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भातखंडे के दीक्षांत समारोह में 22 विद्यार्थियों को मिले 47 पदक, तीन को पीएचडी - पद्मश्री गुरु दधीचि

भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का 12वां दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की. दीक्षांत समारोह के मौके पर पद्मश्री गुरु दधीचि मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर मेधावियों का हौंसला बढ़ाया. समारोह के मौके पर स्नातक और परास्नातक के 155 विद्यार्थियों के अलावा पीएचडी के तीन विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं.

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Published : Nov 16, 2022, 9:14 PM IST

लखनऊ : भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का 12वां दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की. दीक्षांत समारोह के मौके पर पद्मश्री गुरु दधीचि मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर मेधावियों का हौंसला बढ़ाया. समारोह के मौके पर स्नातक और परास्नातक के 155 विद्यार्थियों के अलावा पीएचडी के तीन विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं. कार्यक्रम शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के बाद जल भरो कार्यक्रम के साथ किया गया. मुख्य अतिथि नृत्याचार्य पदमश्री गुरु दधिचि ने भातखंडे संगीत संस्थान के पुराने रिश्तों की यादें साझा कीं.

राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कहा कि सांस्कृतिक विकास देश की समृद्धता का प्रतीक होता है. भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीन और समृद्ध संस्कृति में गिनी जाती है. हमारे देश में संगीत और नृत्य एक साधना है. उत्तर प्रदेश में शास्त्रीय, भक्ति और लोक संगीत की एक बृहद परम्परा स्थापित है. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा चारित्रिक गुणों का उच्चतम विकास करके ऐसे संस्कार देती है. जिसका हम व्यावहारिक जीवन में उपयोग करते हैं. संगीत मनुष्य को अंतर्मन तक प्रभावित करता है. इसके साथ ही राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में रोजगार परक शिक्षा से जोड़ने को भी कहा.

समारोह में मौजूद छात्र-छात्राएं.
समारोह में मौजूद छात्र-छात्राएं.

दीक्षांत के दौरान 22 मेधावी विद्यार्थियों को 47 पदक दिए गए. इसमें 30 को स्वर्ण, 9 को रजत और 8 को कांस्य पदक प्रदान किए गए. कथक नृत्य में एमपीए करने वाली पृथ्वी सिंह को सर्वाधिक आठ स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. मुख्य अतिथि नृत्याचार्य पदमश्री गुरु दधिचि ने कहा कि संगीत प्राणि मात्र के लिए ईश्वर का वरदान है. इसे ब्रह्मानंद सहोदर कहा जाता है. मंडलायुक्त एवं भातखंड संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रौशन जैकब ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट साझा की.


सबसे अधिक पृथ्वी सिंह को मिले पदक : राय उमानाथ बली मेधा स्वर्ण पदक, युवा आदित्य रंजन स्वर्ण पदक, लीला वामन राय सडोलीकर स्वर्ण पदक, डॉ. समर बहादुर सिंह स्वर्ण पदक, पं. मोहन राव कल्याणपुरकर स्वर्ण पदक, सरोजा वैद्यनाथन स्वर्ण पदक, सुभाष चन्द्र द्विवेदी स्वर्ण पदक, स्वर्गीय सरला श्रीवास्तव स्वर्ण पदक. गायन एमपीए में कर्नूरी हरीश सिंह, पं. वामन राव सडोलीकर स्वर्ण पदक, श्रीमती शीला सक्सेना स्वर्ण पदक, डॉ. सुरेन्द्र कुमार सक्सेना स्वर्ण पदक, पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर रजत पदक मिले. गायन में एमएपी आम्रपाली गुप्ता को पं. भातखंडे रजत पदक, पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर कांस्य पदक मिले.


गायन में बीपीए करने वाले अनुराग मौर्या को स्वर्गीय पुतली बाई स्वर्ण पदक, पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर एवं इंदिरा बाई सतंजनकर स्वर्ण पदक, पं. घनानन्द प्रकाश स्वर्ण पदक और स्वर्गीय शिशिर कुमार स्वर्ण पदक, बीपीए मानसी कनौजिया को पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर रजत पदक और पं. भातखंडे रजत पदक, बीपीए विदित जोशी को प. कृष्ण नारायण सतंजनकर कांस्य पदक और पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा.


