लखनऊः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि प्रदेश में न तो दवाओं की कमी है न ऑक्सीजन की और न ही वेंटीलेटर की. बावजूद इसके राजधानी में बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों और अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर न मिलने के कारण मर रहे हैं. श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी लाइनें भी लगानी पड़ रही हैं.
घाटों पर पहुंची 220 बॉडी
राजधानी में गुरुवार देर शाम आई सरकारी कोरोना रिपोर्ट पर नजर डाली जाए तो 4126 संक्रमित पाए गए, जबकि 37 मरीजों की संक्रमण से मौत हुई. दूसरी तरफ राजधानी के श्मशान घाटों पर 220 से अधिक डेड बॉडी आई, जिनका देर रात तक अंतिम संस्कार किया जाता रहा. राजधानी के भैसा कुंड, गुलाला घाट, आलमबाग के बैकुंठ धाम सहित सभी श्मशान घाटों पर देर रात्रि तक अंतिम संस्कार चलता रहा.
नगर निगम ने चलाया सैनिटाइजेशन अभियान
लखनऊ में बढ़ रहे संक्रमण को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने सैनिटाइजेशन अभियान चलाया है. अभियान के अंतर्गत सभी प्रमुख कार्यालय, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ विकास प्राधिकरण, भारतीय जीवन बीमा निगम आदि 220 से अधिक भवनों को सैनिटाइज किया गया जिससे संक्रमण को रोका जा सके.
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सैनिटाइजर उपलब्ध कराने की मांग
लखनऊ नगर निगम कर्मचारी मंच ने महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त से महामारी के दौरान कई कर्मचारियों की मौत को ध्यान में रखते हुए सभी कर्मचारियों को सैनिटाइजर उपलब्ध कराने की मांग की है. इसके साथ ही जिन विभागों में कर्मचारियों की मौत हुई है उन विभागों को 2 दिन बंद किए जाने की भी मांग की है.