लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में जहां एक से बढ़कर एक आलीशान मकान और नई कालोनियां बस रही हैं. वहीं बड़ी संख्या में ऐसे मकान भी हैं जो अग्रेजों के समय के काफी जर्जर हालत में है. इन घरों में रह रहे लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपने मकान की मरम्मत को भी करवा सकें. इन मकानों की हालत ये है कि कभी भी ये हादसों का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में इन मकानों में रहने वाले लोगों के साथ ही आसपास के घरों में रहने लोग भी असुरक्षित हैं.
इसके चलते लखनऊ नगर निगम ने इन जर्जर हो चुके मकानों की एक सूची बनाई है. यह मकान शहर के 8 जोन में स्थित है. इन मकानों की संख्या 216 से ज्यादा है, लेकिन नगर निगम के द्वारा लंबे समय से इन मकानों में रह रहे लोगों को केवल नोटिस दे रहा है. जबकि इन मकानों की जर्जर हालत को देखकर लोगों की जान-माल की हिफाजत करने का काम भी निगम का है. इसीलिए समय-समय पर जिला प्रशासन और नगर निगम जर्जर हालत वाले मकानों को गिराने का काम भी करते हैं. फिलहाल नगर निगम इस काम में लापरवाही बरत रहा है, जो कभी भी लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है.
जर्जर मकानों में रहने को हैं मजबूर
राजधानी लखनऊ को नवाबों का शहर भी कहा जाता है. इसकी बानगी देखने को मिलती है यहां की एक से बढ़कर एक पुरानी इमारतें से. बता दें कि पुराने लखनऊ में आज बड़ी संख्या में अब जर्जर इमारतों का बोलबाला है. इन इमारतों में रहने वाले लोगों की माली हालत अब खराब हो चुकी है, जिसके कारण वह अपने घरों की मरम्मत तक नहीं करा पा रहे हैं. बर्लिंगटन चौराहा, पुराने लखनऊ, डालीगंज से लेकर अमीनाबाद में भी ऐसे बहुत से जर्जर मकान हैं, जिनकी उम्र 100 साल को पार कर चुकी है. बावजूद इसके नगर निगम इन मकानों की सूची बनाकर हाथ पर रख कर हाथ बैठा हुआ है. जबकि इन मकानों को धराशाही होने से पहले नगर निगम की ऐसे घरों को खाली कराकर मकानों को गिराने की जिम्मेदारी भी है.
216 जर्जर मकानों को नगर निगम ने किया चिन्हित
नगर निगम की जोन 1 से लेकर जोन 8 तक 216 मकान जर्जर हालत में हैं. इनको नगर निगम के तरफ से चिन्हित किया गया है. वहीं इन मकानों में रहने वाले लोगों को नगर निगम के तरफ से नोटिस भी जारी हो चुका है. फिर भी आज तक इन मकानों को न तो खाली कराया जा सका है और न ही इन मकानों को गिराने की कोई कार्रवाई हुई है. फिलहाल लगता है कि नगर निगम को अब हादसों का इंतजार है.
किस जोन में कितने जर्जर मकान
- जोन 1 में 71 जर्जर मकान स्थित हैं.
- जोन 2 में 44 जर्जर मकान स्थित हैं.
- जोन 3 में 9 जर्जर मकान स्थित हैं.
- जोन 4 में 8 जर्जर मकान स्थित हैं.
- जोन 6 में 84 जर्जर मकान स्थित हैं.
जोन एक के रानी लक्ष्मीबाई वार्ड में राजा आनंद सिंह का मकान है. यह मकान अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है, जिसकी हालत काफी जर्जर हो चुकी है. वहीं शहर के नजरबाग में शकील अहमद का मकान भी पूरी तरह से जर्जर हालत में है. वहीं इस मकान में अभी भी करीब बारह लोग रहते हैं. वहीं यह मकान शहर की घनी आबादी में स्थित है, जिसके धराशाही होने से बड़ा जान माल का नुकसान भी हो सकता है. शहर के चौक इलाके में सराफा रोड पर सिद्धार्थ जैन का मकान है. यह मकान दी काफी जर्जर हालत में है. नगर निगम की तरफ से मकान पर नोटिस तो चिपका दी गई है, लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. हुसैनाबाद पुलिस चौकी के सामने रविंद्र कुमार के मकान पर भी 1 साल पहले ही नोटिस चस्पा कर दी गई है. अब जाकर इस मकान को नगर निगम की तरफ से अब गिराया गया है.
नगर आयुक्त ने दी जानकारी
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि ऐसे जर्जर मकानों को चिन्हित करने का काम जोन वार किया गया है. वहीं जो मकान जर्जर है, उनको नोटिस भी दी जा रही है और मकानों को खाली कराकर गिराने का काम भी किया जा रहा है.