एमपीए गायन में सौम्या श्रीवास्तव को पं. भातखंडे कांस्य पदक, बांसुरी वादन में एमपीए मुकेश कुमार को वीएस निगम स्वर्ण पदक, स्वर्गीय डॉ. मीता सक्सेना स्वर्ण पदक, शिवेंद्र नाथ बसु स्वर्ण पदक दिया जाएगा. बांसुरी में ही एमपीए शशिकांत को पं. भातखंडे रजत पदक से सम्मानित किया जाएगा. एमपीए वायलिन शगुन शुक्ला को पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा. बीपीए बांसुरी राहुल त्रिपाठी को स्वर्गीय मोनिका घोष स्वर्ण पदक और स्वर्गीय कृष्ण चन्द्र पन्त स्वर्ण पदक से नवाजा जाएगा. एमपीए तबला फलेश कुमार श्रीवास्तव को पं. सखाराम मृदंगाचार्य स्वर्ण पदक और स्वामी पागल दास मृदंगाचार्य स्वर्ण पदक मिलेगा. एमपीए तबला स्नेह देवी मौर्या को पं. भातखंडे रजत पदक से सम्मानित किया जाएगा.


एमपीए तबला सौम्या सेठ को पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा. बीपीए तबला नीलांचल पांडेय को पद्मविभूषण पं. किशन महाराज स्वरण पदक, पं. सदाशिव राव स्वर्ण पदक और स्वर्गीय चंटू लाल स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा. बीपीए तबला ईशांक सिंह अरोड़ा को पं. भातखंडे रजत पदक से नवाजा जाएगा. एमपीए कथक नृत्य रिया श्रीवास्तव को पं. भातखंडे रजत पदक दिया जाएगा. एमपीए भरतनाट्यम श्रेया वाजपेयी को स्वर्गीय वसंती सुब्रहमन्यम स्वर्ण पदक, के. मुत्तुकुमारन पिल्लै स्वर्ण पदक और पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा.


बीपीए भरतनाट्यम शिवम अवस्थी को पं. शिवदास द्विवेदी स्वर्ण पदक और ललिता शास्त्री स्वर्ण पदक दिया जाएगा. बीपीए कथक नृत्य ई ए ईशानी उर्चना को पं. शिवदास द्विवेदी स्वर्ण पदक, बीपीए कथक नृत्य पी के विहांगना रक्षन को पं. भातखंडे रजत पदक तथा बीपीए कथक नृत्य यू एम अमन नेथामी को पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया गया.

यह भी पढ़ें : अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में रोजगार मेले का आयोजन, मंत्री ने शिया काॅलेज से किया आगाज

लखनऊ : भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का 12वां दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की. दीक्षांत समारोह के मौके पर पद्मश्री गुरु दधीचि मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर मेधावियों का हौंसला बढ़ाया. समारोह के मौके पर स्नातक और परास्नातक के 155 विद्यार्थियों के अलावा पीएचडी के तीन विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं. कार्यक्रम शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के बाद जल भरो कार्यक्रम के साथ किया गया. मुख्य अतिथि नृत्याचार्य पदमश्री गुरु दधिचि ने भातखंडे संगीत संस्थान के पुराने रिश्तों की यादें साझा कीं.

राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कहा कि सांस्कृतिक विकास देश की समृद्धता का प्रतीक होता है. भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीन और समृद्ध संस्कृति में गिनी जाती है. हमारे देश में संगीत और नृत्य एक साधना है. उत्तर प्रदेश में शास्त्रीय, भक्ति और लोक संगीत की एक बृहद परम्परा स्थापित है. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा चारित्रिक गुणों का उच्चतम विकास करके ऐसे संस्कार देती है. जिसका हम व्यावहारिक जीवन में उपयोग करते हैं. संगीत मनुष्य को अंतर्मन तक प्रभावित करता है. इसके साथ ही राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में रोजगार परक शिक्षा से जोड़ने को भी कहा.

समारोह में मौजूद छात्र-छात्राएं.
समारोह में मौजूद छात्र-छात्राएं.

दीक्षांत के दौरान 22 मेधावी विद्यार्थियों को 47 पदक दिए गए. इसमें 30 को स्वर्ण, 9 को रजत और 8 को कांस्य पदक प्रदान किए गए. कथक नृत्य में एमपीए करने वाली पृथ्वी सिंह को सर्वाधिक आठ स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. मुख्य अतिथि नृत्याचार्य पदमश्री गुरु दधिचि ने कहा कि संगीत प्राणि मात्र के लिए ईश्वर का वरदान है. इसे ब्रह्मानंद सहोदर कहा जाता है. मंडलायुक्त एवं भातखंड संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रौशन जैकब ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट साझा की.


