ETV Bharat / state

आयुष्मान अस्पतालों की सूची से बाहर किए गए लखनऊ के 20 निजी अस्पताल - आयुष्मान योजना से 20 अस्पताल बाहर

पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का मकसद गरीब मरीजों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देना था. इस सूची में राजधानी लखनऊ के कई निजी अस्पताल भी जोड़े गए थे. इन निजी अस्पतालों पर आरोप है कि गरीब मरीजों द्वारा आयुष्मान योजना कार्ड दिखाने पर भी उनको निशुल्क इलाज नहीं दिया जा रहा था.

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई
author img

By

Published : May 14, 2019, 8:59 PM IST

लखनऊ : आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले तमाम अस्पतालों में से 20 निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने बाहर करने का आदेश दिया है. ये अस्पताल पीएम मोदी की आयुष्मान जैसी महत्वकांक्षी योजना का लाभ अपने अस्पतालों में आने वाले मरीजों को नहीं दे पा रहे थे.

इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने दी.

क्या है पूरा मामला

  • पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का मकसद गरीब मरीजों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देना था.
  • इस सूची में राजधानी लखनऊ के कई निजी अस्पताल भी जोड़े गए थे.
  • इन निजी अस्पतालों पर आरोप है कि गरीब मरीजों द्वारा आयुष्मान योजना कार्ड दिखाने पर भी उनको निशुल्क इलाज नहीं दिया जा रहा था.
  • इसके साथ ही उन सभी मरीजों से अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा था.
  • इनमें से कई सूचीबद्ध अस्पताल गरीबों का इलाज कर पाने में असमर्थ थे.
  • ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 अस्पतालों के नाम को इससे बाहर कर दिया है.
  • इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने दी.

लखनऊ : आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले तमाम अस्पतालों में से 20 निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने बाहर करने का आदेश दिया है. ये अस्पताल पीएम मोदी की आयुष्मान जैसी महत्वकांक्षी योजना का लाभ अपने अस्पतालों में आने वाले मरीजों को नहीं दे पा रहे थे.

इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने दी.

क्या है पूरा मामला

  • पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का मकसद गरीब मरीजों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देना था.
  • इस सूची में राजधानी लखनऊ के कई निजी अस्पताल भी जोड़े गए थे.
  • इन निजी अस्पतालों पर आरोप है कि गरीब मरीजों द्वारा आयुष्मान योजना कार्ड दिखाने पर भी उनको निशुल्क इलाज नहीं दिया जा रहा था.
  • इसके साथ ही उन सभी मरीजों से अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा था.
  • इनमें से कई सूचीबद्ध अस्पताल गरीबों का इलाज कर पाने में असमर्थ थे.
  • ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 अस्पतालों के नाम को इससे बाहर कर दिया है.
  • इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने दी.
Intro:आयुष्मान योजना समिति कि आने वाले दिनों में गरीबों को इलाज मिल पाएगा। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। और स्वास्थ विभाग ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत जुड़े हुए 20 निजी अस्पतालों को सूची से बाहर करने का आदेश दिया है। इससे साफ है। आयुष्मान जैसी महत्वकांक्षी योजना के अंतर्गत से ज्यादातर मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा।


Body:पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का मकसद गरीब मरीज को इलाज देना था। जो इलाज पाने में असमर्थ हो। लेकिन पीएम मोदी के इस योजना पर पानी फिरता दिख रहा है। दरअसल ऐसा इसलिए कि जब पीएम मोदी ने आयुष्मान योजना का शुभारंभ किया था। तो उसके अंतर्गत लगभग डेढ़ सौ अस्पतालों को सूची के अंतर्गत राजधानी के अस्पतालों में को जोड़ा गया था। इस सूची में निजी अस्पताल की राजधानी लखनऊ के शामिल थे। लेकिन इस योजना का लाभ लोगों को कितना मिल पा रहा है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ द्वारा राजधानी लखनऊ के बीच निजी अस्पतालों को इस सूची से निकाल दिया गया है।

निजी अस्पताल नही दे रहे थे। आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज।

निजी अस्पतालों पर आरोप है। कि मरीजों द्वारा आयुष्मान योजना कार्ड दिखाने पर भी निजी अस्पतालों द्वारा इन गरीब मरीजों को निशुल्क इलाज 5 लाख तक नहीं दिया जा रहा था। बल्कि उन सभी मरीजों को अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा था। इतना सब होने के बाद भी अस्पताल शासन द्वारा प्रश्न करने पर यह कहते थे कि उनके पास अभी तक कोई मरीज आयुष्मान योजना के अंतर्गत आया ही नहीं है और वे इन मरीजों से अपना शुल्क वसूल कर धांधली बाजी कर रहे थे ।

बाइट-डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ


Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.