लखनऊ: केंद्र सरकार ने 24 घंटे पोस्टमार्टम का आदेश जारी किया है. यह फैसला परिवारजनों के लिए राहत भरा है. उम्मीद थी कि पीड़ितों को पोस्टमॉर्टम के लिए अगले दिन के इंतजार में रात गुजारनी नहीं पड़ेगी, लेकिन यूपी में यह सुविधा अभी दफ्तरों के कागजों में ही सिमटी हुई है. यहां तक कि राजधानी लखनऊ में भी अफसर इसे लागू नहीं करा सके.
केंद्र सरकार ने राज्यों को 15 अगस्त को पोस्टमार्टम के लिए नया आदेश जारी किया. इसमें 24 घंटे पोस्टमार्टम की सुविधा सुनिश्चित किए जाने को कहा गया. ऐसे में यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने 23 नवम्बर को सभी जिलों के सीएमओ को पत्र जारी किया. इसमें नए आदेश के तहत पोस्टमार्टम रात में भी करने को कहा गया, लेकिन यह निर्देश सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गया. मुख्यालय से सीएमओ दफ्तर में ही आदेश डंप है. इसे पोस्टमार्टम हाउस नहीं भेजा गया.
24 घंटे पोस्टमार्टम का आदेश जारी कर अफसरों ने पल्ला झाड़ लिया. वहीं रात-दिन शव विच्छेदन के लिए पोस्टमार्टम हाउस को स्टॉफ तक मुहैया नहीं कराया गया. ऐसे में लोगों को राहत नहीं मिल सकी. 24 घंटे पोस्टमार्टम के लिए 8-8 घंटे की ड्यूटी लगेगी. इसमें एक शिफ्ट में डिसेक्शन के लिए तीन कर्मी, बॉडी स्ट्रेचिंग के लिए 3 कर्मी, एक डॉक्टर, 2 फार्मासिस्ट, 1 वीडियोग्राफर की आवश्यकता होगी. वहीं विशेष मामले में पैनल बनाया जाता है. इसमें तीन डॉक्टर होने चाहिए.
यूपी में हर रोज 350 से 400 पोस्टमार्टम हो रहे हैं. यह सुबह 10 से शाम पांच बजे तक होते हैं. इसके बाद बंद कर दिया जाता है. ऐसे में तमाम पोस्टमार्टम नहीं हो पाते हैं. परिवारजनों को अगले दिन का इंतजार करना होता है. लखनऊ के पोस्टमॉर्टम हाउस में 22 में से 15 ही पोस्टमार्टम हो पाते हैं.
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डीजी हेल्थ यूपी डॉ. वेद व्रत सिंह ने बताया कि 24 घंटे पोस्टमार्टम करने का आदेश जारी कर दिया गया है. इसे लागू करने की जिम्मेदारी जिले के सीएमओ की है. अस्पतालों में तैनात स्टॉफ की रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगाई जाए. कहीं समस्या हो तो आउटसोर्स से कर्मी तैनात किए जाएं. व्यवस्था को जल्द दुरुस्त किया जाएगा.
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