लखनऊ: उत्तर प्रदेश के व्यापारी ही नहीं, विधायक भी जीएसटी से मायूस हैं. यूपी में आवंटित होने वाली विधायक निधि में भी 18 प्रतिशत की जीएसटी (18 percent GST) कटौती हो रही है. पहले विधायकों को पांच साल के कार्यकाल पर 25 करोड़ रुपये की धनराशि मिलती थी, जबकि अब उन्हें पांच साल में 20.5 करोड़ रुपये ही मिलेंगे. विधायक निधि में जीएसटी कटौती को लेकर उत्तर प्रदेश के विधायकों में नाराजगी है. यह मामला विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी सदन में गूंजता हुआ नजर आया.
विधायक निधि से जीएसटी की कटौती जनप्रतिनिधियों को परेशाम कर रही है. उत्तर प्रदेश में विधायकों को हर वर्ष पांच करोड़ रुपये उनकी निधि विकास कार्य के लिए दी जाती है. इस धनराशि को विधायक अपने क्षेत्र के विकास, संस्थाओं को अनुदान, रोगियों के इलाज आदि पर खर्च कर सकते हैं. अब तक विधायक निधि के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी की धनराशि अलग से आती थी, लेकिन अब इस धनराशि में से ही 18 प्रतिशत जीएसटी की कटौती होने लगी है. इस तरह पहले विधायकों को पांच साल के कार्यकाल पर 25 करोड़ रुपये की धनराशि मिलती थी, जबकि अब उन्हें पांच साल में 20.5 करोड़ रुपये ही विकास कार्य के लिए मिलेंगे. पांच साल में जीएसटी के 4 करोड़ 50 लाख रुपये विधायक निधि से ही कटेगी.
पिछले साल विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने विधायक निधि को 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने का बड़ा ऐलान किया था. सीएम के ऐलान के बाद वित्त विभाग ने विधायक निधि से ही 18 फीसद जीएसटी काटने का प्रावधान कर दिया. 4 करोड़ 50 लाख रुपये जीएसटी रेवेन्यू के तौर पर सरकार के खाते में वापस जा रही है. वित्त विभाग से इस फैसले विधायक नाराज हैं. उन्होंने इस मसले को शीतकालीन सत्र में उठाया था. कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा कहना है कि विधायकों को दी जाने वाली विधायक निधि से 18 फीसद जीएसटी नहीं काटनी चाहिए. इसकी व्यवस्था विधायक निधि के अतिरिक्त करनी चाहिए. आराधना मिश्रा ने कहा कि पिछले सत्र में मुख्यमंत्री ने विधायक निधि तीन करोड़ से 5 करोड़ कर दिया, लेकिन अब हमारी विधायक निधि से 18 फीसद जीएसटी कट रही है. ऐसे में 5 करोड़ से 90 लाख रुपये जीएसटी से कट जाएगा. ऐसे में चार करोड़ 10 लाख रुपये ही विधायकों को एक वर्ष में मिलेगा. कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा का कहना है कि इस कटौती के कारण विधायक निधि के माध्यम से होने वाले विकास कार्य प्रभावित होंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस विसंगति को दूर करने की मांग की. जीएसटी रिफंड के नियम भी ठीक नहीं है. उसमें एक लंबी प्रक्रिया है.
बहुजन समाज पार्टी के विधायक दल के नेता उमाशंकर सिंह (BSP leader Umashankar Singh) ने भी विधायक निधि से जीएसटी कटौती को विसंगति करार दिया. उन्होंने कहा कि विधायक निधि से जीएसटी 18 फीसद ली जा रही है. राज्य सरकार जीएसटी विधायक निधि के अतिरिक्त देने का फैसला करे. विधायक निधि से जीएसटी काटने का नियम बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं है और यह नियम संगत भी नहीं है. विधायक निधि से ही 18 फीसद जीएसटी लेने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने विधायक निधि को 18 फीसद जीएसटी से मुक्त करने की मांग की.
इस पूरे मामले में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना (Parliamentary Affairs Minister Suresh Khanna) ने कहा कि यह मामला विधायकों के स्तर पर संज्ञान में लाया गया है. सदन में भी इस मामले को उठाया गया है कि 18 फीसदी जीएसटी विधायक निधि से नहीं ली जानी चाहिए. इसकी व्यवस्था विधायक निधि के अतिरिक्त करना चाहिए. इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर इसे निस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा, क्योंकि सभी विधायक इसको लेकर नाराज नजर आ रहे हैं.