवाते हैं, इसमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भी शामिल है. उन्होंने बताया कि बीते दिनों उनकी कंपनी को तब आश्चर्य हुआ जब इसी योजना के तहत करीब 242 क्लेम एक साथ आए. इन सभी क्लेम में दावा किया गया था कि लाभार्थी की मौत हो गई है और आवेदकों ने डेथ सर्टिफिकेट भी लगाया था. प्रक्रिया के तहत इन सभी क्लेम का ऑडिट कराया गया. ऑडिट टीम को दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान सभी कागज ठीक लगे थे, हालांकि एक बार पुनः चेक करने के लिए ऑडिट कराया गया.


वीरल के अनुसार, क्लेम के लिए आवेदकों ने मुहैया कराए गए डेथ सर्टिफिकेट के पुनः परीक्षण के दौरान उन सभी में पड़े क्यूआर को स्कैन कर उनकी सत्यता जांची. क्यूआर स्कैन करने पर सरकारी वेबसाइट जैसी ही crsogov.com और crsogov.in वेबसाइट खुलती है, जिसमें डेथ सर्टिफिकेट को सत्यापित करते हुए उसे असली बताया जाता है.


कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट के मुताबिक, जब ऑडिट टीम ने आईटी डिपार्टमेंट से संपर्क कर जांच करवाई तो पता चला कि crsogov.com वेबसाइट 7 मार्च 2022 और crsogov.in 6 जनवरी 2022 में रजिस्टर कराई गई है. उनके मुताबिक, फर्जी डेथ सर्टिफिकेट लगाकर क्लेम करने से कम्पनी के साथ करीब 4.84 करोड़ की धोखाधड़ी हो सकती थी. डीआईजी साइबर एन कोलांची के मुताबिक, बीमा कंपनी की तहरीर पर धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्जकर जांच की जा रही है.

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