सबसे अधिक पृथ्वी सिंह को मिले पदक : राय उमानाथ बली मेधा स्वर्ण पदक, युवा आदित्य रंजन स्वर्ण पदक, लीला वामन राय सडोलीकर स्वर्ण पदक, डॉ. समर बहादुर सिंह स्वर्ण पदक, पं. मोहन राव कल्याणपुरकर स्वर्ण पदक, सरोजा वैद्यनाथन स्वर्ण पदक, सुभाष चन्द्र द्विवेदी स्वर्ण पदक, स्वर्गीय सरला श्रीवास्तव स्वर्ण पदक. गायन एमपीए में कर्नूरी हरीश सिंह, पं. वामन राव सडोलीकर स्वर्ण पदक, श्रीमती शीला सक्सेना स्वर्ण पदक, डॉ. सुरेन्द्र कुमार सक्सेना स्वर्ण पदक, पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर रजत पदक मिले. गायन में एमएपी आम्रपाली गुप्ता को पं. भातखंडे रजत पदक, पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर कांस्य पदक मिले.


गायन में बीपीए करने वाले अनुराग मौर्या को स्वर्गीय पुतली बाई स्वर्ण पदक, पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर एवं इंदिरा बाई सतंजनकर स्वर्ण पदक, पं. घनानन्द प्रकाश स्वर्ण पदक और स्वर्गीय शिशिर कुमार स्वर्ण पदक, बीपीए मानसी कनौजिया को पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर रजत पदक और पं. भातखंडे रजत पदक, बीपीए विदित जोशी को प. कृष्ण नारायण सतंजनकर कांस्य पदक और पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा.


एमपीए गायन में सौम्या श्रीवास्तव को पं. भातखंडे कांस्य पदक, बांसुरी वादन में एमपीए मुकेश कुमार को वीएस निगम स्वर्ण पदक, स्वर्गीय डॉ. मीता सक्सेना स्वर्ण पदक, शिवेंद्र नाथ बसु स्वर्ण पदक दिया जाएगा. बांसुरी में ही एमपीए शशिकांत को पं. भातखंडे रजत पदक से सम्मानित किया जाएगा. एमपीए वायलिन शगुन शुक्ला को पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा. बीपीए बांसुरी राहुल त्रिपाठी को स्वर्गीय मोनिका घोष स्वर्ण पदक और स्वर्गीय कृष्ण चन्द्र पन्त स्वर्ण पदक से नवाजा जाएगा. एमपीए तबला फलेश कुमार श्रीवास्तव को पं. सखाराम मृदंगाचार्य स्वर्ण पदक और स्वामी पागल दास मृदंगाचार्य स्वर्ण पदक मिलेगा. एमपीए तबला स्नेह देवी मौर्या को पं. भातखंडे रजत पदक से सम्मानित किया जाएगा.


एमपीए तबला सौम्या सेठ को पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा. बीपीए तबला नीलांचल पांडेय को पद्मविभूषण पं. किशन महाराज स्वरण पदक, पं. सदाशिव राव स्वर्ण पदक और स्वर्गीय चंटू लाल स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा. बीपीए तबला ईशांक सिंह अरोड़ा को पं. भातखंडे रजत पदक से नवाजा जाएगा. एमपीए कथक नृत्य रिया श्रीवास्तव को पं. भातखंडे रजत पदक दिया जाएगा. एमपीए भरतनाट्यम श्रेया वाजपेयी को स्वर्गीय वसंती सुब्रहमन्यम स्वर्ण पदक, के. मुत्तुकुमारन पिल्लै स्वर्ण पदक और पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा.


बीपीए भरतनाट्यम शिवम अवस्थी को पं. शिवदास द्विवेदी स्वर्ण पदक और ललिता शास्त्री स्वर्ण पदक दिया जाएगा. बीपीए कथक नृत्य ई ए ईशानी उर्चना को पं. शिवदास द्विवेदी स्वर्ण पदक, बीपीए कथक नृत्य पी के विहांगना रक्षन को पं. भातखंडे रजत पदक तथा बीपीए कथक नृत्य यू एम अमन नेथामी को पं. भातखंडे कांस्य पदक से सम्मानित किया गया.

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